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भर्तृहरि महताब बने 18वीं लोक सभा के प्रो-टेम स्पीकर, विपक्ष के तीव्र विरोध के बीच शपथ ग्रहण

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोक सभा का प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया गया है, और यह नियुक्ति 24 जून 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा की गई। भर्तृहरि महताब ने विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद अपने पद की शपथ ली और अब वह नए स्पीकर के चुनाव तक लोक सभा की कार्यवाही का प्रभार संभालेंगे। यह कदम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस नियुक्ति को लेकर कड़े आपत्तियाँ जताई हैं।

प्रो-टेम स्पीकर का मुख्य कार्य नव-निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाना और सदन की कार्यवाही की निगरानी करना है, जब तक कि नए स्पीकर का चुनाव नहीं हो जाता। इस संबंध में भर्तृहरि महताब पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। वह एक अनुभवी राजनेता हैं जो 1998 से सांसद हैं और उन्होंने 17वीं लोक सभा में श्रम, वस्त्र और कौशल विकास पर स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उनके साथ ही सत्यजीत राय जैसे कई अनुभवी नेता भी उनके समर्थन में खड़े हैं।

महताब की नियुक्ति के संबंध में तीव्र विरोध जताते हुए कांग्रेस पार्टी ने तर्क दिया कि उनके प्रवक्ता कोडिकुन्निल सुरेश, जिन्होंने आठ बार लोक सभा में सेवा दी है, को नजरअंदाज किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार पर संसदीय मानकों का उल्लंघन और इस नियुक्ति को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। यह विवाद राजनीतिक हलकों में काफी गर्मा रहा और सांप्रदायिक चर्चाओं को बढ़ावा मिला।

भर्तृहरि महताब एक अनुभवी और समर्पित राजनेता हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजू जनता दल (बीजेडी) से की थी, और उन्होंने 17वीं लोक सभा में श्रम, वस्त्र और कौशल विकास पर स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन लोक सभा चुनावों के पहले उन्होंने बीजेडी पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। उनके इस कदम ने भाजपा को उड़ीसा में बड़ी राजनीतिक मजबूरी प्रदान की।

महताब के संपादकीय योगदान

भर्तृहरि महताब न केवल एक प्रभावशाली सांसद हैं, बल्कि वह एक प्रतिष्ठित संपादक भी हैं। वह 'प्रजातंत्र' नामक एक ओड़िया दैनिक के संपादक भी हैं, जिसे उनके पिता, दिवंगत हरेकृष्ण महताब ने स्थापित किया था। हरेकृष्ण महताब दो बार उड़ीसा के मुख्यमंत्री रहे थे और उन्होंने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भर्तृहरि महताब ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए पत्रकारिता और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है।

विपक्ष के विरोध और भाजपा की प्रतिक्रिया

विपक्ष के विरोध और भाजपा की प्रतिक्रिया

इस नियुक्ति पर कांग्रेस पार्टी ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इस निर्णय को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया और कहा कि भाजपा सरकार ने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोडिकुन्निल सुरेश के अनुभव को नजरअंदाज कर दिया गया और यह निर्णय राजनीति से प्रेरित है। वहीं, भाजपा नेताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भर्तृहरि महताब की नियुक्ति उनके अनुभव और योग्यता के आधार पर की गई है।

लोकतांत्रिक प्रणाली में विपक्षी दलों के द्वारा इस प्रकार के विरोध हर बार देखने को मिलते हैं, खासकर जब बात प्रो-टेम स्पीकर जैसी महत्वपूर्ण नियुक्ति की हो। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति में विरोध और समर्थन का चक्र हमेशा चलता रहता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की कार्यवाही कैसे होती है और नए स्पीकर का चुनाव कितनी सहजता से हो पाता है।

भाजपा की उड़ीसा में जीत

भाजपा की उड़ीसा में जीत

हाल ही में हुए लोक सभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा ने उड़ीसा में शानदार जीत हासिल की है। पार्टी ने लोक सभा की 21 में से 20 सीटों पर जीत प्राप्त की और राज्य विधानसभा में भी 78 सीटें जीतीं। यह जीत भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सफलता मानी जा रही है और इससे पार्टी को राज्य में बड़ी मजबूती मिली है।

भर्तृहरि महताब की इस जीत में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, क्योंकि उनके भाजपा में शामिल होने से पार्टी को नए सिरे से मजबूती मिली। विधानसभा चुनावों में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना ली।

भविष्य की दिशा

भविष्य की दिशा

बहरहाल, प्रो-टेम स्पीकर के रूप में भर्तृहरि महताब की नियुक्ति से संसदीय कार्यवाही में एक नयी दिशा की उम्मीद की जा सकती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह इस नई जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं और नए स्पीकर का चुनाव कितनी सहज रूप से संपन्न होता है। उनके समक्ष कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध को ध्यान में रखते हुए सभी सांसदों को साथ लेकर चलना एक बड़ी चुनौती होगी।

अंततः, भर्तृहरि महताब के दीर्घकालिक राजनीतिक अनुभव और उनकी नेतृत्व क्षमता से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह इस जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक निभाएंगे। उनके अनुभव और कार्यशैली पर सभी की निगाहें रहेंगी, और यह देखना रोचक होगा कि वह किस तरह से संसदीय परंपराओं को आगे बढ़ाते हैं और नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया को निष्पक्षता से संपन्न करते हैं।

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