महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में अवकाश की स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के कारण, भारतीय शेयर बाजार में अवकाश बुधवार, 20 नवंबर, 2024 को घोषित किया गया है। यह अवकाश बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) जैसी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर लागू रहता है। भारतीय चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर 2024 को घोषणा की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक ही चरण में होंगे, जिसमें कुल 288 सीटों पर 4,136 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन चुनावों के परिणाम घोषित करने के लिए मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।
व्यापारिक खंडों पर असर
शेयर बाजार में अवकाश के कारण, हर प्रकार के सेगमेंट्स जैसे इक्विटी, डेरिवेटिव्स, और सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग (एसएलबी) सेवाओं में व्यापार बंद रहेगा। हालाँकि, मल्टी कोमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के लिए प्रात:कालीन सत्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहेगा, जबकि शाम का सत्र सामान्य रूप से 5 बजे से 11:55 बजे तक खुला रहेगा। विशेष कृषि वस्त्रों का व्यापार रात 9 बजे तक होगा। राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पूरी तरह बंद रहेगा।
पूर्व दिन के व्यापारिक परिदृश्य
अवकाश से एक दिन पहले, 19 नवंबर, 2024 को, भारतीय शेयर बाजार में विशेष उतार-चढ़ाव देखा गया। बीएसई सेंसेक्स ने इंट्राडे व्यापार के दौरान 1,000 अंक से अधिक की वृद्धि की, लेकिन अंत में सिर्फ 239 अंक या 0.31% के मामूली बढ़त के साथ 77,578.38 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी50 ने भी 64.7 अंकों या 0.28% की बढ़त के साथ 23,518.50 के स्तर पर समापन किया।
आगामी चुनौतियाँ और अवसर
हाल के दिनों में, निफ्टी50 ने अपने उच्चतम स्तर से लगभग 10% का सुधार देखा है, 27 सितंबर को रिकॉर्ड ऊँचाई 26,277 पर पहुँचे के बाद। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय इक्विटी पर बना हुआ नकारात्मक दृष्टिकोण भी इन आंकड़ों में प्रमुख भूमिका निभाता है। नवंबर के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने 22,420 करोड़ रुपये निकाले, जबकि अक्टूबर में 1.14 लाख करोड़ रुपये की भारी निकासी दर्ज की गई थी।
भविष्य की व्यापारिक संभावनाएं
शेयर बाजार में अगला अवकाश 25 दिसंबर, 2024 को क्रिसमस डे के अवसर पर होगा। इस बीच, निवेशक और बाजार विशेषज्ञ आगामी आर्थिक और राजनीतिक घटनाओं पर करीबी नज़र बनाए रखी हुई है। उन्हें उम्मीद है कि चुनावों के बाद का व्यापारिक परिदृश्य नए निवेश अवसरों के साथ बाजार को पुनर्जीवित करने का प्रोत्साहन देगा।
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लोग टिप्पणियाँ
अवकाश का फायदा ये है कि बाजार को थोड़ा सांस लेने का मौका मिलता है। जब तक चुनाव का नतीजा नहीं आता, तब तक लोग बस बैठे रहते हैं। मैंने देखा है कि ऐसे दिनों में बड़े निवेशक अपनी स्ट्रैटेजी रिवाइज कर लेते हैं। अगले हफ्ते जब मतगणना होगी, तो शायद कुछ नए ट्रेंड्स दिखें।
ये सब बकवास है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का अवकाश? बस एक और तरीका है जिससे सरकार लोगों को भ्रमित करती है। चुनाव के बाद भी तो वही लोग आ जाएंगे। इन चुनावों का कोई असर नहीं होता। बस जनता को धोखा देने का एक शानदार तरीका।
भारत की राजनीति और बाजार का रिश्ता ऐसा ही है - एक नाटक, एक नृत्य, एक अनंत गीत। जब चुनाव आते हैं, तो बाजार थम जाता है, मन भी थम जाता है। लेकिन फिर भी, जैसे ही नतीजे आते हैं, वैसे ही बाजार गाना गाने लगता है। ये देश अपने नागरिकों की आवाज सुनता है - बाजार भी उसी का अनुवाद करता है।
क्या तुमने सुना है कि एफपीआई ने 1.14 लाख करोड़ निकाले? ये सब बातें बनाई गई हैं। असल में कोई बड़ा नेटवर्क है जो बाजार को नियंत्रित कर रहा है। चुनाव बस ढोंग है। अगले दिन कुछ भी नहीं बदलेगा। तुम जो भी करो, वो तुम्हारे लिए नहीं है।
मतगणना के बाद जब बाजार फिर से खुलेगा तो शायद निफ्टी फिर से 26000 के पार जा सकता है। अगर नया सरकारी ब्लॉक ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया तो इंफ्रा और रियल एस्टेट सेक्टर बूम हो सकता है। लेकिन अभी तो बस इंतजार करना है।