के. नटवर सिंह, पूर्व विदेश मंत्री और 'वन लाइफ इज़ नॉट इनफ' के लेखक, 93 वर्ष की आयु में निधन

भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में 11 अगस्त, 2024 को निधन हो गया। उनका जन्म 16 मई, 1931 को हुआ था और उनका जीवन भारतीय राजनीति और कूटनीति में महत्वपूर्ण योगदानों से भरा हुआ था। नटवर सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और उन्होंने 2004 से 2005 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में विदेश मंत्री के रूप में सेवा दी थी।

राजनीतिक जीवन और कार्यकाल

नटवर सिंह का राजनीतिक करियर चार दशकों से अधिक समय तक चला और इस दौरान उन्होंने विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया। उनकी कूटनीतिक क्षमता और विदेश मंत्रालय में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनका सेवा काल बेहद गतिशील और प्रभावशाली रहा। भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही।

शुरुआती जीवन और शिक्षण

नटवर सिंह का जन्म 1931 में एक प्रतिष्ठित राजपूत परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा प्रतिष्ठित संस्थानों में हुई और उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में शामिल होने से पहले विभिन्न शैक्षिक क्वालिफिकेशन प्राप्त की। आईएफएस में रहते हुए उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और भारत के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व किया।

पुस्तकें और लेखन

के. नटवर सिंह ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं। इनमें उनकी आत्मकथा 'वन लाइफ इज़ नॉट इनफ' प्रमुख है, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक और कूटनीतिक जीवन के कई अनछुए पहलुओं को साझा किया। उनकी लेखनी ने पाठकों को भारतीय राजनीति और विदेश नीति के पृष्ठभूमि की गहराई से अवगत कराया।

मंत्री पद पर योगदान

नटवर सिंह ने 2004 से 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूती दी और कई देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ किया।

दूरदृष्टि और निर्णयशीलता

नटवर सिंह की दूरदृष्टि और निर्णयशीलता ने उन्हें एक प्रभावशाली राजनेता के रूप में स्थापित किया। उनकी कूटनीतिक निपुणता ने भारत को कई अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने में मदद की। वे अपने समय के एक प्रखर और संवेदनशील नेता थे, जिनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

मृत्यु और विरासत

11 अगस्त, 2024 को के. नटवर सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनके जीवन और कार्यों से कई नेता और कूटनीतिज्ञ प्रेरित हुए हैं। उनकी मृत्यु के साथ ही भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। उनके योगदान को देश हमेशा सम्मानपूर्वक याद रखेगा। उनका जीवन और उनके द्वारा की गई निस्वार्थ सेवाएं हर युवा नेता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

के. नटवर सिंह का निधन भारतीय राजनीति में एक शून्य छोड़ गया है जिसे भरना कठिन होगा। उनकी दूरदृष्टि और कूटनीतिक समझ ने भारतीय राजनीति और विदेश नीति को दिशा दी। उनकी शिक्षाएं और उनके द्वारा लिखी गई किताबें हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगी। उनकी मृत्यु से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण युग का अंत हुआ है, लेकिन उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत सदैव जीवित रहेगी।

लोग टिप्पणियाँ

  • Shubham Ojha
    Shubham Ojha अगस्त 12, 2024 AT 14:34

    नटवर सिंह जी का जीवन एक अद्भुत कहानी है जिसमें राजनीति, कूटनीति और लेखन का अद्वितीय मिश्रण था। उन्होंने जिस तरह से शब्दों को हथियार बनाया, वो आज के जमाने में दुर्लभ है। उनकी किताब 'वन लाइफ इज़ नॉट इनफ' में लिखा गया हर पन्ना एक नया दर्शन था। उनकी बातों में एक ऐसा संगीत था जो दिल को छू जाता था। आज के राजनेता तो ट्वीट करने में ही व्यस्त रहते हैं, लेकिन उन्होंने तो इतिहास लिख दिया।

    उनकी दूरदृष्टि ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक अलग पहचान दिलाई। वो न सिर्फ बातें करते थे, बल्कि उनके बातों के पीछे एक विचारधारा भी थी। आज के लोगों को उनकी किताबें पढ़नी चाहिए, न कि सिर्फ ट्रेंड्स देखने के लिए।

    उनकी मृत्यु ने न सिर्फ एक व्यक्ति को खोया, बल्कि एक ऐसी पीढ़ी को खो दिया जो राजनीति को एक सेवा के रूप में देखती थी। उनके बिना भारत की विदेश नीति अब थोड़ी अंधेरी लग रही है।

    उनके लिए एक शब्द नहीं, एक वाक्य भी कम है। उनका जीवन एक विशाल पुस्तक है जिसे अभी भी पढ़ने के लिए बहुत समय बाकी है।

  • tejas maggon
    tejas maggon अगस्त 13, 2024 AT 16:04

    ये सब बकवास है नटवर सिंह के बारे में जो लिखा जा रहा है वो बस प्रचार है

    उनके ज़माने में भी ब्रिटिश और अमेरिका ने भारत को दबाया था

    उनकी विदेश नीति कोई जादू नहीं था बस राजनीति थी

    क्या आपने कभी सोचा कि उनके दोस्त जो अमेरिका में थे उन्होंने उनकी नीतियों को दिशा दी होगी

    मैंने एक फाइल देखी थी जिसमें लिखा था कि उन्होंने चीन के साथ गुप्त समझौते किए थे

    पर ये जो लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं वो सब उनके बच्चे या नौकर हैं

    एक दिन सच आएगा

  • Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan अगस्त 14, 2024 AT 06:40

    नटवर सिंह के जीवन का एक अहम पहलू ये है कि वो एक राजपूत परिवार से आए थे लेकिन फिर भी कांग्रेस में शामिल हो गए

    उनकी शिक्षा के बारे में बहुत कम बात होती है

    उन्होंने एलएलबी की थी और फिर आईएफएस में जाने का फैसला किया

    उनके दौर में विदेश मंत्रालय में बहुत कम लोग अंग्रेजी में बात करते थे

    उन्होंने भारतीय भाषाओं के साथ अंग्रेजी का मिश्रण करके एक नया अंदाज़ बनाया

    उनकी बातों में एक शांत गहराई थी

    उनके लिखे हुए अनुच्छेद आज भी पढ़े जाते हैं

    उनके बारे में ज्यादा लिखा नहीं गया जितना उनकी जरूरत थी

  • Keshav Kothari
    Keshav Kothari अगस्त 14, 2024 AT 16:24

    एक और बूढ़ा राजनेता जिसकी मृत्यु हो गई

    उन्होंने कुछ नहीं बदला

    भारत की विदेश नीति अभी भी एक अनिश्चितता है

    उनकी किताबें बेची गईं और फिर भूल गए

    कोई नया नेता नहीं आया

    कोई नई रणनीति नहीं बनी

    उनकी मृत्यु से कुछ नहीं बदला

    बस एक और नाम इतिहास में जुड़ गया

  • Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch अगस्त 14, 2024 AT 22:56

    अच्छा आदमी था

  • Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar अगस्त 16, 2024 AT 05:07

    मैंने उनकी किताब 'वन लाइफ इज़ नॉट इनफ' पढ़ी थी और वो मेरे लिए बहुत असरदार रही

    उन्होंने लिखा था कि राजनीति में सच्चाई और धैर्य दोनों चाहिए

    आज के दौर में जहां सब कुछ तेज़ है वहां उनकी बातें याद आती हैं

    मैं अपने बेटे को भी उनकी किताबें पढ़ा रहा हूं

    उनकी शैली बहुत सरल थी लेकिन गहरी

    कोई भी नेता अपने बारे में इतना ईमानदारी से नहीं लिख सकता

    उनकी आत्मकथा एक दर्पण है जिसमें हम सबको देखना चाहिए

    मैं उनके बारे में अपने दोस्तों के साथ बात करता हूं

    उनकी विरासत अभी भी जिंदा है

  • nishath fathima
    nishath fathima अगस्त 18, 2024 AT 02:43

    यह व्यक्ति राजनीति में आया था लेकिन उसने अपने व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता का पालन नहीं किया।

    उनके कार्यकाल के दौरान भारत की विदेश नीति बहुत अनिश्चित रही।

    कुछ निर्णय ऐसे थे जो देश के हित में नहीं थे।

    उनकी आत्मकथा में बहुत सारे अनुचित दावे हैं।

    उनके जीवन का एक भी पहलू नैतिक रूप से अच्छा नहीं था।

    इस तरह के लोगों की तारीफ करना गलत है।

  • DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI अगस्त 19, 2024 AT 18:56

    राम राम नटवर सिंह जी 🙏

    आपकी बातों ने मेरी सोच बदल दी

    आपकी किताबें मैं हर साल फिर से पढ़ता हूं

    भारत के लिए आपका योगदान अमर है

    आपकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी ❤️

  • vineet kumar
    vineet kumar अगस्त 21, 2024 AT 08:09

    नटवर सिंह के जीवन का सबसे बड़ा संदेश यह है कि एक व्यक्ति अपनी शिक्षा, अपनी विचारधारा और अपने अनुभवों के आधार पर राष्ट्र की दिशा बदल सकता है

    उन्होंने कभी भी शक्ति को अपना अंतिम लक्ष्य नहीं बनाया

    उनके लिए शक्ति एक साधन थी, न कि एक लक्ष्य

    उनके दृष्टिकोण में एक दर्शन था जो आज भी प्रासंगिक है

    उन्होंने देखा कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक सम्मानित भूमिका देने के लिए न केवल बल की आवश्यकता है, बल्कि विवेक और समझ की भी

    उनके लिए विदेश नीति एक अंतर्दृष्टि का विषय थी, न कि एक राजनीतिक खेल

    उनकी आत्मकथा में जो बातें छिपी हैं, वो आज के राजनेताओं के लिए एक निमंत्रण है

    उनके जीवन से हमें सीखना चाहिए कि कैसे एक व्यक्ति अपनी आंतरिक दृढ़ता से बाहरी दुनिया को बदल सकता है

    उनकी मृत्यु ने एक विचार को नहीं, एक दृष्टिकोण को खो दिया

    और यही वह चीज़ है जिसे हम अभी भी खोज रहे हैं

  • Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty अगस्त 21, 2024 AT 21:43

    ये सब झूठ है नटवर सिंह के बारे में

    उन्होंने भारत को अमेरिका के लिए बेच दिया

    उनकी किताब बस एक झूठी बातें का ढेर है

    कोई भी विदेश मंत्री जो अमेरिका के साथ गुप्त समझौते करता है वो देशद्रोही है

    उनकी मृत्यु पर रोना बेकार है

    उन्होंने भारत की संप्रभुता को तोड़ा

    आज भी उनके जैसे लोग आ रहे हैं

    उन्हें भूल जाओ

  • Ratna El Faza
    Ratna El Faza अगस्त 22, 2024 AT 14:09

    मैंने उनकी किताब पढ़ी थी और बहुत प्रभावित हुई

    उनके बारे में बहुत कम बात होती है

    उनके जीवन से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला

    उनकी शांति और दूरदृष्टि को आज के युवा को सीखना चाहिए

    उनके बारे में और लिखा जाना चाहिए

    उनका नाम भूल जाना गलत होगा

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