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केरल के भूस्खलन – क्या है कारण और कैसे बचें?

केरल में पिछले कुछ सालों में बारिश के साथ-साथ भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ गई हैं। लोग अक्सर सवाल करते हैं कि क्यों और क्या किया जा सकता है। इस लेख में हम कारणों, प्रभावित क्षेत्रों और तुरंत अपनाए जाने वाले बचाव उपायों पर बात करेंगे, ताकि आप और आपके परिवार को सुरक्षित रखा जा सके।

भूस्खलन के मुख्य कारण

पहला कारण है अधिक वर्षा। मानसून के दौरान तेज़ बारिश जलस्तर को बढ़ा देती है और मिट्टी कमजोर हो जाती है। दूसरा, पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे‑छोटे कटाव वाले हिस्से होते हैं, जहाँ पेड़‑पौधे कटे हों तो जड़ें मिट्टी को धँसाने में मदद नहीं करतीं। तीसरा, मानवीय हस्तक्षेप जैसे बिन अनुमति सड़क बनाना, कोटिंग हटाना या खेती के लिये जंगल साफ़ करना भी जोखिम बढ़ाता है। इन सबका मिलाजुला असर भूस्खलन को तेज़ बनाता है।

भूस्खलन के बाद क्या करें?

भूस्खलन के तुरंत बाद सबसे पहले खुद को और परिवार को सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए। अगर आप घर के पास सुन रहे हैं, तो तुरंत बाहर निकलें और खुले मैदान में जाएँ, जहाँ गिरते वस्तुओं का खतरा कम हो। अगर आप वाहन में हैं, तो धीरे‑धीरे रुकें और तेज़ आवाज़ वाली चेतावनी संकेतों का पालन करें। बचाव टीमों को बुलाने से पहले फायर‑ब्रिगेड या स्थानीय पुलिस को कॉल करें, क्योंकि समय पर मदद मिलना ज़रूरी है।

एक बार सुरक्षित हो जाने पर, अपने घर की स्थिति देखें। छत में पानी भर गया हो तो उसे निकालें, इलेक्ट्रिक वायर से दूर रखें और गैस सिलेंडर को सुरक्षित जगह पर रखें। अगर घर में पानी का रिसाव है तो तुरंत मुख्य वाल्व बंद कर दें और विशेषज्ञ को बुलाएँ।

भूस्खलन के बाद स्थानीय प्रशासन अक्सर राहत शिविर लगाता है। इन शिविरों में खाने‑पीने की चीज़ें, कपड़े और दवाइयाँ उपलब्ध होती हैं। अपने पते को सही तरीके से बताकर सहायता प्राप्त करें। अगर आप घायल हैं, तो सबसे पहले प्राथमिक उपचार करें और फिर अस्पताल ले जाएँ।

भविष्य में बचाव के लिए कुछ आसान उपाय अपनाएँ:

  • बारिश के मौसम में घर के आसपास के पेड़‑पौधों को ठीक रखें, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ मिट्टी ढीली हो।
  • जलनिकासी के लिए नालियां साफ़ रखें, ताकि पानी आसानी से बह सके।
  • स्थानीय प्रशासन के चेतावनी संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें, विशेषकर तेज़ बारिश के समय।
  • सुरक्षा उपायों की तैयारी रखें – टॉर्च, बर्तन, प्राथमिक उपचार किट और मोबाइल चार्जर।
  • भूस्खलन के जोखिम वाले क्षेत्रों में घर बनाते समय विशेषज्ञ की सलाह लें और उचित संरचनात्मक सपोर्ट लगवाएँ।

केरल में भूस्खलन अब आम बात बन गया है, लेकिन सही जानकारी और तैयारी से हम इस आपदा को कम नुकसान में बदल सकते हैं। अगर आप इन सुझावों को अपनाएँगे तो न सिर्फ़ आप खुद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आपके आसपास के लोग भी सुरक्षित रहेंगे। याद रखें, सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ही सबसे बड़ी रक्षा है।

केरल भूस्खलन: भारी बारिश के बाद राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी का वायनाड दौरा

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केरल के वायनाड में भूस्खलन से 40 से अधिक लोगों की जान जाने के बाद कांग्रेस नेताओं राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा का दौरा होगा। भारी बारिश के कारण मेप्पडी के पास पहाड़ी क्षेत्रों में यह हादसा हुआ। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से राहत और बचाव कार्यों को तीव्र गति से संचालित करने का आग्रह किया है।

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