नेटफ्लिक्स फिल्म 'इट्स व्हाट्स इनसाइड': अनोखा रिवेंज प्लॉट

फिल्म की कहानी और मुख्य पात्र

नेटफ्लिक्स की हालिया स्ट्रीमिंग फिल्म 'इट्स व्हाट्स इनसाइड' ने दर्शकों के बीच सनसनी फैला दी है, खासकर इसलिए क्योंकि इसकी कहानी में लगे रहस्यों का पर्दाफाश सीधे आपकी कल्पना को चुनौती देता है। कहानी का प्रारंभ एक सामान्य शिविर सप्ताहांत की तरह होता है, जब कॉलेज दोस्त रूबेन के शानदार एस्टेट में उसके विवाह से पहले एकत्र होते हैं। लेकिन यह कोई साधारण मिलन नहीं है। यहां के अज्ञात दृश्यों में छिपा हैं एक खतरनाक मोड़ जो हर किसी की धारणाओं को ध्वस्त कर देता है, खासकर जब फ्रॉबस एक अनोखी मशीन प्रस्तुत करता है।

मुख्य पात्र साइरस और शेल्बी एक जटिल रिश्ते में उलझे हुए हैं, और इस सभा में शामिल होकर वे अपने पुराने दोस्तों के साथ कुछ मस्ती के पल बिताना चाहते हैं। मगर फ्रॉबस द्वारा लाई गई स्वैपिंग मशीन पूरी स्थिति को उलट-पुलट कर देती है। जैसे ही वे एक-दूसरे के शरीर में प्रवेश करते हैं, एक तहस-नहस कर देने वाली रात में बदल जाती है, और बाद में उस रात दो लोगों की मौत के साथ समाप्त होती है।

बीट्रिस का बदला और समूह का संकट

जैसे ही फिल्म आगे बढ़ती है, इनके बीच खुद के शरीर में वापस लौटने की हड़बड़ी शुरू होती है, क्योंकि एक-दो शरीर अब वापसी की स्थिति में नहीं हैं। यह घटनाक्रम भावनाओं की गहराई और छद्म विश्वासघात के नेटवर्क को दर्शाता है। लेकिन असली मोड़ तब आता है जब बीट्रिस, जो फ्रॉबस की बहन होती है, अपने भाई के शरीर का उपयोग करती है।

इस प्लॉट का असली रहस्य तब उजागर होता है जब यह पता चलता है कि बीट्रिस इसी योजना का मास्टरमाइंड रही है। उसने इस मशीन का उपयोग अपनी दुश्मनी पूरी करने के लिए किया। यह दुश्मनी तब से थी जब एक हाई स्कूल पार्टी में डेनिस के साथ उसकी मुठभेड़ हुई थी। इस पूरी योजना का परिणाम रूबेन और ब्रूक की मौत और साइरस का फंसना साबित होता है।

आखिरी दृश्य और अस्तित्व की उथल-पुथल

फिल्म का अंत एक नए सवाल के साथ होता है - क्या समूह अपनी पहचान वापस पा सका? जबकि एक-एक करके हर कोई अपने दोस्त के शरीर से निकलता है, बीट्रिस डेनिस के ट्रस्ट फंड का पैसा चुराकर निकल जाती है। फिल्म इसी मुद्दे के साथ दर्शकों को छोड़ देती है कि क्या सही रूप में लौटना सभ्य उपाय साबित हुआ या नहीं।

यही 'इट्स व्हाट्स इनसाइड' का सार है, जो दर्शकों को अपने क्षणिक अस्तित्व के सबसे गहरे सवालों पर विचार करने के लिए मजबूर करता है। यह तकनीकी ट्रिक एक साधारण कहानी को एक विचलित करने वाली मानव गाथा में बदल देती है।

लोग टिप्पणियाँ

  • Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy अक्तूबर 6, 2024 AT 17:24

    इस फिल्म ने मुझे बिल्कुल हिला दिया। बीट्रिस का बदला इतना धीरे-धीरे बन रहा था कि मैंने अंत तक नहीं समझा। शायद ये एक ऐसी फिल्म है जिसे दो बार देखना पड़े।

  • Ronak Samantray
    Ronak Samantray अक्तूबर 6, 2024 AT 23:50

    मशीन नहीं... ये सब सरकार का एक टेस्ट है। 🤫

  • Anil Tarnal
    Anil Tarnal अक्तूबर 7, 2024 AT 02:21

    मैंने फिल्म देखी और रो पड़ा। बीट्रिस के चेहरे पर जो भाव थे... वो किसी ने नहीं बताया था लेकिन मैंने समझ लिया। वो अकेली थी। और अब भी है।

  • Viraj Kumar
    Viraj Kumar अक्तूबर 7, 2024 AT 10:21

    इस फिल्म में नैतिकता का कोई आधार नहीं है। बीट्रिस ने जो किया, वो अपराध है। यह न तो न्याय है और न ही साहस। यह बस एक भयानक अपराध है।

  • Shubham Ojha
    Shubham Ojha अक्तूबर 8, 2024 AT 04:48

    अरे भाई, ये फिल्म तो भारतीय अनुभव की बात कर रही है - जब तुम अपने दोस्त के शरीर में घुस जाते हो और उसकी जिंदगी का सारा बोझ उठाने लगते हो। बीट्रिस ने बस एक गहरा बदलाव लाने की कोशिश की। ये कोई साइंस फिक्शन नहीं... ये हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी है।

  • tejas maggon
    tejas maggon अक्तूबर 8, 2024 AT 08:20

    mashine ka koi proof nahi hai... ye sab government ka plan hai 🤯

  • Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan अक्तूबर 8, 2024 AT 22:36

    फिल्म का मुख्य संदेश ये है कि हम कितने आसानी से दूसरों के जीवन में घुस जाते हैं बिना उनकी इजाजत के। बीट्रिस ने बस इसे शारीरिक रूप दे दिया।

  • Keshav Kothari
    Keshav Kothari अक्तूबर 10, 2024 AT 15:14

    फिल्म बहुत बोरिंग थी। सब कुछ बहुत ज्यादा ओवरथिंक किया गया।

  • Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch अक्तूबर 11, 2024 AT 21:28

    बीट्रिस का किरदार बहुत बोरिंग था।

  • Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar अक्तूबर 13, 2024 AT 17:40

    मुझे लगता है कि ये फिल्म किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए एक शीशा है जिसने कभी किसी के दर्द को अपना बना लिया हो। बीट्रिस ने बस एक अजीब तरीके से अपनी आत्मा को बचाने की कोशिश की।

  • nishath fathima
    nishath fathima अक्तूबर 15, 2024 AT 10:08

    इस तरह की फिल्में बच्चों को बुरी आदतें सिखाती हैं। इसे बैन कर देना चाहिए।

  • DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI अक्तूबर 15, 2024 AT 22:05

    वाह ये तो बहुत अच्छा था 😊 बीट्रिस का किरदार बहुत गहरा था। अगर आपने इसे एक बार देखा है तो दोबारा देखिए - बहुत कुछ छिपा है।

  • vineet kumar
    vineet kumar अक्तूबर 16, 2024 AT 01:29

    यह फिल्म अस्तित्ववाद की एक अनूठी व्याख्या है। शरीर और आत्मा के बीच का संबंध जिस तरह से दर्शाया गया है, वह एक नए दर्शन की शुरुआत है। बीट्रिस ने अपने आप को एक नए अस्तित्व में बदल दिया - और यही तो जीवन है।

  • Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty अक्तूबर 16, 2024 AT 23:26

    बीट्रिस का बदला तो बहुत शानदार था लेकिन रूबेन की मौत बेकार थी। उसे बचा लेते तो फिल्म बेहतर होती

  • Ratna El Faza
    Ratna El Faza अक्तूबर 18, 2024 AT 09:25

    मुझे लगता है बीट्रिस ने सही किया। क्योंकि उसका दर्द किसी ने नहीं सुना था।

  • Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy अक्तूबर 18, 2024 AT 10:14

    मैंने तुम्हारी बात सुनी। मैं भी उसी बात पर विचार कर रही थी। बीट्रिस ने बस अपनी आवाज़ निकालने का एक अजीब तरीका चुना। लेकिन ये फिल्म असल में सबको बता रही है - कभी-कभी बदला लेना ही एकमात्र तरीका होता है जब सब कुछ चुप हो जाए।

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