सवाई मानसिंह स्टेडियम: एक मुकाबला, कई सवाल
जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम आईपीएल में हमेशा से अपनी टॉफ पिच और रात के वक्त आने वाली ओस के लिए चर्चा में रहा है। कल का मैच राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस के बीच उसी मैदान पर था, जहां ज्यादातर मुकाबले चेज़ करने वाली टीमों ने जीते हैं। तापमान मैच के दौरान करीब 32°C तक गया, जिससे पिच और ड्यू दोनों ने खेल को खुलकर प्रभावित किया। राजस्थान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी, क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि यहां 60% मैच दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने जीते हैं।
आरआर का यह फैसला तब उल्टा पड़ा जब मैदान पर ओस पहले की उम्मीद से भी ज्यादा आई और गेंदबाजों के लिए काबू रखना मुश्किल हो गया। शुरुआती ओवरों में गेंदबाजों को उछाल जरूर मिली, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, स्पिनर्स के लिए कुछ हल्की मदद के अलावा ज्यादा कुछ नहीं बचा। मुंबई के बल्लेबाजों ने हालात का भरपूर फायदा उठाया।
मुंबई इंडियंस का विस्फोटक प्रदर्शन और राजस्थान की हार
मुंबई के ओपनर रोहित शर्मा और रायन रिक्टन ने तगड़ी शुरुआत दी। दोनों के बीच 121 रनों की साझेदारी राजस्थान की गेंदबाजी के हौसले तोड़ने के लिए काफी थी। बाद में सूर्यकुमार यादव और टिम डेविड ने आकर रन रेट को और तेज कर दिया। मुंबई ने कुल 210/4 का स्कोर खड़ा कर दिया — ये स्कोर उस पिच पर बड़ा माना जाता है, खासकर तब जब ओस से गेंद गीली होती जा रही हो।
राजस्थान के गेंदबाजों का अनुभव यहां फीका पड़ गया। पौवरप्ले से लेकर डेथ ओवर्स तक, कोई भी रणनीति काम नहीं आई। ड्यू के कारण तेज और स्पिन दोनों ही गेंदबाज ग्रिप खोते रहे। बल्लेबाजों के लिए शॉट लगाना आसान हो गया और मुंबई ने मैदान के चारों ओर रन बटोरे।
बल्लेबाजी के लिए उतरी राजस्थान को उम्मीद थी कि ओस और सपाट पिच उन्हें मदद करेगी, लेकिन मुंबई के गेंदबाजों ने प्रेशर नहीं बनने दिया। विकेट गिरते गए और रन चेज एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई। समय के साथ दबाव बढ़ा व टीम प्लेऑफ से बाहर हो गई।
- राजस्थान ने टॉस पर भरोसा कर मैच गंवा दिया।
- मुंबई की छठी लगातार जीत और टॉप की पोजिशन पक्की।
- ओस का असर दोनों टीमों पर दिखा, लेकिन रणनीति ने अंतर बनाया।
आईपीएल की इस भिड़ंत में प्लेऑफ की तस्वीर साफ हो गई है—मुंबई इंडियंस की टीम सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरी है। राजस्थान की हार, उनके फैंस और खुद टीम के लिए बड़ा झटका रही।
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लोग टिप्पणियाँ
ये मैच देखकर लगा जैसे किसी ने राजस्थान के दिल से बिजली की लाठी मार दी हो।
ओस का असर तो सबने देखा, पर मुंबई ने उसे अपनी ताकत बना लिया। राजस्थान की टीम तो बस खेल रही थी, मुंबई ने तो खेल को ही रीड़ दे दी।
ओस नहीं... ये सब टीम के अंदर किसी के भीतर बैठे गुप्त शत्रु का काम है। कोई डबल एजेंट है राजस्थान में।
हर मैच के बाद लोग बोलते हैं 'पिच थी गलत' या 'ओस थी ज्यादा'... पर असली सवाल ये है कि टीम ने उसे कैसे एडजस्ट किया? मुंबई ने एडजस्ट किया, राजस्थान ने बस बैठ गया।
राजस्थान के गेंदबाजों का अनुभव बेकार नहीं था, बस उनके विचारों में एक छोटी सी खाई थी-वो ओस को एक बाधा समझ रहे थे, न कि एक अवसर।
राजस्थान ने टॉस जीता था ना? तो फिर ये सब उनकी गलती है... अगर तुम टॉस जीतो तो बल्लेबाजी करो और फिर देखो कैसे दुनिया तुम्हें बर्बाद कर देती है।
इस टीम को तो बस बाहर निकाल देना चाहिए। ऐसी टीम आईपीएल में नहीं रहनी चाहिए। अगर तुम टॉस जीतकर भी गेंदबाजी कर दो, तो तुम्हारा खेल बस एक अनुमान है, न कि रणनीति।
मुंबई के खिलाफ राजस्थान का ये नुकसान... ये तो बस एक टीम के लिए नहीं, बल्कि एक जिले के लिए भी शर्म की बात है। आखिरी बार जब कोई टीम इतनी आसानी से खेल गंवाए, तब तो लोग बारिश में बैठकर चाय पी रहे थे।
बस एक बात... राजस्थान के लिए अब बस बाहर होना ही बेहतर है।
मुंबई ने बहुत अच्छा खेला, लेकिन राजस्थान के खिलाड़ी भी तो लड़े... बस थोड़ा अच्छा लग रहा होता अगर वो भी जीत जाते।
ओस ने नहीं, भाग्य ने फैसला किया। 🤷♀️
राजस्थान के बल्लेबाजों का रन रेट देखकर लगा जैसे वो बल्ला लेकर बैठे हों और बस देख रहे हों कि कैसे दूसरे खेल रहे हैं।
अगर तुम्हारी टीम टॉस जीतकर भी गेंदबाजी करती है, तो शायद तुम्हें टॉस जीतने का मौका देने की जरूरत ही नहीं है। 😊
कभी-कभी जीतने का मतलब होता है - तुम्हारी टीम का दिमाग तुम्हारे साथ हो। राजस्थान का दिमाग शायद अभी घर पर ही है। 🤔
पिच का असर नहीं था, टीम का दिमाग था गलत। बस इतना ही।
यहाँ कोई ओस नहीं, यहाँ एक राष्ट्रीय असफलता का वातावरण है। राजस्थान के खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझते।
मुंबई के बल्लेबाज बहुत अच्छे थे लेकिन राजस्थान के गेंदबाजों के लिए भी एक नए तरीके से खेलने की जरूरत थी
ये सब बातें बस एक शहर की नाकामी को छुपाने की कोशिश है। जब तक राजस्थान के खिलाड़ी अपने अंदर के डर को नहीं हराएंगे, तब तक ये टीम बस एक असफलता का नाम रहेगी।
मुंबई इंडियंस के लिए यह जीत एक अत्यंत आदर्श और नैतिक विजय है। राजस्थान रॉयल्स की विफलता उनकी अनुशासनहीनता का परिणाम है।