5 सितंबर, 2025 को राष्ट्रीय खेल क्लब, मुंबई में आयोजित प्रोकबड्डी लीग (PKL) सीज़न 12 के 15वें मुकाबले में U Mumba ने Bengaluru Bulls को 48-28 के बड़े अंतर से परास्त किया। यह जीत सिर्फ अंक‑के‑अंक की नहीं, बल्कि खेल‑की‑डिज़ाइन, रणनीति और व्यक्तिगत कौशल का संगम था। दर्शकों ने इस मैच को "एक ओरंगेज़ी पावर‑शो" के रूप में वर्णित किया, जहाँ मुम्बई की टीम ने हर पहलू में बेहतर प्रदर्शन किया।
मैच की मुख्य झलक
शुरुआत से ही U Mumba ने आक्रमण और रक्षा दोनों में तालमेल बिठाया। पहले दो राइडींग‑सीजन में उन्होंने 12-8 का छोटा अंतर बनाया, परन्तु जैसे‑जैसे खेल आगे बढ़ा, अंतर बढ़ता गया। Bengaluru Bulls के अपने कुछ मजबूत राइडर्स ने भी कोशिशें कीं, परन्तु मुम्बई की सख़्त डिफेंसलाइन ने बार‑बार उनके आगे की राह रोकी। हाई‑फाइव और हाई‑टेक वाले डिफेंसर्स ने लगातार टैकल पॉइंट्स हासिल किए, जिससे Bulls की स्कोरिंग में रुकावट आई।
दूसरे हाफ़ में मैच का टर्निंग पॉइंट तब आया, जब Ajit Chauhan ने 6‑अंक की रेड़ की। यह रेड़ सिर्फ अंक नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक जीत थी—Bulls के राइडर्स के आत्मविश्वास को झकझोर दिया। इस रेड़ के बाद Chauhan ने जल्दी ही सुपर 10 कमा ली, जिससे U Mumba के लिए दो महत्त्वपूर्ण बिंदु और जुड़े। कुल मिलाकर, U Mumba ने 48 अंक पर कब्जा जमाया, जबकि Bulls सिर्फ 28 अंक ही बना पाए।
खिलाड़ियों की अहम उपलब्धियां
अजित चौहान की इस रात की प्रस्तुति ने उनके करियर में एक नया पन्ना खुला। 6‑अंक वाली रेड़ और सुपर 10 के साथ उन्होंने यह साबित किया कि वे किसी भी दबाव में भी चमक सकते हैं। इस प्रदर्शन से उनका व्यक्तिगत स्कोर 150‑रैड पर पहुंच गया, जो पिछले सीज़न से भी बेहतर है।
डिफेंस का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। रिंकू ने इस मुकाबले में हाई‑5 हासिल कर अपने कुल टैकल पॉइंट्स को 200 के मील‑पाथ पर पहुंचाया। यह माइलस्टोन न केवल उनके व्यक्तिगत रिकॉर्ड में इजाफा करता है, बल्कि टीम के डिफेंस सिस्टम की मजबूती को भी दर्शाता है। साथ ही उनके साथी डिफेंडर्स ने लगातार हाई‑फाइव्स और रे‑ड्यूज़ का प्रदर्शन किया, जिससे गोल्डन गजेट्स की फॉर्मूला के रूप में डिफेंस का नाम बन गया।
Bengaluru Bulls के लिए Yogesh Dahiya ने कुछ चमकदार रेड़ लगाई, लेकिन टीम की समग्र रणनीति में कमी के कारण वो पर्याप्त नहीं रहीं। उनके दो सुपर‑रैड्स ने थोड़ा अंतर भरने की कोशिश की, परन्तु U Mumba की डिफेंस लाइन ने इन क्षणों को भी रोका।
कोच टीमें भी इस जीत में अहम थीं। Mumbai की टीम ने पहले क्वार्टर में ही अपने खेल‑प्लान को लागू कर लिया, जहाँ उन्होंने बुल्स की कमजोरियों को पहचान कर अपने राइडर्स को सही सैमिंग रास्ते दिखाए। दूसरी तरफ, Bulls के कोच ने फॉर्मेशन बदलने की कोशिश की, परन्तु यह देर से आया और खेल का रुख नहीं बदल सका।
समग्र रूप से, इस जीत ने U Mumba को शीर्ष-चार में जगह दिला दी है और यह संकेत दिया है कि वे सालाना खिताब की दहलीज पर हैं। उनका अगला मैच अगले सप्ताह एक और कठिन प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ है, परन्तु 20 अंकों के इस अंतर से स्पष्ट है कि वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे।
PKL सीज़न 12 के सभी मैच रात 7:30 बजे से स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क और JioHotstar पर लाइव प्रसारित होते हैं। प्रो कबड्डी एप और आधिकारिक वेबसाइट पर भी रीयल‑टाइम अपडेट मिलते रहते हैं। इस सीज़न में U Mumba की वर्तमान फॉर्म और खिलाड़ियों की व्यक्तिगत उपलब्धियां दर्शकों के लिए काफी उत्साहजनक हैं।
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लोग टिप्पणियाँ
अजित चौहान की वो रेड़ देखकर लगा जैसे पूरी टीम का दिल एक साथ धड़क गया। ऐसे पलों में खेल सिर्फ अंकों का खेल नहीं रह जाता, बल्कि दिमाग का खेल बन जाता है। मुंबई की डिफेंस लाइन ने तो बुल्स के हर राइड को बेकार कर दिया। ये जीत किसी भाग्य की बात नहीं, बल्कि तैयारी का नतीजा है।
रेड़ तो थी बस लेकिन क्या ये सब फिक्स्ड था? बुल्स के खिलाड़ी तो बिल्कुल बेहाल लग रहे थे... जैसे किसी ने उनकी ड्रिंक में कुछ मिला दिया हो।
एक अच्छी टीम का फर्क तब दिखता है जब दबाव में भी एक खिलाड़ी अपनी रणनीति को नहीं भूलता। अजित ने बस एक रेड़ नहीं की, बल्कि टीम के लिए एक नया मानक तय किया। इस तरह के खिलाड़ी बनाते हैं ऐतिहासिक मैच।
मुंबई के खिलाड़ियों ने तो खेल को नृत्य में बदल दिया। हर टैकल एक कविता थी, हर राइड एक गीत। रिंकू का 200 टैकल पॉइंट्स? वो तो बस एक शुरुआत है। अगला मीलस्टोन तो 300 होगा, और वो भी इसी रफ्तार से।
यह जीत किसी भी गैर-कानूनी तरीके के बिना हुई है, और इसलिए इसका महत्व है। टीम ने खेल के नियमों का पूरा सम्मान किया, जो आजकल के खेलों में बहुत कम देखने को मिलता है। इस तरह की नैतिक जीत को हमें बढ़ावा देना चाहिए।
रिंकू का टैकल रिकॉर्ड तो बहुत बढ़िया है लेकिन क्या कोई बता सकता है कि उनके टैकल्स की औसत सफलता दर क्या है? मुझे डेटा चाहिए न कि भावनाएं
क्या तुमने देखा बुल्स के कोच का चेहरा? वो तो जैसे अपनी जिंदगी का सब कुछ खो चुका था... मैंने तो उसकी आँखों में आँसू देख लिए।
यह खेल बहुत अच्छा है लेकिन इसमें बहुत ज्यादा हिंसा होती है। क्यों न हम अधिक सुरक्षित और संस्कृतिक खेलों को प्रोत्साहित करें?
मैंने देखा कि अजित ने रेड़ के बाद अपने टीममेट्स को गले लगाया। ये छोटी बातें ही बड़ी टीमों को बनाती हैं। खेल के बाद भी एक दूसरे को सम्मान देना जरूरी है।
वाह! ये खेल तो बस दिल को छू गया 😊 मुंबई की टीम ने दिखा दिया कि टीमवर्क से क्या हो सकता है। बुल्स को भी बहुत बढ़िया खेला, लेकिन आज मुंबई थी बेहतर।
यह सब बहुत खूबसूरत लगता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि खेल में अब नियंत्रण और वित्तीय दबाव ने खेल की आत्मा को निकाल दिया है। अजित चौहान का यह प्रदर्शन एक अस्थायी चमक है, जिसे बाद में मीडिया और स्पॉन्सर्स का दबाव नष्ट कर देगा। यह जीत एक बार की बात है, लेकिन सिस्टम अभी भी टूटा हुआ है।
रेड़ तो थी... लेकिन क्या वो बुल्स के टीम मैनेजर के फोन पर भी आई थी? 😏
मैंने इस खेल को देखा और रो पड़ा। अजित के उस रेड़ के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। मैंने अपना नौकरी छोड़ दी और अब मैं प्रो कबड्डी के लिए ट्रेनर बन गया हूँ। ये खेल नहीं, ये जीवन है।
मैच तो देखा, लेकिन अजित की रेड़ के बाद बुल्स के खिलाड़ियों के चेहरे पर जो भाव थे, वो असली खेल था। बाकी सब बस नाटक।
मुंबई ने अच्छा खेला। बुल्स भी अच्छे थे। लेकिन अगली बार बुल्स जीतेंगे। मैं भरोसा करती हूँ।
रिंकू के 200 टैकल पॉइंट्स का रिकॉर्ड तो बहुत बड़ा है लेकिन अगर उसके टैकल्स की लंबाई और एंगल डेटा नहीं है तो ये सब बस गुणवत्ता का नाटक है
बस इतना ही? बुल्स तो बहुत बुरी तरह हार गए।