RBSE 10वीं परिणाम 2024: विषद विवरण
राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) ने इस साल 10वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 93.03% दर्ज किया गया है, जो पिछले सालों के मुकाबले काफी बेहतर है। इस साल कुल 10,60,751 छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण करवाया था, जिसमें से 10,39,895 छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया। यह आंकड़ा भी बोर्ड की तैयारी और छात्रों की मेहनत को दर्शाता है।
ऐतिहासिक सफलता
परिणाम की घोषणा के बाद छात्रों और शिक्षकों में खुशी का माहौल छा गया है। अधिकांश छात्रों ने अपने अच्छे परिणाम के लिए शिक्षकों और परिवार का धन्यवाद किया। बोर्ड की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, इस बार के परिणाम में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.50% रहा, वहीं लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.00% रहा। यह एक और महत्वपूर्ण मानक है जो बताता है कि लड़कियों की शिक्षा की दिशा में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
विषयवार प्रदर्शन
विषयवार प्रदर्शन की बात करें तो सबसे ज्यादा उत्तीर्ण प्रतिशत गणित और विज्ञान विषयों में दर्ज किया गया है। गणित में 97.10% और विज्ञान में 96.80% छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। जबकि सामाजिक विज्ञान और हिंदी में भी उत्तीर्ण प्रतिशत काफी अच्छा रहा है, जो क्रमशः 95.50% और 95.00% है। अन्य भाषा विषयों में भी छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसमें अंग्रेज़ी का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.30% है। ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि छात्र विभिन्न विषयों में समान रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
पिछले वर्षों के मुकाबले
पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार के परिणामों में सुधार देखने को मिला है। पिछले साल का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.30% था, जबकि इस साल यह बढ़कर 93.03% हो चुका है। यह वृद्धि छात्रों की कड़ी मेहनत और शिक्षकों की देखरेख का परिणाम है। बोर्ड द्वारा अपनाई गई नई शिक्षा नीति और सुधारों ने भी इस बार के परिणामों में अपना प्रभाव दिखाया है।
छात्रों की प्रतिक्रियाएं
परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। जयपुर के एक छात्र विकास सिंह ने बताया, "मैं अपने परिणाम से बहुत खुश हूं। मेरे शिक्षक और माता-पिता ने मेरी शिक्षा में काफी योगदान दिया है।" वहीं, एक अन्य छात्रा साधना शर्मा ने कहा, "मुझे हमेशा से उम्मीद थी कि मैं अच्छे अंक प्राप्त करूंगी और आज का दिन मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है।"
आगे की योजनाएं
अब जबकि परिणाम घोषित हो चुके हैं, सभी छात्रों के लिए यह सोचने का समय है कि वह भविष्य में कौन सा मार्ग अपनाना चाहते हैं। जो छात्र उच्च कक्षाओं में दाखिला लेना चाहते हैं, उनके लिए यह समय निर्णय का है। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है और छात्रों को जल्द से जल्द अपनी इच्छित दिशा में कदम बढ़ाने की सलाह दी जा रही है।
जो छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए भी यह समय तैयारी का है। राज्य और केंद्र स्तर की कई प्रतियोगी परीक्षाएं आने वाले महीनों में आयोजित की जाएंगी, जिसके लिए छात्रों को अपनी तैयारी पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
राजस्थान बोर्ड 10वीं परिणाम 2024 ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदमों का सकारात्मक प्रभाव इस बार के परिणामों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
छात्रों के उत्थान और उनके भविष्य को संवारने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले वर्षों में भी इस तरह के उत्कृष्ट परिणाम देखने को मिलेंगे।
लोग टिप्पणियाँ
ये रिजल्ट देखकर लगा जैसे सारे बच्चे ने रात भर पढ़ाई कर ली हो। मगर असलियत ये है कि कुछ बच्चों को तो परीक्षा से पहले ही आंसर शीट मिल गई थी। ये सब नंबर फेक हैं।
मैंने अपने भाई को देखा है, उसने तो बस एक हफ्ते पढ़ा था और फिर भी 95% आया।
ये सब उत्तीर्ण प्रतिशत का झूठ है। बोर्ड ने नंबर बढ़ाए हैं ताकि सरकार को अच्छा लगे। जब तक छात्रों को एग्जाम में चीटिंग की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक ये सब बकवास चलती रहेगी।
हिंदी में 95% उत्तीर्ण? अगर ये सच होता तो हर छात्र ने गद्य और पद्य लिख डाला होता। ये आंकड़े तो बस एक शोर हैं।
ये रिजल्ट बस एक गीत है जिसमें हर बच्चे की मेहनत का स्वर है। लड़कियों ने जो दिखाया, वो सिर्फ नंबर नहीं, एक नई पहचान है।
गणित में 97%? वो तो बस बच्चों के दिमाग की चमक है। जिन्होंने रात को बिजली बंद होने पर दीपक से पढ़ाई की, उन्हीं के लिए ये जीत है।
ये एक ऐसा पल है जब राजस्थान का हर गांव गूंज उठा। शिक्षकों के आंखों में आंसू, माताओं के हाथों में प्रसाद, और बच्चों के चेहरे पर वो चमक जो किसी भी तारीफ से बढ़कर है।
93%? ये सब बकवास है। बोर्ड ने सबको पास कर दिया ताकि कोई बगाड़ ना डाले। मेरे दोस्त का तो फिजिक्स में 12 नंबर आया था और वो भी पास हो गया। ये रिजल्ट तो एक फेक न्यूज है।
लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत ज्यादा है ये अच्छी बात है लेकिन इसका क्या मतलब है कि लड़के कम मेहनत करते हैं या फिर उनकी शिक्षा का स्तर कम है
क्या ये अंतर विषयों के अनुसार भी दिखता है या सिर्फ जेंडर के आधार पर
इतने ज्यादा उत्तीर्ण? बस इसलिए कि अब फेल होने वाले को कोई नहीं देखना चाहता। बच्चे असली तौर पर नहीं पढ़ते, बस फॉर्मूले याद कर लेते हैं।
ये सब बकवास है। बस नंबर बढ़ा दिए।
अच्छा हुआ कि लड़कियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। ये बदलाव सिर्फ नंबरों में नहीं, दिमाग में हुआ है।
मैंने अपने नानी के गांव में एक लड़की को देखा था, वो रोज 5 किमी चलकर स्कूल आती थी। उसके नंबर ने ये सब आंकड़े जीवंत कर दिए।
हर एक उत्तीर्ण छात्र एक कहानी है। बस उसे सुन लो।
इस परिणाम के प्रकाशन के संबंध में बोर्ड द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाएं पूर्णतः नियमित और पारदर्शी थीं। उत्तीर्ण प्रतिशत में वृद्धि शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतरी का संकेत है।
वाह ये तो बहुत बढ़िया है 😊 लड़कियों ने जो किया वो तो बस इंसानियत की जीत है। अब हर बच्चे के लिए अगला कदम अच्छा होगा। जय हिंद 🙏
ये उत्तीर्ण प्रतिशत एक आंकड़ा है, लेकिन असली सफलता तो उस बच्चे में है जिसने अपने डर को पार किया और पढ़ाई जारी रखी।
हर नंबर के पीछे एक रात है, एक टूटी हुई कलम है, एक चिंतित माँ का आशीर्वाद है।
हम जब इस आंकड़े को देखते हैं, तो उसे नंबर के रूप में नहीं, बल्कि एक इंसान के संघर्ष के रूप में देखना चाहिए।
अगर हम यही दृष्टिकोण अपनाएं, तो शिक्षा कभी बोर्ड की नहीं, बल्कि जीवन की बन जाएगी।