चहलनी रिवाज़ – क्या है और क्यों महत्त्वपूर्ण?

जब हम चहलनी रिवाज़, हिन्दुस्तानी समाज में विशेष घटनाओं, त्यौहारों या सामाजिक समारोहों के दौरान की जाने वाली परंपरागत विधि. इसे अक्सर रिवाज़ भी कहा जाता है, जो स्थानीय संस्कृति में एक पहचान बन चुका है.

यह रिवाज़ कई बड़े घटनाक्रमों के साथ जुड़ता है। उदाहरण के तौर पर धंधेरस, एक ग्रामीण उत्सव है जो वित्तीय लेन‑देनों और शुभ मुहूर्तों पर केन्द्रित होता है में चहलनी रिवाज़ का एक विशेष रूप देखा गया है, जहाँ लोक लोग मुहूर्त के हिसाब से खरीद‑फ़रोख्त करते हैं। इसी तरह ऑपरेशन सिन्धूर, जम्मू‑कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया सैन्य अभियान के दौरान भी रिवाज़ को सामाजिक शांति के एक माध्यम के रूप में कहा गया, क्योंकि स्थानीय लोग इसको तनाव‑मुक्ति का प्रतीक मानते हैं।

चहलनी रिवाज़ के प्रमुख पहलू

चहलनी रिवाज़ सिर्फ एक क्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक शक्ति है। यह अक्सर आर्थिक लाभ, आध्यात्मिक शुद्धि या सामुदायिक एकजुटता से जुड़ी होती है। जब धंधेरस में शुभ समय चुनना होता है, तो लोग चहलनी रिवाज़ के अनुसार समय निर्धारित करते हैं, जिससे व्यापारिक सफलता का भरोसा बढ़ता है। इसी तरह, जब देश में नॉबेल शांति पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति के लिए दिया जाने वाला सम्मान मनाया जाता है, तो कई समूह चहलनी रिवाज़ को शांति की अभिव्यक्ति के रूप में अपनाते हैं, यह दर्शाता है कि यह रिवाज़ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर प्रचलित है।

इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि चहलनी रिवाज़ विभिन्न संदर्भों में अलग‑अलग रूप लेता है, पर उसकी मूल भावना—समुदाय को जोड़ना और सकारात्मक ऊर्जा जगाना—एक समान रहती है। मौसम के बदलाव, राजनीति की हलचल या खेल की जीत, सब में इस रिवाज़ की छाप मिलती है। अगले पैराग्राफ़ में आप देखेंगे कि इस संग्रह में कौन‑कौन से लेख इस रिवाज़ को विभिन्न पहलुओं से जोड़ते हैं, चाहे वह खेल, राजनीति या मौसम संबंधी समाचार हों।

तो चलिए, नीचे दिए गए लेखों में चहलनी रिवाज़ के साथ जुड़े विभिन्न घटनाओं को पढ़ते हैं और समझते हैं कि कैसे इस छोटे से रिवाज़ ने देश‑व्यापी चर्चाओं को भी प्रभावित किया है।

करवा चौथ 2025: 10 अक्टूबर को चहलनी रिवाज़ और वैश्विक जश्न

करवा चौथ 2025: 10 अक्टूबर को चहलनी रिवाज़ और वैश्विक जश्न

10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ 2025 के पूरे फ़ास्ट, पूजा‑मुहूरत और चहलनी रिवाज़ की ताज़ा जानकारी। भारत, UAE व US में विश्वभर में मनाया गया उत्सव।

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