पेरिस ओलंपिक 2024 के पहले दिन की शुरुआत
पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत हो चुकी है, और पहले दिन भारत की नजरें शूटिंग और हॉकी में पदक पर हैं। भारतीय दल, जिसमें 100 से अधिक एथलीट्स हैं, पूरे जोश और उत्साह के साथ मुकाबले में उतरेगा। खासतौर पर शूटिंग और हॉकी में भारतीय टीम का प्रदर्शन देखने लायक होगा। टोक्यो 2020 में भारत ने सात पदक जीतकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था, जिससे इस बार की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।
शूटिंग में भारत की उम्मीदें
भारत ने इस बार 22 निशानेबाजों को पेरिस भेजा है, जो ओलंपिक इतिहास में सबसे बड़ी संख्या है। शूटिंग में पदक लाने के लिए चार कड़े ट्रायल्स के बाद इन निशानेबाजों को चुना गया है। इन ट्रायल्स ने उनके फॉर्म और तैयारियों को सख्ती से परखा।
मनु भाकर पर विशेष नजर होगी, जो तीन इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा करने जा रही हैं। मनु ने पहले भी इंटरनेशनल स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है। उनके अलावा, भारतीय निशानेबाजी टीम में अभिनव बिंद्रा का भी नाम शामिल है, जिन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था।
शूटिंग इवेंट्स की शुरुआत व्यक्तिगत रैंकिंग राउंड से होगी, जिसमें भारतीय निशानेबाज अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने की कोशिश करेंगे। इस बार टीम ने तकनीकी और मानसिक तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि खिलाड़ियों का प्रदर्शन सर्वोत्तम हो सके।
हॉकी में भारतीय टीम का मुकाबला
हॉकी में भारतीय पुरुष और महिला टीम दोनों का ही प्रदर्शन महत्वपूर्ण होगा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, और इस बार उनकी नजरें गोल्ड मेडल पर होंगी। टीम की नेतृत्व बहुत ही अनुभवी खिलाड़ियों के हाथों में हैं, जो पहले भी कई बार महत्वपूर्ण मुकाबले जीत चुके हैं।
महिला हॉकी टीम भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी। टीम ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी खेल की गुणवत्ता को काफी सुधार किया है। कोच और खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक के लिए विशेष ट्रेनिंग ली है, जिससे उनकी जीत की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की धमक
भारत का ओलंपिक में प्रदर्शन हर बार की तुलना में बेहतर होता जा रहा है। टोक्यो 2020 में सात पदक जीतकर भारत ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था। इस बार भी भारतीय एथलीट्स से उम्मीदें बहुत हैं। खेल मंत्री और अधिकारियों ने भी खिलाड़ियों की तैयारियों पर ध्यान दिया है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की है।
एथलीट्स की कड़ी मेहनत और तैयारियां
ओलंपिक के लिए चयनित सभी एथलीट्स ने कड़ी मेहनत और तैयारियां की हैं। हर किसी का सपना होता है कि वह देश के लिए पदक जीते। इस बार के ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एथलीट्स ने अपनी फिटनेस, तकनीक और मानसिक तैयारी पर विशेष काम किया है। टीम के कोच और सपोर्ट स्टाफ ने भी उनके प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रयत्न किए हैं।
खेल की दुनिया में भारत का स्थान
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रदर्शन खेल की दुनिया में देश का स्थान तय करेगा। एक सफल ओलंपिक अभियान न सिर्फ खिलाड़ियों का, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाता है। भारतीय एथलीट्स ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
अब सभी की नजरें पेरिस पर हैं, और उम्मीद है कि भारत इस बार पहले से भी बेहतर प्रदर्शन करेगा। चाहे वह शूटिंग हो, हॉकी या कोई और खेल, भारतीय दल के जज्बे और हौंसले को देखकर यह कहा जा सकता है कि वे देश के लिए नई ऊँचाइयाँ छुएंगे।
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लोग टिप्पणियाँ
बस शूटिंग में गोल्ड लाओ तो काफी है।
भारत के खिलाड़ी अब सिर्फ पदक नहीं, दुनिया को अपनी आत्मा का जश्न मना रहे हैं। हर निशाना एक कविता है, हर गेंद एक धुन। ये खेल नहीं, ये तो भावनाओं का संगीत है। 🎶🇮🇳
पेरिस में वो सब जो देख रहे हैं... वो सब CIA के एजेंट हैं। शूटिंग के टारगेट में चिप लगा है। तुम्हें पता है क्या होगा अगर बॉल गलत दिशा में जाए? 😳
मैंने देखा है टोक्यो में भारत ने जो किया वो असली जीत थी लेकिन इस बार टीम और ज्यादा तैयार है और लोगों का समर्थन भी बदल गया है
ये सब तो बस एक नाटक है। खिलाड़ियों को जो बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलतीं, उनको ओलंपिक पर भेजना बेकार है। जब तक गाँव के स्कूलों में शूटिंग रेंज नहीं बनेगी, ये सब बस फोटोशूट है।
इस तरह के खेलों में भाग लेने वाले युवाओं को सरकार को अधिक समर्थन देना चाहिए। यह एक राष्ट्रीय गौरव का मुद्दा है और इसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
मनु भाकर के लिए तो ये ओलंपिक बस एक और फेस्टिवल है। लेकिन जब तक हम अपने खिलाड़ियों को देश के लिए नहीं बनाएंगे, बस नाम लेकर चलेंगे। 🌸
क्या कोई जानता है कि शूटिंग टीम के लिए जो नए राइफल्स आए हैं, वो चीन से हैं? और उनके सर्टिफिकेट्स की असलियत कौन वेरिफाई कर रहा है?
इतनी मेहनत करने वाले लोगों के लिए बस एक धन्यवाद भी नहीं कह पाते। बहुत बहुत बधाई। 🙏❤️
मैंने जब अपने बेटे को शूटिंग के लिए ले जाया तो उसकी आँखों में वो चमक थी जो कभी टीवी पर नहीं देखी। अब तो मैं उसका हर शूट लाइव देखता हूँ। ये खेल हमारे घरों का हिस्सा बन गया है।
मैं तो सोचता हूँ कि अगर हम बस एक बार भी अपने खिलाड़ियों के बारे में उतना ही बात करें जितना क्रिकेट के बारे में, तो शायद देश का खेल जीवन बदल जाए। हॉकी के लिए भी एक बार जय हिंद बोल दें।