हरियाणा कांग्रेस अभियान का हिस्सा बनेंगी कुमारी शैलजा, गुटबाजी के बीच सुरजेवाला का दावा

कुमारी शैलजा का हरियाणा कांग्रेस में वापसी

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी की अफवाहों के बीच एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। सिरसा सांसद कुमारी शैलजा, जो कांग्रेस की प्रमुख दलित नेता और पार्टी महासचिव हैं, हरियाणा कांग्रेस के अभियान में दोबारा शामिल होंगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस बात की पुष्टि की है कि कुमारी शैलजा 26 सितंबर को नरवाना में एक जनसभा को संबोधित करेंगी। इस घोषणा से कांग्रेस के अभियान को नया उत्साह मिलने की संभावना है।

गुटबाजी के आरोपों के बीच शैलजा की वापसी

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी के आरोप काफी समय से सुर्खियों में हैं। खासकर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के प्रति वफादार लोगों को टिकट मिलने के कारण पार्टी में नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके कारण कुमारी शैलजा ने अभियान से दूरी बना ली थी। लेकिन अब सुरजेवाला ने साफ किया है कि शैलजा पूरी ऊर्जा के साथ कांग्रेस के साथ जुड़कर प्रचार करेंगी।

भाजपा का कांग्रेस पर हमला

हरियाणा की राजनीति में इस गुटबाजी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कांग्रेस पर हमला करने का अवसर प्रदान किया है। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेता लगातार कांग्रेस की आंतरिक कलह पर सवाल उठाते रहे हैं। खट्टर ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस में मुख्यमंत्रित्व के लिए पिता-पुत्र (भूपिंदर सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा) के बीच लड़ाई चल रही है।

संज्ञान में शैलजा की भूमिका

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कुमारी शैलजा की वापसी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनके समर्थक सिरसा, अंबाला और हिसार जिलों में व्यापक रूप से हैं, जिससे चुनावी समीकरणों पर प्रभाव पड़ सकता है। पार्टी को उम्मीद है कि शैलजा की वापसी से जनता में उनका विश्वास और बढ़ेगा।

सुरजेवाला का आत्मविश्वास

रणदीप सुरजेवाला ने ऐलान के साथ अपने आत्मविश्वास को प्रदर्शित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस न केवल चुनाव लड़ेगी, बल्कि बड़ी जीत हासिल करेगी। सुरजेवाला ने यह भी साफ किया कि कांग्रेस अपने सभी मतभेदों को भुला कर एकजुटता के साथ मैदान में उतरेगी।

कांग्रेस का चुनावी पक्ष

अक्टूबर 5 को हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस इस बार अपने पुराने जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश में है। सुरजेवाला के पुत्र आदित्य सुरजेवाला भी इस बार चुनावों में भाग्य आजमा रहे हैं और कैथल सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो फिलहाल भाजपा के लीला राम के पास है।

बावजूद इसके की भाजपा कांग्रेस के आंतरिक झगड़ों पर लगातार प्रश्नचिह्न चला रही है, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हरियाणा कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं है और पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। अब शैलजा की वापसी से यह और स्पष्ट हो गया है।

जनता की उम्मीद

कुमारी शैलजा के आने से हरियाणा कांग्रेस के समर्थकों में एक नई उम्मीद जगी है। स्थानीय जनता की मंशा है कि कांग्रेस उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान करेगी और राज्य के विकास के लिए ठोस कदम उठाएगी। शैलजा जैसे नेताओं की प्रेरणादायक भूमिका से पार्टी को निश्चित ही प्रबल समर्थन मिलेगा।

लोग टिप्पणियाँ

  • Anil Tarnal
    Anil Tarnal सितंबर 25, 2024 AT 01:57

    ये सब राजनीति का नाटक है भाई। शैलजा वापस आ गई तो क्या हुआ? जनता को रोटी-कपड़ा चाहिए, न कि टिकट वाली बातें।
    पार्टी के अंदर जो लड़ाई है, वो तो बच्चों के खेल जैसी है।

  • Viraj Kumar
    Viraj Kumar सितंबर 26, 2024 AT 23:41

    यह घोषणा बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। कुमारी शैलजा का नेतृत्व विवादास्पद है। उन्होंने पिछले चुनाव में अपने समर्थकों को धोखा दिया था। अब वापसी का नाटक क्यों कर रहे हैं? यह सिर्फ एक टिकट के लिए गुटबाजी का नाम है।

  • Shubham Ojha
    Shubham Ojha सितंबर 28, 2024 AT 00:37

    अरे भाई, ये तो जैसे बारिश के बाद फूल खिल रहे हों! शैलजा जी की वापसी से हरियाणा की राजनीति में नया रंग आ गया है। दलित आवाज़, महिला नेतृत्व, और जनता की उम्मीदें - ये तीनों एक साथ आ गए हैं। अब तो चुनाव देखने लायक हो गया है। जय हिंद, जय हरियाणा!

  • tejas maggon
    tejas maggon सितंबर 28, 2024 AT 12:26

    ये सब fake hai. भाजपा ने शैलजा को बुलाया है और फिर कांग्रेस को बदनाम करने के लिए ये घोषणा करवा रहे हैं। तुम सब लोग अभी भी उन पर भरोसा कर रहे हो? बस इंतज़ार करो... अगले हफ्ते ही पता चल जाएगा कि ये सब एक ट्रैप था।

  • Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan सितंबर 29, 2024 AT 10:15

    शैलजा की वापसी का मतलब ये है कि कांग्रेस अब अपने आंतरिक झगड़े छुपाने की कोशिश कर रही है। लेकिन जनता को ये नहीं चाहिए कि नेता बदलें बल्कि नीतियां बदलें। हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की चाहत है।

  • Keshav Kothari
    Keshav Kothari सितंबर 30, 2024 AT 17:38

    कांग्रेस के अंदर कोई एकजुटता नहीं है। शैलजा वापस आई है तो भी ये बात नहीं बदलेगी। असली समस्या ये है कि पार्टी का कोई नया विजन नहीं है।

  • Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch अक्तूबर 2, 2024 AT 09:14

    फिर से ये शैलजा वाली बात? बस इतना ही काफी है।

  • Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar अक्तूबर 3, 2024 AT 07:48

    अगर शैलजा जी वापस आ रही हैं तो ये अच्छी खबर है। लेकिन सवाल ये है कि क्या उनके साथ वो लोग भी आएंगे जो जनता के लिए काम करना चाहते हैं? नहीं तो ये सिर्फ नाम का बदलाव होगा।

  • nishath fathima
    nishath fathima अक्तूबर 4, 2024 AT 06:16

    यह घोषणा राजनीतिक लाभ के लिए की गई है। इस तरह के नेताओं को पार्टी में शामिल करना उचित नहीं है। जनता को विश्वास दिलाने के लिए नीतियाँ बनानी चाहिए, न कि व्यक्तिगत नाम लेकर।

  • DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI अक्तूबर 4, 2024 AT 15:41

    अच्छी खबर है भाई! 🙌 शैलजा जी का आना न सिर्फ दलित समुदाय के लिए बल्कि पूरे हरियाणा के लिए एक नया आशा का संकेत है। उम्मीद है अब सब एक हो जाएंगे और जनता की आवाज़ सुनी जाएगी। जय भवानी!

  • vineet kumar
    vineet kumar अक्तूबर 6, 2024 AT 00:48

    इस वापसी के पीछे एक गहरा सामाजिक संकेत छिपा है। जब एक नेता जो अपने विश्वासों के लिए खड़ी होती है, वह वापस आती है, तो यह दर्शाता है कि सिस्टम अभी भी बदलने की क्षमता रखता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह बदलाव वास्तविक है या सिर्फ एक नाटक? इसका जवाब तभी मिलेगा जब शैलजा की नीतियाँ जनता के लिए लागू होंगी।

एक टिप्पणी लिखें

यहां तलाश करो