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ईरान-इजराइल संघर्ष में खाड़ी देशों की संतुलित रणनीति: कूटनीति का असर

ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच खाड़ी देशों की रणनीति

ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष से निपटने के लिए खाड़ी देशों ने संतुलित रणनीति अपनाई है। इसमें विशेष रूप से सऊदी अरब, संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) और क्‍वातर जैसे देश शामिल हैं। ये देश विशेष रूप से कूटनीति और क्षेत्रीय संवाद को प्राथमिकता देते हुए सैन्य टकराव से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इस दिशा में उनकी पहल कई कारकों से प्रेरित है, जिनमें उनके राष्ट्रीय हित, सुरक्षा आवश्यकताएँ और राजनीतिक वातावरण शामिल हैं।

कूटनीति के जरिए संतुलन बनाने का प्रयास

सऊदी अरब और यूएई जैसे देश अमेरिका और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। यह रणनीति उनकी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा करने की जरूरत को देखते हुए अपनाई गई है। जब ईरान और इजराइल के बीच हालिया तनाव बढ़ा है, तो खाड़ी देशों की सुरक्षा चिंताएँ और बढ़ गई हैं। इसके बावजूद, ये देश एक सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाकर स्थिति को सामान्य करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे वे युद्ध से बचने के अपने लक्ष्य को पूरा कर सकें।

सऊदी अरब विशेष रूप से इस मामले में स्पष्ट संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। इजराइज के साथ रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी और ईरानी प्रभाव को रोकने के उपायों के बावजूद, वह अपनी जनता और व्यापक मुस्लिम समुदाय में प्रचलित फिलिस्तीनी समर्थक भावना का ध्यान रख रहा है। जेद्दा में आपात ओआईसी बैठक की मेजबानी का निर्णय इसी संतुलन का उदाहरण है।

यूएई और बहरीन की भूमिका

यूएई और बहरीन, जिन्होंने इजराइल के साथ संबंध सामान्य कर लिए हैं, भी इस मुद्दे पर सावधानी से चल रहे हैं। दोनों देशों ने संघर्ष में संयम बरतने की अपील की है। कतर, जो हमास नेताओं को पनाह देता है और गाजा में आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयासों में जुटा है, ने इस टकराव का दोष इजराइल के कब्जे पर डाला है, लेकिन उसने हमास की हिंसा की निंदा नहीं की है।

सुरक्षा में खाड़ी देशों की उभरती भूमिका

जीसीसी (गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल) के हाल के क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग के लिए नई दृष्टि खाड़ी देशों की बढ़ती सुरक्षा संबंधी पहल का संकेत देती है। प्रस्तावित योजना इन सभी छह सदस्य देशों को अपनी सीमाएँ अधिक प्रभावी ढंग से सुरक्षित और प्रबंधित करने की दिशा में सक्षम बनाना चाहती है। सीमा सुरक्षा अब भौतिक सीमाओं से परे जाकर वायु, समुद्री और साइबरस्पेस सुरक्षा तक विस्तृत हो चुकी है।

राष्ट्रीय सुरक्षा की नई परिभाषा

जीसीसी देशों के लिए राष्ट्रवादी सुरक्षा अवधारणा अब उनके भौतिक सीमा-पार के परिप्रेक्ष्य को पार कर चुकी है, जिससे इन्हें नई चुनौतियों से निपटने की क्षमता मिली है। वे चीन और रूस जैसे देशों के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों का विस्तारीकरण कर रहे हैं और सुरक्षा मामलों और विदेश नीति पर अपने निर्णय लेने में अधिक लचीले बन चुके हैं।

समाप्ति में, खाड़ी देश ईरान-इजराइल संघर्ष में कूटनीति और क्षेत्रीय संवाद को प्राथमिकता देते हुए सतर्कता से आगे बढ़ रहे हैं। उनका संतुलनकारी प्रयास अमेरिका और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने, अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा करने, और संघर्ष को अधिक न बढ़ने देने की आकांक्षा से प्रेरित है।

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