राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा
केरल में आई भयानक भूस्खलन की चपेट में वायनाड जिले के कई क्षेत्रों में 40 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इस हादसे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। मेप्पडी के पास की पहाड़ियों में भारी बारिश और उसके चलते हुए भूस्खलन ने यहाँ के निवासियों की ज़िन्दगी पर गहरा असर डाला है। कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने घोषणा की है कि दोनों नेता जल्द ही यहाँ का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे।
भारी बारिश और भूस्खलन
मेप्पडी और उसके आसपास के हिल क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ, जिसमें 40 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने यहाँ के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। स्थानीय प्रशासन और राहत बलों द्वारा तेजी से बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं। लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं और राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इतनी बड़ी संख्या में हुए जान-माल के नुकसान ने सबको स्तब्ध कर दिया है।
कांग्रेस नेताओं की सक्रियता
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, जो कांग्रेस पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं, ने इस संकट की घड़ी में लोगों का साथ देने का निर्णय लिया है। केसी वेणुगोपाल ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मामले में पूरी सहायता का आश्वासन दिया है और स्थानीय प्रशासन को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के नेतृत्व में राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
संसद में उठेगा मुद्दा
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस सांसद हिबि इडन ने लोकसभा में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है और केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह जल्दी से जल्दी राहत और बचाव कार्यों को गति प्रदान करे। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मृतकों और उनके परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने की मांग की गई है।
भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव जबर्दस्त होता है और इसका सामना केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं हो सकता। यहाँ पर सामुदायिक सहयोग और स्थानीय लोगों की सहायता भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का दौरा न केवल राजनीतिक दिखावा होगा, बल्कि इस आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति और समर्थन का भी प्रतीक होगा।
सूत्रों की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, राहत और बचाव प्रयासों को अधिक समन्वयित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। दिन-रात जारी इन प्रयासों में सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी शामिल हैं। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और खाद्य सामग्री की आपूर्ति तेजी से बहाल की जा रही है।
इस मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनता से संयम बनाए रखने की अपील की है और विश्वास दिलाया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इस प्राकृतिक आपदा का प्रभाव कम किया जा सके। सेकेण्डरी स्कूलों से लेकर कॉलेज के छात्र भी स्वेच्छा से राहत कार्यों में जुटे हैं और प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं।
समाज के सभी तबकों ने इस आपदा के समय एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया है। कांग्रेस पार्टी की पहल और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के सक्रिय योगदान से आशा है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी और पीड़ित लोग अपने जीवन को फिर से संवार सकेंगे।
- लोकप्रिय टैग
- केरल भूस्खलन
- राहुल गाँधी
- प्रियंका गाँधी
- वायनाड
लोग टिप्पणियाँ
भूस्खलन के बाद नेताओं का दौरा तो होता ही है, लेकिन ये सवाल है कि इससे पहले सुरक्षा योजनाएँ क्यों नहीं बनाई गईं? यहाँ की पहाड़ियाँ सदियों से अस्थिर हैं, फिर भी नियोजन की कमी है। राहत तो अभी भी अनियमित है।
इतनी मौतें हुईं और अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया ये बस राजनीति है जिसमें लोगों की जान बलि चढ़ रही है
मैंने अपने दोस्त के गाँव में देखा था कि लोग खुद ही राहत शिविर बना रहे थे। बच्चे खाना बाँट रहे थे, बुजुर्ग चाय बना रहे थे। सरकार तो बस बयान दे रही है।
राहुल गांधी आएंगे तो फिर क्या होगा? उनका आना भूस्खलन को रोक देगा क्या? ये सब नाटक है जिसका फायदा सिर्फ चुनावी लाभ के लिए होता है
अरे भाई, राहुल गांधी आएंगे तो भूस्खलन रुक जाएगा? नहीं भाई, ये तो बस एक फोटो ऑपरेशन है... लेकिन अगर वो आएंगे तो फिर भी बेहतर है जबकि बैठे रहेंगे।
लोगों के दर्द को देखकर दिल टूट गया 😢 लेकिन ये दौरा अच्छा है... बस इतना ही नहीं, लोगों के घर भी बनवाए जाएं। ये तो बस एक फोटो शूट नहीं होना चाहिए।
इस आपदा के बाद राजनीतिक दौरे का आयोजन एक अत्यधिक अनुचित और नैतिक रूप से संदिग्ध कार्य है। राष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए एक व्यवस्थित और विशेषज्ञ-आधारित रणनीति की आवश्यकता है, न कि नेतृत्व के दौरे की।
ये तो बस एक राजनीतिक दिखावा है। भारत की सेना और NDRF जो रात दिन काम कर रही हैं, उनके बारे में कोई नहीं बोल रहा। ये लोग बस फोटो खींचने आए हैं। ये नेता तो बारिश के बाद आते हैं, जबकि नीति तो पहले ही बनानी चाहिए थी।
मैंने वायनाड से एक दोस्त को बात की है। उसने कहा कि लोग बहुत तंग हैं, लेकिन जब राहुल गांधी ने उनसे बात की तो उनकी आँखों में एक नई उम्मीद आ गई। ये दौरा बस राजनीति नहीं, इंसानियत का भी संकेत है।
इस दौरे के पीछे CIA और किसी विदेशी शक्ति का हाथ है... ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। भूस्खलन तो बनाया गया है ताकि लोगों को डरा दिया जाए।
मेरी बहन का घर भी बर्बाद हो गया। अब वो एक टेंट में रह रही है। लोगों को बताओ कि ये दौरा किस लिए है? ये तो बस एक फोटो ऑपरेशन है।
इस तरह की आपदाओं में नेताओं का दौरा नियमित और अनिवार्य है। यहाँ कोई भी अपराधी नहीं है। यहाँ कोई राजनीति नहीं है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी है।
ये भूस्खलन बस प्रकृति का गुस्सा नहीं, ये तो हमारे बर्बर विकास का परिणाम है। जंगल काटे गए, पहाड़ों को खोदा गया, नहरें भर दी गईं। अब जब बारिश हुई तो प्रकृति ने बदला ले लिया।
राहुल गांधी आएंगे तो भूस्खलन रुक जाएगा? ये सब झूठ है... ये तो बस एक शो है।
स्थानीय लोगों ने जो किया है वो असली काम है। बच्चों ने खाना बाँटा, युवाओं ने बचाव किया। नेताओं का दौरा तो आम बात है।
ये सब बस एक बड़ा राजनीतिक खेल है। इस आपदा का उपयोग किया जा रहा है। लोगों के दर्द को नजरअंदाज किया जा रहा है।