दिल्ली चुनाव नतीजे 2025: भाजपा ने 40 सीटें जीतीं, केजरीवाल नई दिल्ली से हारे

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा का बड़ा धमाका

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया जब भाजपा ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की। ये एक ऐतिहासिक जीत थी जिसने राजधानी में भाजपा को 27 साल बाद सत्ता में वापसी करवाई। भाजपा के परवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली से हराकर सबको चौंका दिया। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठजोड़ (एनडीए) ने कुल 70 सीटों पर विजय प्राप्त की।

आप और कांग्रेस को बड़ा झटका

आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिलीं, जो उनके लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। पार्टी के कई घोषणापत्र वादे, जैसे महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की सहायता राशि और बेहतर सार्वजनिक सेवाएं, उन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं दिला सकीं। दूसरी ओर, कांग्रेस एक बार फिर चुनावी संघर्ष में पिछड़ गई और सिर्फ 2 सीटों पर ही अपनी छाप छोड़ सकी।

इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत 60.54% था, जिसमें मुस्तफाबाद क्षेत्र में सबसे अधिक 69% मतदान हुआ। आप के प्रमुख चेहरे जैसे आतिशी (कालकाजी) और मनीष सिसोदिया (जंगपुरा) ने अपनी सीटें बरकरार रखीं, जबकि भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने कालकाजी में जीत दर्ज की।

एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि इस चुनाव में 118 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे, और इनमें से 71% करोड़पति थे। यह तथ्य चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और ईमानदारी पर प्रश्न चिन्ह उठाता है।

भाजपा की इस भारी जीत ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी कौशल और उनकी पार्टी की रणनीति को उजागर किया, जिसमें उन्होंने शहरी अवसंरचना और सामाजिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया। इस चुनावी जीत ने दिल्ली की राजनीति में एक नया आयाम जोड़ा है, जिससे आने वाले वर्षों के लिए कई नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ खड़ी होंगी।

लोग टिप्पणियाँ

  • Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali फ़रवरी 10, 2025 AT 13:14

    अरे भाई, 40 सीटें? ये तो बस एक बार फिर से वो ही पुरानी कहानी है... जब तक लोग भावनाओं के बजाय बैगेज की बात करेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। और हाँ, केजरीवाल की हार ने सिर्फ एक पार्टी को नहीं, बल्कि एक उम्मीद को भी दफना दिया।

  • Upendra Gavale
    Upendra Gavale फ़रवरी 11, 2025 AT 20:30

    भाजपा ने जीत ली... अब सबको मिठाई खिलानी होगी 😅 बस याद रखना, जब तक बिजली नहीं आती, तब तक ये सब बस ट्वीट्स का खेल है। जिंदगी बदल जाएगी? नहीं भाई, बस बिल बदल जाएंगे 💸

  • abhimanyu khan
    abhimanyu khan फ़रवरी 12, 2025 AT 08:34

    चुनावी परिणामों के आधार पर राजनीतिक विश्लेषण करने के लिए आंकड़ों की गहन व्याख्या आवश्यक है। यहाँ दर्शाया गया विजय एक लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति है, जिसमें नागरिकों ने अपने विकल्पों के आधार पर निर्णय लिया है। इसके विपरीत, आप के घोषणापत्रों की अक्षमता को अर्थव्यवस्था के आधार पर नहीं, बल्कि नीतिगत असफलता के रूप में देखा जाना चाहिए।

  • Jay Sailor
    Jay Sailor फ़रवरी 13, 2025 AT 18:17

    यह जीत केवल भाजपा की नहीं, भारत की है। जब एक राष्ट्र अपने आंतरिक शक्तियों को जागृत करता है, तो वह किसी भी दल के नेतृत्व को अस्वीकार नहीं करता-वह अपने भविष्य को चुनता है। ये जीत एक बार फिर साबित करती है कि दिल्ली अब न केवल राजधानी है, बल्कि एक नए भारत का दिल है। जो लोग इसे अस्वीकार करते हैं, वे अपने अतीत के जाल में फँसे हुए हैं।

  • Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy फ़रवरी 14, 2025 AT 21:26

    मुझे लगता है कि जो लोग आज भाजपा के समर्थन में हैं, उन्होंने शायद बस एक अलग तरह की सुरक्षा की तलाश की है। और जो लोग निराश हैं, उनकी भावनाएँ भी वैध हैं। अब सबको बस एक साथ बैठकर बात करनी होगी-क्योंकि दिल्ली का भविष्य सबका है।

  • Ronak Samantray
    Ronak Samantray फ़रवरी 16, 2025 AT 14:58

    118 उम्मीदवारों पर मामले... 71% करोड़पति... सोचो ना, ये सब तैयारी से नहीं, बल्कि एक बड़ी योजना से हुआ है। 🤫 ये सब जानकारी छिपाई जा रही है।

  • Anil Tarnal
    Anil Tarnal फ़रवरी 17, 2025 AT 22:08

    मैं तो बस यही कहना चाहता हूँ कि जब मैंने अपनी बहन को अपने घर पर रखा तो उसकी बीमारी बढ़ गई... और अब ये चुनाव... ये सब एक ही बात है... लोग बेचारे भूखे हैं... कोई नहीं सुनता... कोई नहीं समझता... मैं तो रो रहा हूँ...

  • Viraj Kumar
    Viraj Kumar फ़रवरी 19, 2025 AT 16:51

    अपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या का विश्लेषण दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया में नैतिक अवनति एक गहरी और व्यवस्थित समस्या है। भारतीय नागरिकों के लिए यह एक चेतावनी है कि वे अपने वोट के माध्यम से अपराधी व्यक्तियों को अधिकार प्रदान कर रहे हैं। यह लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ एक अपराध है।

  • Shubham Ojha
    Shubham Ojha फ़रवरी 21, 2025 AT 04:28

    ये जीत सिर्फ एक दल की नहीं, एक नए दिल्ली की है-जहाँ हर गली में नया सपना बुना जा रहा है, हर बस स्टॉप पर नई उम्मीद बस रही है। जब लोग बिजली के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के लिए वोट करते हैं, तो वो बस एक चुनाव नहीं, एक जागृति है। दिल्ली ने आज एक नया गीत गाया है-और ये गीत बस एक पार्टी का नहीं, एक जनता का है। 🎶

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