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नवरात्रि के छठे दिन: माँ कात्यायनी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त की व्यापक जानकारी

नवरात्रि के छठे दिन: माँ कात्यायनी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त की व्यापक जानकारी

नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की आराधना के लिए समर्पित होता है। माँ दुर्गा के इस रूप की चार भुजाएँ होती हैं और वे सिंह पर विराजमान होती हैं। पूजा में आकाशत, रोली, कुमकुम, और भोग चढ़ाने की परंपरा है। शुद्ध वस्त्र पहन कर, ब्रह्म मुहूर्त में पूजा आरंभ की जा सकती है। माँ कात्यायनी की पूजा विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने और सफलता पाने का विशिष्ट उपाय मानी जाती है।

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गुरु पूर्णिमा कथा: भगवान कृष्ण ने गुरु संदीपनी को क्या दी गुरु दक्षिणा

गुरु पूर्णिमा कथा: भगवान कृष्ण ने गुरु संदीपनी को क्या दी गुरु दक्षिणा

गुरु पूर्णिमा की कथा भगवान कृष्ण और उनके गुरु संदीपनी पर केंद्रित है। संदीपनी ने उज्जैन में आश्रम स्थापित कर वेद, पुराण, राजनिति शास्त्र, और धम्म ग्रंथ जैसे अनेक विषयों की शिक्षा दी। भगवान कृष्ण ने अपने गुरु की शिक्षा पूर्ण कर उन्हें अनोखी गुरु दक्षिणा दी, जो इस पर्व का महत्व दर्शाती है।

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