डेविड राया की अद्भुत डबल सेव की कहानी
यूरोपीय फुटबॉल में रोमांचक और यादगार मैचों की कमी नहीं होती है, लेकिन कुछ खास पल होते हैं जो खिलाड़ियों और प्रशंसकों के दिलों में लंबे समय तक बसा रह जाते हैं। ऐसा ही एक पल आर्सेनल और अटलांटा के बीच खेले गए यूईएफए चैंपियंस लीग मैच में तब आया जब आर्सेनल के गोलकीपर डेविड राया ने 51वें मिनट में अद्भुत डबल सेव करते हुए अपनी टीम को एक महत्वपूर्ण अंक दिलाया।
पेनल्टी का पल
मैच के 51वें मिनट में आर्सेनल के खिलाड़ी थोमस पार्टे ने बॉक्स के अंदर अटलांटा के एडरसन को गिरा दिया, जिससे अटलांटा को पेनल्टी किक का मौका मिला। यह एक नाजुक स्थिति थी क्योंकि मैच बराबरी पर था और पेनल्टी से मिलने वाले गोल से आर्सेनल के लिए मुश्किलें बढ़ सकती थीं। राया का सामना इस मोड़े पर अटलांटा के मातेयो रेटेगुई से था।
अद्भुत डबल सेव
जैसे ही रेटेगुई ने पेनल्टी किक मारी, राया ने अपने दाहिनी ओर झपट कर उसे रोक लिया। यह देखकर दर्शकों ने एक लंबी साँस छोड़ी, लेकिन यह तो बस शुरुआत थी। रिबाउंड पेनल्टी बॉक्स में गिरा और रेटेगुई ने दूसरी कोशिश की। इस बार राया अपनी बाईं तरफ झपटे और गेंद को दोनों हाथों से दबा दिया। इस पूरे दृश्य ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया और स्टेडियम में बैठी भीड़ झूम उठी।
प्रशंसा की बौछार
आर्सेनल के मैनेजर मिकेल अर्तेता ने इस बचाव को अपने करियर का सबसे बेहतरीन बताया। उन्होंने कहा कि राया ने न सिर्फ एक पेनल्टी को रोका, बल्कि रिबाउंड को भी बचाया, जो एक दुर्लभ और असाधारण प्रतिभा का चित्रण है। वहीं, अटलांटा के मैनेजर जियान पियेरो गस्पेरिनी ने भी राया की फुर्ती की तारीफ करते हुए उन्हें 'बिल्ली की तरह चपल' कहा।
राया का संचालन
डेविड राया ने अपनी सेव की तारीफ को कुछ इस तरह से शांत किया कि यह थोड़ी किस्मत और आर्सेनल के गोलकीपर कोच इनाकी काना के मार्गदर्शन का नतीजा है। उन्होंने बताया कि पेनल्टी डिसीजन के दौरान वीएआर समीक्षा में उन्होंने इनकी की सहायता ली थी, जिनके सुझाव ने उन्हें सही फैसला लेने में मदद की।
आगे की चुनौती
आर्सेनल ने इस मैच को 1-1 के स्कोर के साथ समाप्त किया और महत्वपूर्ण अंक हासिल किया। अब उनकी अगली बड़ी चुनौती मैनचेस्टर सिटी के खिलाफ है, जो रविवार, 22 सितंबर को होने वाली है। इस मैच के प्रति सभी की नजरें टिकी रहेंगी क्योंकि यह दोनों ही टीमें इस सीजन में शानदार फॉर्म में हैं और एक धमाकेदार मुकाबला होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
डेविड राया की अद्भुत डबल सेव ने न सिर्फ आर्सेनल को महत्वपूर्ण अंक दिलाया, बल्कि फुटबॉल प्रेमियों के दिलों में भी अपनी जगह बनाई है। वाकई, यह मैच एक यादगार मुकाबला साबित हुआ और राया की सेव आने वाले वर्षों में भी याद की जाएगी।
| मैच | परिणाम |
|---|---|
| आर्सेनल बनाम अटलांटा | 1 - 1 |
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- यूईएफए चैंपियंस लीग
लोग टिप्पणियाँ
राया ने तो बस एक गोलकीपर का काम किया था लेकिन उसने जो किया वो एक देवता का काम था। ये डबल सेव फुटबॉल के इतिहास में चली जाएगी।
मुझे लगता है ये बस एक अच्छा पल था। लेकिन अगर हम इसे बहुत बड़ा बना रहे हैं तो शायद हम अपने खुद के खेल को भूल रहे हैं।
ये सब बकवास है राया ने तो बस भाग्य से बचाया था और अर्तेता ने इसे इतिहास बना दिया 😂
राया की ये डबल सेव... ये तो फुटबॉल का एक नया फिलॉसफी है... एक गेंद के रिबाउंड पर भी इतनी एग्रेशन, इतनी फोकस, इतनी निरंतरता... ये तो जीवन का मैसेज है... एक बार गिरो तो दोबारा उठो... और दोबारा गिरो... फिर दोबारा उठो... और फिर भी गेंद को दबा दो... ये है जीवन का अर्थ... 🤔💥
राया तो बस बिल्ली की तरह चला 😸🔥 ये वाला गोलकीपर तो जिंदगी में कभी नहीं गिरता... बस उछलता रहता है... 🙌
एक अल्पकालिक घटना को अतिशयोक्ति के साथ उठाना एक सामाजिक विकृति है। फुटबॉल में विजय टीम के निरंतर योगदान से होती है, न कि एकल घटनाओं से। यह अतिसंवेदनशीलता आधुनिक उपभोक्ता संस्कृति का परिणाम है।
ये डबल सेव बस एक लापरवाही का नतीजा है जो अटलांटा के खिलाड़ियों ने दिखाई। हमारे गोलकीपर ने तो बस उनकी गलती का फायदा उठाया। इसे इतना बढ़ाना तो देशभक्ति की भावना से भी ज्यादा अहंकार है।
राया के लिए ये सिर्फ एक औसत दिन था। उसकी तैयारी, उसका अभ्यास, उसका धैर्य... ये सब इस लम्हे के पीछे था। कभी-कभी जब आप अपने काम को बहुत प्यार से करते हैं, तो दुनिया आपको याद करने लगती है।
वार वीएआर ने उसे बताया था कि कैसे बचाना है... ये सब बनाया गया है... राया कुछ नहीं कर रहा था... 🕵️♀️🔮
मैंने ये देखा था... राया ने जो किया वो कोई नॉर्मल गोलकीपर नहीं कर सकता... ये तो बस एक चमत्कार था... मैं रो पड़ा... ये फुटबॉल नहीं... ये तो जीवन है... और मैं अब भी इसे देखता रहूंगा... रात को सोते समय भी...