शिवम दुबे का 37 मैचों का अजेय रिकॉर्ड टूटा, मेलबर्न में भारत की हार और बुमराह की लकीर टूटी

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक ऐसा मैच खेला गया, जिसने भारतीय क्रिकेट के एक ऐतिहासिक अध्याय को बंद कर दिया। 31 अक्टूबर, 2025 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 श्रृंखला के दूसरे मैच में भारत की 4 विकेट से हार के साथ ही शिवम दुबे का 37 मैचों का अजेय रिकॉर्ड टूट गया — टी20 अंतरराष्ट्रीय इतिहास में किसी भी खिलाड़ी की सबसे लंबी जीत की लकीर। साथ ही, जसप्रीत बुमराह का 24 मैचों का अपराजित सिलसिला भी टूट गया। ये दोनों रिकॉर्ड सिर्फ आंकड़े नहीं थे — ये भारतीय टीम के एक युग का प्रतीक थे।

एक रिकॉर्ड जो दुनिया को हैरान कर गया

शिवम दुबे ने दिसंबर 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ तिरुवनंतपुरम में आखिरी बार हारा था। उसके बाद से जब भी वह प्लेइंग इलेवन में थे, भारत ने लगातार 37 मैच जीते। इस दौरान टीम इंडिया ने 2024 टी20 विश्व कप और 2025 एशिया कप जीते — दोनों टूर्नामेंट में दुबे ने बल्ले और गेंद से महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नाम के साथ जुड़ा एक अफवाह था: जहां दुबे हो, वहां जीत होती है। इसलिए उन्हें टीम का ‘लकी चार्म’ कहा जाता था।

इस रिकॉर्ड के संदर्भ में, उनके बाद सबसे लंबी जीत की स्ट्रीक युगांडा के पैस्कल मुरुंगी (27 मैच), बुमराह (24 मैच), मनीष पांडे (20 मैच) और अफगानिस्तान के मोहम्मद शहजाद (19 मैच) की थी। एक खिलाड़ी के लिए 37 मैचों तक अजेय रहना — ये कोई साधारण बात नहीं थी। ये एक ऐसा अनुभव था जिसे भारतीय फैन्स अपने दिलों में बसाए बैठे थे।

मैच का विस्तृत विवरण: जब भारत का बल्लेबाजी अहंकार टूटा

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया — एक ऐसा फैसला जिसने भारत के बल्लेबाजों को दबाव में डाल दिया। भारत की बल्लेबाजी लगभग निराशाजनक रही। 18.4 ओवर में सिर्फ 125 रन बने, और सभी 10 विकेट गिर गए। केवल अभिषेक शर्मा (42) और हर्षित राणा (47) ही दहाई पार कर पाए। बाकी सभी खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी के साथ अपने खेल को बर्बाद कर गए।

जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने बिना किसी बड़े डर के लक्ष्य पूरा किया। 13.2 ओवर में 6 विकेट खोकर 126 रन बना लिए। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अपनी टीम के लिए बहुत अच्छा बल्लेबाजी किया, जबकि भारत की गेंदबाजी बेहद अनियमित रही। बुमराह ने 3 ओवर में 22 रन देकर एक विकेट लिया — एक अपेक्षित निकास नहीं, बल्कि एक अजीब तरह की असफलता।

शिवम दुबे और बुमराह: दो अलग-अलग कहानियां, एक ही नतीजा

दुबे ने इस मैच में सिर्फ 2 गेंदों पर 4 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी का समय बहुत कम रहा, लेकिन उनकी गैर-उपस्थिति ने टीम के आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचाया। उनका अंतर देखने के लिए नहीं, बल्कि उनकी अनुपस्थिति को महसूस करने के लिए था।

बुमराह के लिए तो ये हार और भी अधिक दर्दनाक थी। उनका आखिरी हार वाला मैच अक्टूबर 2021 में दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ था। उन्होंने तीन साल तक अपने बल्ले और गेंद से टीम को जीत की ओर ले जाया। उनकी गेंदबाजी ने कई बार टीम को बचाया था। लेकिन आज, उनकी लकीर भी टूट गई।

अगला मैच क्या लेकर आएगा?

अगला मैच क्या लेकर आएगा?

पांच मैचों की श्रृंखला में अब ऑस्ट्रेलिया की 1-0 की बढ़त है। पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। अगला मैच 2 नवंबर, 2025 को बेलरिव ओवल, होबार्ट में खेला जाएगा। भारत के लिए अब एक बार फिर से अपनी पहचान बनाने का समय है। क्या वे अपने बल्लेबाजी अहंकार को ठीक कर पाएंगे? क्या बुमराह अपनी गेंदों से दबाव बना पाएंगे? और क्या दुबे अपने रिकॉर्ड के बाद अपनी जगह वापस पाएंगे?

क्या ये एक नए युग की शुरुआत है?

शिवम दुबे का रिकॉर्ड टूटना सिर्फ एक खिलाड़ी की गलती नहीं है। ये एक युग के अंत का संकेत है। भारतीय टीम अब उन दिनों की तरह नहीं रह गई है, जब एक खिलाड़ी की उपस्थिति ही टीम का आत्मविश्वास बन जाती थी। अब टीम को एक बेहतर संतुलन चाहिए — जहां एक खिलाड़ी की जगह एक पूरी टीम हो।

भारत के लिए ये एक सबक है: कोई भी खिलाड़ी अजेय नहीं होता। न तो बुमराह, न दुबे, न कोई और। जीत की लकीर टूट सकती है — लेकिन टीम की आत्मा नहीं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शिवम दुबे का 37 मैचों का रिकॉर्ड टी20 इतिहास में कितना अनोखा है?

शिवम दुबे का 37 मैचों का जीत का रिकॉर्ड टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे लंबा है। इससे पहले किसी खिलाड़ी ने 27 मैचों तक की जीत की स्ट्रीक बनाई थी — युगांडा के पैस्कल मुरुंगी की। यह रिकॉर्ड एक खिलाड़ी के लिए अनूठा है क्योंकि इसमें विश्व कप, एशिया कप और कई टीम टूर्नामेंट शामिल थे।

जसप्रीत बुमराह का 24 मैचों का अपराजित सिलसिला कैसे बना?

बुमराह का यह रिकॉर्ड उनकी अद्वितीय गेंदबाजी और दबाव में भी अच्छी व्यवहार क्षमता का परिणाम है। उन्होंने 2021 से 2025 तक भारत के लिए 24 मैचों में बल्लेबाजी के दबाव में भी अपनी गेंदों से टीम को बचाया। उनकी गेंदबाजी ने कई बार टूर्नामेंट के फाइनल में भी निर्णायक भूमिका निभाई।

भारत की बल्लेबाजी इतनी कमजोर क्यों रही?

भारत की बल्लेबाजी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के गति और दिशा बदलने के तरीके के सामने असमर्थ रही। विकेट लेने वाली गेंदों पर खिलाड़ियों ने अपने शॉट्स ठीक से नहीं लगाए। इसके अलावा, मैच के दौरान बाहरी मौसम की तापमान और ग्राउंड की स्थिति भी बल्लेबाजों के लिए चुनौती बनी।

अगले मैच में भारत के लिए क्या बदलाव जरूरी है?

भारत को बल्लेबाजी के लिए एक स्थिर टॉप ऑर्डर बनाने की जरूरत है। अभिषेक शर्मा और हर्षित राणा को अब टीम के आधार बनना होगा। गेंदबाजी में बुमराह के साथ एक अन्य तेज गेंदबाज की जरूरत है। टीम को अब एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रहना है — बल्कि एक पूरी टीम के रूप में खेलना है।

शिवम दुबे के बिना भारत की टीम क्या होगी?

दुबे की अनुपस्थिति टीम के आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती है, लेकिन उनकी जगह के लिए अब युवा खिलाड़ियों को अवसर देना होगा। टीम को एक नए नेतृत्व की आवश्यकता है — जो दबाव में भी खेल सके। यह एक नए युग की शुरुआत है, जहां लकी चार्म की जगह टीम की शक्ति आएगी।

क्या ऑस्ट्रेलिया अब टी20 श्रृंखला जीत सकती है?

हां, ऑस्ट्रेलिया के पास अभी एक मजबूत शुरुआत है। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अच्छी संतुलन है। अगर वे अगले दो मैचों में अपना प्रदर्शन बनाए रखें, तो श्रृंखला जीतने की संभावना बहुत अधिक है। भारत के लिए अब दो मैच जीतना जरूरी हो गया है।

लोग टिप्पणियाँ

  • vasanth kumar
    vasanth kumar नवंबर 3, 2025 AT 17:18

    ये तो सिर्फ एक मैच नहीं, एक युग का अंत है। शिवम के बिना टीम का जो आत्मविश्वास था, वो अब धुंधला सा लग रहा है।

  • Pooja Shree.k
    Pooja Shree.k नवंबर 3, 2025 AT 18:58

    बुमराह की गेंदबाजी तो अब बस यादों में रह गई है, अब तो बच्चे भी बल्ले से खेलते हैं।

  • balamurugan kcetmca
    balamurugan kcetmca नवंबर 4, 2025 AT 00:16

    इस मैच के बाद से मैंने देखा कि टीम इंडिया का असली दिल शिवम दुबे था, न कि कोई बल्लेबाज या गेंदबाज। उनकी उपस्थिति में ही टीम का एक अलग जादू था। जब वो बल्ला लेते तो लगता था जैसे जीत पहले से तय हो चुकी है। अब जब वो नहीं हैं, तो बल्लेबाज डर से बल्ला नहीं उठा पा रहे। गेंदबाज भी उतना आत्मविश्वास नहीं रख पा रहे। ये बस एक रिकॉर्ड नहीं, ये तो एक अनुभव था। अब टीम को अपने आप को दोबारा ढूंढना होगा। अभिषेक और हर्षित अच्छे हैं, लेकिन वो शिवम की जगह नहीं ले सकते। वो तो एक ऐसा खिलाड़ी था जिसके बिना टीम का एक अंग अधूरा लगता था। अब युवा खिलाड़ियों को अवसर देना होगा, लेकिन उन्हें बस अवसर नहीं, उन्हें विश्वास भी देना होगा। टीम को एक नए नेतृत्व की जरूरत है, जो दबाव में भी खेल सके। अब लकी चार्म की जगह टीम की शक्ति आएगी, और ये बदलाव धीरे-धीरे होगा। लेकिन आज का मैच तो एक निशान है - एक युग का अंत।

  • Vasudev Singh
    Vasudev Singh नवंबर 5, 2025 AT 19:54

    मैंने तो शिवम के बाद बुमराह को भी अजेय समझ लिया था। लेकिन आज देखा कि कोई भी खिलाड़ी अजेय नहीं होता। टीम को एक खिलाड़ी पर निर्भर रहना बंद करना होगा। अब टीम को एक बेहतर संतुलन चाहिए। अभिषेक और हर्षित को टीम का आधार बनना होगा। बुमराह के साथ एक और तेज गेंदबाज की जरूरत है। ये मैच हमें याद दिलाता है कि जीत की लकीर टूट सकती है, लेकिन टीम की आत्मा नहीं।

  • Akshay Srivastava
    Akshay Srivastava नवंबर 6, 2025 AT 19:11

    इस रिकॉर्ड के टूटने का तात्पर्य यह नहीं कि शिवम दुबे कमजोर थे। बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय टीम एक व्यक्ति के आधार पर निर्भर हो गई थी, जो खेल के लिए अत्यंत अस्थायी और असुरक्षित आधार है। टीम की शक्ति एक व्यक्ति में नहीं, बल्कि एक संरचना में होनी चाहिए। जब एक खिलाड़ी अजेय लगता है, तो टीम उस पर निर्भर हो जाती है - और जब वह असफल होता है, तो पूरी टीम असमर्थ हो जाती है। यह व्यवस्था की विफलता है, न कि खिलाड़ी की।

  • Amar Khan
    Amar Khan नवंबर 7, 2025 AT 07:03

    बुमराह का रिकॉर्ड टूटा और मैं रो पड़ा... अब तो लगता है जैसे भारत का दिल थम गया। ये मैच मेरे लिए एक शोक था।

  • Roopa Shankar
    Roopa Shankar नवंबर 7, 2025 AT 11:51

    हार तो हुई, लेकिन ये हार एक नए युग की शुरुआत है। शिवम के बिना टीम ने अपनी जगह बनाने का फैसला किया है। अब युवाओं को मौका दो। बुमराह अभी भी बाकी हैं - वो अपनी गेंदों से दबाव बनाएंगे। और हां, टीम को एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रहना है। एक टीम के रूप में खेलना है।

  • shivesh mankar
    shivesh mankar नवंबर 7, 2025 AT 17:41

    हर हार के बाद एक नया अध्याय शुरू होता है। शिवम का रिकॉर्ड टूटा, लेकिन उसकी जगह अब नए खिलाड़ियों को भरना है। बुमराह अभी भी टीम के लिए एक बहुत बड़ा खिलाड़ी हैं। अगले मैच में देखना होगा कि टीम कैसे वापस आती है। एक युग का अंत हो गया, लेकिन टीम की आत्मा अभी भी जीवित है।

  • avi Abutbul
    avi Abutbul नवंबर 9, 2025 AT 05:30

    अब तो टीम को बस एक नए लीडर की जरूरत है। शिवम की जगह कोई नहीं ले सकता, लेकिन एक नया नेता बन सकता है।

  • Hardik Shah
    Hardik Shah नवंबर 9, 2025 AT 22:45

    ये टीम तो बस बुमराह और दुबे के नाम पर चल रही थी। अब जब वो टूट गए, तो ये बच्चों की टीम लग रही है। बल्लेबाजी तो बेकार है।

  • manisha karlupia
    manisha karlupia नवंबर 11, 2025 AT 12:41

    क्या ये अंत है या शुरुआत? शायद दोनों। शिवम के बिना टीम को अपनी पहचान ढूंढनी होगी। लेकिन अगर ये नया युग बेहतर हो गया, तो ये टूटना भी एक तरह की जीत होगी।

  • vikram singh
    vikram singh नवंबर 12, 2025 AT 20:27

    ये तो बस एक मैच नहीं, ये तो एक ब्रेकिंग न्यूज़ है! शिवम का रिकॉर्ड टूटा, बुमराह का अजेय सिलसिला टूटा, भारत की बल्लेबाजी टूटी, और फैन्स के दिल टूट गए! ये मैच तो बस एक फिल्म की तरह था - ड्रामा, ट्रैजेडी, और एक बड़ा क्लाइमैक्स! अब तो टीम को नए हीरो की जरूरत है, न कि एक लकी चार्म की! अब तो देखना होगा कि कौन बनेगा नया शिवम - या फिर क्या टीम ने अपने आप को बदल दिया है?

  • Arpit Jain
    Arpit Jain नवंबर 13, 2025 AT 07:48

    37 मैचों का रिकॉर्ड टूटा? अच्छा तो अब बुमराह का भी टूट गया? तो फिर ये रिकॉर्ड टूटना तो बहुत बड़ी बात नहीं। अगर टीम एक खिलाड़ी पर टिकी है, तो वो टीम ही नहीं, वो बस एक असफल सिस्टम है।

  • Karan Raval
    Karan Raval नवंबर 13, 2025 AT 23:17

    शिवम के बिना टीम को अब अपने आप को दोबारा बनाना होगा। ये एक नया अवसर है। जवान खिलाड़ियों को अवसर दो। बुमराह के साथ एक और तेज गेंदबाज चाहिए। टीम को एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रहना है। एक टीम के रूप में खेलना है।

  • divya m.s
    divya m.s नवंबर 15, 2025 AT 21:10

    ये हार तो बस एक शुरुआत है - भारत के लिए एक नए युग की। शिवम और बुमराह के बिना टीम अब जिंदा है। अब तो देखना है कि कौन बनेगा नया राजा।

  • PRATAP SINGH
    PRATAP SINGH नवंबर 16, 2025 AT 17:58

    एक खिलाड़ी के रिकॉर्ड के टूटने को एक युग का अंत कहना अतिशयोक्ति है। यह बस एक खेल का एक मैच है। इसे इतना भावनात्मक बनाने की आवश्यकता नहीं है।

  • Akash Kumar
    Akash Kumar नवंबर 17, 2025 AT 21:07

    शिवम दुबे के रिकॉर्ड का टूटना एक ऐतिहासिक घटना है। इसका विश्लेषण टीम के संगठनात्मक ढांचे के संदर्भ में किया जाना चाहिए। टीम के लिए व्यक्तिगत चमत्कारों पर निर्भरता का अंत हुआ है, जो लंबे समय तक टिकने वाली नहीं है। अब टीम को एक स्थायी और संरचित रणनीति की आवश्यकता है।

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