22 नवंबर, 2025 को एशेज टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट दो दिनों में समाप्त हो गया — ये वो पल था जब क्रिकेट का इतिहास फिर से लिखा गया। ये पहला एशेज टेस्ट बन गया जो 1921 के बाद किसी भी एशेज टेस्ट से जल्दी खत्म हुआ। और नहीं, ये सिर्फ एक अजीब घटना नहीं थी। इस टेस्ट में कुल 592 ओवर बोले गए, जो 1888 के बाद से सबसे कम बॉल्स बोले जाने वाला टेस्ट है। ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 205 रनों के लक्ष्य पर 2 विकेट खोकर रोक दिया, और खुद को 12 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पॉइंट्स के साथ बाहर निकाल लिया। इंग्लैंड को शून्य।
क्या हुआ था वो दो दिन?
पहली पारी में इंग्लैंड की टीम ने सिर्फ 172 रन बनाए 32.5 ओवर में। Mitchell Starc ने 12.5 ओवर में सात विकेट लिए — 58 रन के बदले। ये उनका सबसे असरदार प्रदर्शन नहीं था, बल्कि ये एक तरह का बयान था: ‘हम यहाँ जीतने आए हैं, और जल्दी।’ ऑस्ट्रेलिया ने जवाब में सिर्फ 132 रन बनाए 45.2 ओवर में — ये भी एक अजीब लगा, क्योंकि बल्लेबाजी बहुत कमजोर लग रही थी। लेकिन फिर आया दूसरा इनnings।
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 164 रन बनाए 34.4 ओवर में। गुस एटकिन्सन ने 37 रन बनाए, लेकिन वास्तविक हीरो थे ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स। इंग्लैंड को 206 रनों का लक्ष्य दिया गया। और फिर... ट्रैविस हेड ने आक्रमण शुरू कर दिया।
ट्रैविस हेड: एक सदी, जिसने इतिहास बदल दिया
ट्रैविस हेड ने 83 गेंदों में 123 रन बनाए — और इसके साथ उन्होंने एशेज इतिहास में दूसरी सबसे तेज़ शतक लगाई। सिर्फ 69 गेंदों में पहुँच गए शतक। ये एक ऐसा प्रदर्शन था जिसे देखकर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने खुद को रोकने का फैसला किया। जब इंग्लैंड 205 रन पर 2 विकेट खोकर था, तो मैच बंद हो गया। इंग्लैंड के लिए एक रन और एक विकेट कम था। ये निराशा की अनुभूति थी।
लेकिन ये सिर्फ हेड का नहीं था। Ben Stokes ने इंग्लैंड के लिए 5 विकेट लिए 6 ओवर में — 23 रन के बदले। उनका बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान एक अनूठी जोड़ी थी। लेकिन जब बल्ला उनके हाथ में था, तो वो भी बच नहीं पाए। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने उन्हें भी बाहर कर दिया।
दूसरा और तीसरा टेस्ट: गर्मी, नाथन लायन और जीत का रास्ता
पहले टेस्ट के बाद श्रृंखला आगे बढ़ी। दूसरा टेस्ट 4 से 7 दिसंबर, 2025 तक चला — एक डे-नाइट मैच। इंग्लैंड ने 334 रन बनाए, जिसमें Joe Root ने 138* बनाए। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने जवाब में 511 रन बनाए, जिसमें Mitchell Starc ने अपने बल्ले से 77 रन बनाए। ये एक अनूठी बात थी: एक गेंदबाज जो अपने बल्ले से टीम को बचा रहा था।
फिर आया तीसरा टेस्ट — 17 दिसंबर से 21 दिसंबर, 2025। यहाँ गर्मी ने खिलाड़ियों को चुनौती दी। 18 दिसंबर को तापमान 40°C से ऊपर पहुँच गया। ऑस्ट्रेलियाई ऑफ-स्पिनर Nathan Lyon ने इस टेस्ट के दौरान एक ऐतिहासिक मील का पत्थर लगाया। वो एशेज इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले स्पिनर बन गए। लेकिन ये आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुआ — अभी भी विवरण अधूरे हैं।
क्यों ये टेस्ट इतना खास है?
क्योंकि ये एक ऐसा मैच था जिसमें बल्लेबाजी ने नहीं, गेंदबाजी ने इतिहास बनाया। एक टीम ने दो दिनों में दूसरी टीम को निगल लिया। ये नहीं होता। आज के टेस्ट क्रिकेट में, जहाँ दो दिन का खेल एक रिकॉर्ड होता है, ये एक अपवाद नहीं, बल्कि एक बयान है।
इंग्लैंड के लिए ये एक बड़ी चुनौती है। उनकी बल्लेबाजी बहुत कमजोर दिखी। ऑस्ट्रेलिया के लिए ये एक शक्ति का प्रदर्शन था — उनके तेज गेंदबाजों ने बिना किसी देरी के खिलाड़ियों को बाहर कर दिया। और ये नहीं कि वो बहुत अच्छे बल्लेबाज थे। बल्कि वो बहुत तेज़ गेंदबाज थे।
अगला क्या है?
अब एशेज सीरीज के बाकी मैच शेष हैं। ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआत बहुत मजबूत की है। लेकिन इंग्लैंड के पास अभी भी समय है। अगर वो अपनी बल्लेबाजी को ठीक कर लें, तो वो अभी भी सीरीज बचा सकते हैं। लेकिन अगर वो फिर से इतनी जल्दी बाहर हो गए, तो ये सीरीज ऑस्ट्रेलिया के नाम हो जाएगी।
और एक बात और: इस टेस्ट ने सवाल खड़े किए हैं। क्या आज का क्रिकेट बहुत तेज़ हो गया है? क्या बल्लेबाजी की भूमिका कम हो रही है? ये सवाल अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
एशेज टेस्ट कब तक दो दिनों में खत्म हुआ था?
1921 के बाद से यह पहला एशेज टेस्ट था जो दो दिनों में खत्म हुआ। पिछला ऐसा मैच 1921 में ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड के बीच हुआ था। इस बार 2025 में, 22 नवंबर को यह रिकॉर्ड फिर से बना।
ट्रैविस हेड का शतक क्यों इतना खास है?
ट्रैविस हेड ने केवल 69 गेंदों में शतक लगाया — ये एशेज इतिहास में दूसरा सबसे तेज़ शतक है। पहला रिकॉर्ड 1982 में डेविड बॉर्डर ने बनाया था। ये शतक एक रणनीतिक आक्रमण का प्रतीक था, जिसने इंग्लैंड की टीम को मनोबल से भी बाहर कर दिया।
मिचेल स्टार्क ने इस टेस्ट में क्या किया?
मिचेल स्टार्क ने पहली पारी में 12.5 ओवर में 7 विकेट लिए — केवल 58 रन देकर। ये उनका सबसे असरदार टेस्ट प्रदर्शन था। उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को घबरा दिया, और इस तरह टीम को जीत की ओर ले गए।
नाथन लायन का ऐतिहासिक मील का पत्थर क्या है?
तीसरे टेस्ट के दौरान, नाथन लायन ने एशेज इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले स्पिनर बन गए। वो अब एशेज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले ऑफ-स्पिनर हैं, जिसका आधिकारिक रिकॉर्ड अभी घोषित होना बाकी है।
इंग्लैंड के लिए अगला क्या है?
इंग्लैंड को अपनी बल्लेबाजी को बहुत सुधारने की जरूरत है। उनकी पहली पारी में 172 रन बनाना बहुत कमजोर था। अगर वो अगले मैच में भी इतनी कमजोरी दिखाते हैं, तो सीरीज ऑस्ट्रेलिया के नाम हो जाएगी।
क्या ये टेस्ट भविष्य के लिए एक नया मानक बन सकता है?
शायद नहीं। ये एक असामान्य घटना थी — तेज़ पिच, अच्छी गेंदबाजी और बल्लेबाजी की कमजोरी का मिश्रण। लेकिन ये दिखाता है कि आज का क्रिकेट कितना तेज़ हो सकता है। अगर बल्लेबाज अपनी रणनीति नहीं बदलते, तो ऐसे मैच अब आम हो सकते हैं।
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