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तलाक: क्यों, कैसे और कब?

बहस और झगड़े अक्सर रिश्ते को खत्म कर देते हैं, लेकिन तलाक सिर्फ एक औपचारिक कदम है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस मोड़ पर खड़ा है, तो सही जानकारी होना बहुत मददगार होता है। यहाँ हम तलाक के मुख्य कारण, अदालत की प्रक्रिया और कुछ व्यावहारिक टिप्स को आसान भाषा में बताएँगे।

तलाक के आम कारण

तलाक का फैसला अक्सर कई चीजों के मिश्रण से आता है। सबसे आम कारण हैं: लगातार विवाद, भरोसे की कमी, घरेलू हिंसा, आर्थिक तंगी और भावनात्मक दूरी। कभी‑कभी रिश्ते में शारीरिक या मौखिक उत्पीड़न भी बड़ा कारण बन जाता है। अगर आप इन संकेतों को देख रहे हैं, तो ये चेतावनी हो सकती है कि संवाद या काउंसलिंग से काम नहीं बन रहा।

तलाक की कानूनी प्रक्रिया

भारत में तलाक की प्रक्रिया मुख्यतः दो तरह की होती है – वैध कारणों (जैसे धोखा, दिये‑निहित शारीरिक/मानसिक उत्पीड़न) के आधार पर तोड़फोड़ और मतभेद के कारण (असहनीय व्यवहार) के आधार पर। आप पहले अपने वकील को मिलें और सबूत इकट्ठा करें – मैसेज, फोटोग्राफ, मेडिकल रिपोर्ट या पुलिस रिपोर्ट। फिर वकील आपसे फरियाद तैयार करके कोर्ट में दाखिल करेगा। कोर्ट के पास समय‑समय पर सुनवाई होती है, और यदि सब कुछ सही रहता है तो 6 महीने से 2 साल तक का समय लग सकता है।

कई बार लोग सहमति तलाक (अस्थायी समझौता) चुनते हैं, जहाँ दोनों पक्ष एक साथ मिलकर सभी मुद्दों को सुलझाते हैं – जैसे बच्चों की देखभाल, सम्पत्ति का बंटवारा आदि। इस तरह की प्रक्रिया तेज़, कम खर्चीली और कम तनावपूर्ण होती है।

अगर आप आर्थिक मुद्दों को लेकर चिंतित हैं, तो कोर्ट में आव्रजन (आर्टिकल 30) के तहत समर्थन की मांग कर सकते हैं। हर मामले में जज वित्तीय स्थिति, लड़के‑बेटी की देखभाल और भविष्य की जरूरतों को देखता है।

एक और महत्वपूर्ण बात – तलाक के बाद भी दोनों को बच्चों की सुरक्षा और विकास को ध्यान में रखना चाहिए। कोर्ट अक्सर बच्चों की कस्टडी और पॉल्ट्री (आवास) के बारे में स्पष्ट आदेश देता है। अगर आप मित्रवत समझौता कर पाते हैं, तो यह बच्चों के लिए बेहतर रहेगा।

तलाक के दौरान मानसिक स्वास्थ्य को संभालना भी उतना ही ज़रूरी है। कई लोग सत्रसत्र में कोर्ट की लंबी प्रक्रिया से थक जाते हैं। ऐसे में काउंसलर या थेरापिस्ट की मदद लेना फायदेमंद होता है। परिवार या दोस्तों से समर्थन लेना भी बड़ी राहत देता है।

यदि आप तलाक के बारे में और पढ़ना चाहते हैं, तो सरकारी पोर्टल पर ‘फैमिली कोर्ट’ सेक्शन में विस्तृत गाइड उपलब्ध है। वहां से आप फॉर्म, फीस और स्थानीय कोर्ट की जानकारी आसानी से ले सकते हैं।

अंत में, तलाक को जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत समझें। सही कदम उठाने से आप और आपका परिवार आगे बढ़ सकता है, बिना अनावश्यक जटिलताओं के।

युजवेंद्र चहल और धनाश्री वर्मा ने पारस्परिक सहमति से तलाक को अंतिम रूप दिया, अदालत में पेश होंगे

युजवेंद्र चहल और धनाश्री वर्मा ने पारस्परिक सहमति से तलाक को अंतिम रूप दिया, अदालत में पेश होंगे

भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और कोरियोग्राफर पत्नी धनाश्री वर्मा ने आपसी सहमति से तलाक को अंतिम रूप दे दिया है। वे 20 फरवरी 2025 को मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट में पेश होने वाले हैं। दोनों लगभग एक साल से अलग रह रहे थे और अब कानूनी प्रक्रिया पूरी कर तलाक का प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे।

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