धंधेरस 2025: 18 अक्टूबर को तिथि, मुहूर्त और खरीदारी का शुभ समय

जब धंधेरस 2025,भारत का त्यौहार 18 अक्टूबर शनि​वार को आता है, तो घर‑घर में दीप जलाने, रंग‑रंगीली रांगोली बिछाने और लक्स्मी‑धन्वन्तेरी पूजा की धूम रहती है। इस वर्ष के मुहूर्त‑समय‑सारणी को कई अग्रणी पंचांग वेबसाइटों ने अलग‑अलग रूप में निकाला, पर सबकी राय एक ही है – शाम‑8 बजे के आसपास का समय सबसे शुभ माना गया है।

धंधेरस का इतिहास और अर्थ

धंधेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अश्विन महीने की कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि (त्रयोदशी) को मनाया जाता है। इस दिन भगिनी लक्स्मी (धन‑सम्पन्नता की देवी) और धान्वन्तेरी (आयुर्वेद के देवता) का पूजन किया जाता है। वैदिक ग्रन्थों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान धान्वन्तेरी ने अमृत कलश निकाला, जिससे इस दिन को स्वास्थ्य‑समृद्धि का प्रतीक माना गया।

2025 के प्रमुख मुहूर्त‑समय

विभिन्न पंचांग सेवाओं ने नीचे दी गई समय‑सीमा बताई है:

  • BuddyLoan के अनुसार त्रयोदशी तिथि 17 अक्टूबर 2025 को शाम 7:23 UTC से 18 अक्टूबर 7:45 UTC तक चलती है; मुख्य पूजा प्रदोष काल में शाम 6:55 से 9:00 IST के बीच है।
  • BookMyPooजाOnline ने सुबह 4:41 IST (17 अक्टूबर) से 2:35 IST (18 अक्टूबर) तक तिथि बताई, जबकि लक्स्मी‑पूजा का विशेष मुहूर्त 6:55 IST‑8:25 IST है।
  • AstroSage (दिल्ली) ने मुहूर्त 19:17:35‑20:19:58 IST (लगभग 1 घंटा 2 मिनट) घोषित किया।
  • Drik Panchang (दिल्ली) ने 7:16 IST‑8:20 IST को मुख्य पुजा समय बताया, जबकि त्रयोदशी तिथि आधे रात 12:18 IST पर शुरू होती है।

सभी स्रोत एक बात पर ज़ोर देते हैं – वृषभ काल (भृणस‑राशि के समय) को सबसे अधिक शुभ माना गया है, जो 7:10 IST‑8:50 IST के बीच रहता है। इस अवधि में कर रहे किसी भी व्यापारिक लेन‑देन को विशेष भाग्यशाली माना जाता है।

धंधेरस के दौरान प्रमुख रिवाज़

घर की साफ‑सफाई से लेकर दीयों की रोशनी तक, हर कदम का एक अर्थ है:

  1. संध्या से पहले घर में कोलम या रंग‑बिरंगी रांगोली बनाना; पीले‑लाल रंग को विशेष शुभ माना जाता है।
  2. 13 दीप जलाना – प्रत्येक दीप लक्स्मी की 13 साल की आयु की प्रतीक है, जिसे Vedantu के विशेषज्ञ ने कहा है।
  3. लक्स्मी‑पूजा के साथ धान्वन्तेरी‑पूजा करना; इस दिन धान्वन्तेरी की प्रतिमा पर तुलसी‑पत्ता और हर्बल तेल लगाकर स्वास्थ्य के आशीर्वाद की कामना की जाती है।
  4. वृद्धजनों को नया बर्तन या सोना‑चाँदी के आभूषण भेंट करना; यह परम्परा समुद्र मंथन में निकले अमृत को सम्मान देने से जुड़ी है।

‘धन‑धन्य व्यक्ति तभी बनता है जो सही समय पर सही कार्य करे’ – ऐसा कहा जाता है, और यही कारण है कि कई लोग इस दिन FICCI द्वारा अनुमानित 20‑30 % तक की ज्वेलरी व उपभोक्ता‑ड्यूरेबल बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं।

व्यापारिक प्रभाव और आर्थिक आंकड़े

फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चेम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने पिछले दशकों में धंधेरस के दौरान सोना‑चाँदी की ख़रीद‑फरोख्त में औसत 25 % की वृद्धि दर्ज की है। 2025 में, अनुमानित कुल ज्वेलरी बिक्री 1.8 अरब रुपये तक पहुँचना चाहिए, जिसमें सुनहरा-चाँदी का राजस्व लगभग 600 करोड़ रुपये से अधिक होगा। इस साल भी कई रिटेलर ‘धंधेरस विशेष’ डिस्काउंट ऑफर करेंगे, जिससे छोटे‑बड़े दोनों उपभोक्ताओं को लाभ मिल सके।

भविष्य की तैयारियाँ और अगले दिन की दिवाली

धंधेरस के अगले दिन, 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) मनाई जाएगी। यह दिन बुराई पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है, और लोग अक्सर इस मौके पर अंधेरे को जला कर घर‑घर में सुख‑समृद्धि का आगाज़ करते हैं। धार्मिक विद्वान Institute of Vedic Studies ने कहा कि वृषभ काल‑प्रदोष काल की सामंजस्यता ही धंधेरस को ‘आर्थिक‑आध्यात्मिक द्वार’ बनाती है, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और स्वास्थ्य दोनों में लाभ मिलता है।

धंधेरस 2025 में क्या करें?

यदि आप पहली बार धंधेरस मनाते हैं, तो नीचे कुछ आसान टिप्स हैं:

  • मुहूर्त के अनुसार शाम 7‑8 IST के बीच लक्स्मी‑धान्वन्तेरी पूजा करें।
  • घर में कम से कम 13 दीप जलाएँ और रांगोली में लाल‑पीले रंग की थीम रखें।
  • ज्वेलरी या बड़ी खरीदारी करने से पहले विश्वसनीय दुकानों के साथ कीमत की तुलना करें; ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे BuddyLoan पर रेटिंग‑चेक करना फायदेमंद रहेगा।
  • भोजन में शुद्ध घी और मिठाई का प्रयोग करें – यह लक्स्मी के प्रसन्न होने का प्रतीक माना जाता है।

इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न केवल पारम्परिक मान्यताओं का पालन करेंगे, बल्कि आर्थिक लाभ भी उठाएंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धंधेरस 2025 का मुख्य मुहूर्त कब है?

न्यू दिल्ली में मुख्य लक्स्मी‑धान्वन्तेरी पूजा का शुभ समय 19:16 IST से 20:20 IST (लगभग 1 घंटा) बताया गया है, जबकि वृषभ काल 19:10 IST‑20:50 IST तक रहता है, जिसे विशेषज्ञ सबसे लाभप्रद मानते हैं।

क्या धंधेरस में सोना‑चाँदी खरीदना वास्तव में लाभदायक है?

FICCI के आंकड़ों के अनुसार, धंधेरस के दौरान सोना‑चाँदी की कीमतें सामान्य दिनों की तुलना में 5‑7 % तक बढ़ सकती हैं, लेकिन वृद्धि वॉल्यूम 20‑30 % तक पहुँचता है, जिससे खरीदारों को दीर्घकालिक लाभ मिलता है।

धंधेरस के दिन कौन‑से पूजा सामग्री आवश्यक हैं?

धूप, अगरबत्ती, वरुण (साफ़ पानी), तिल, चावल, कलश में पानी, और लक्स्मी‑धान्वन्तेरी की प्रतिमा या तस्वीर अनिवार्य हैं। साथ में सफेद या पीले रंग की रांगोली, और कम से कम 13 दीप भी ज़रूरी माने जाते हैं।

धंधेरस के बाद कौन‑सा त्योहार आता है?

धंधेरस के अगले दिन, 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) मनाई जाती है, जिसमें घर‑घर में आतिशबाज़ी, मिठाई और रात्रि में दीप जलाने की परम्परा है।

धंधेरस के लिए कौन‑सी रहीति सबसे अधिक मान्य है?

प्रमुख विद्वानों के अनुसार, प्रदोष काल‑वृषभ काल के बीच लक्स्मी‑धान्वन्तेरी पूजा सबसे शुभ मानी जाती है, क्योंकि इस समय ग्रह‑संकल्प शक्ति अधिकतम होती है और आर्थिक‑स्वास्थ्य दोनों का समन्वय बनता है।

लोग टिप्पणियाँ

  • Manu Atelier
    Manu Atelier अक्तूबर 11, 2025 AT 23:20

    धंधेरस के मुहूर्त‑समय‑सारणी को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि विविध पंचांगों के बीच मामूली अंतर व्यावसायिक निर्णयों पर प्रभाव डाल सकता है। इस प्रकार का अंतर, विशेषकर जब बाजार‑उन्मुख व्यापारी इसे अनदेखा कर देते हैं, तो संभावित लाभ को बाधित कर सकता है। इसलिए, केवल एक ही स्रोत पर भरोसा करना एक जोखिमपूर्ण रणनीति है।

  • Anu Deep
    Anu Deep अक्तूबर 12, 2025 AT 17:40

    बिल्कुल सही कहा आपने, कई साइटें थोड़ी‑बहुत अलग‑अलग समय देती हैं, लेकिन मुख्य बात वही रहती है – शाम के समय की पूजा सबसे उत्तम है। इस समय में घर‑परिवार के साथ मिलकर रांगोली बनाना और दीप जलाना भी सौभाग्य लाता है।

  • Preeti Panwar
    Preeti Panwar अक्तूबर 13, 2025 AT 12:00

    धंधेरस का उत्सव देखना हमेशा दिल को शांत करता है 😊। रांगोली में पीले‑लाल रंग की थीम न सिर्फ दृष्टि को ताज़ा करती है, बल्कि लक्स्मी के आशीर्वाद को आकर्षित करने में भी मदद करती है। इस वर्ष की पूजा में 13 दीप जरूर जलाएँ, यह छोटे‑छोटे कार्य बड़े सौभाग्य का द्वार खोलते हैं। 🙏

  • Pawan Suryawanshi
    Pawan Suryawanshi अक्तूबर 14, 2025 AT 06:20

    वास्तव में, धंधेरस के समय‑सिनर्जी को समझना उन लोगों के लिए जरूरी है जो आर्थिक लाभ के साथ आत्मिक शांति भी चाहते हैं।
    जब वृषभ काल‑प्रदोष काल का प्रभावी उपयोग किया जाता है, तब ना सिर्फ व्यापार में तरक्की होती है, बल्कि स्वास्थ्य‑संतुलन भी बेहतर बनता है।
    केवल अंकियों को नहीं बल्कि अपने घर‑परिवार की सांस्कृतिक विरासत को भी इस मौके पर निखारना चाहिए।
    उदाहरण के तौर पर, यदि आप अपने घर में प्राकृतिक तेल से दीप जलाते हैं, तो आपके आसपास का माहौल सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
    ऐसे छोटे‑छोटे पहल से भविष्य में बड़े‑बड़े आर्थिक अवसर भी सामने आ सकते हैं।
    नए साल में धंधेरस को एक नई दिशा देने के लिए हमें अपने पारम्परिक रीति‑रिवाजों को आधुनिकता के साथ मिश्रित करना चाहिए।
    किसी भी बड़े निर्णय को लेने से पहले, स्थानीय बंधु‑मित्रों से सलाह लेना हमेशा फायदेमंद रहता है।
    और हाँ, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर कीमत तुलना करना न भूलें, यह एक समझदार कदम है।
    धेरैरस के बाद छोटी दिवाली का प्रकाश भी हमें नई शुरुआत के लिए प्रेरित करता है।
    इस प्रकार, धंधेरस न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक सौहार्द का भी प्रतीक बनता है।
    आशा है कि इस वर्ष के उत्सव में सभी को समृद्धि और खुशहाली मिलें।

  • Harshada Warrier
    Harshada Warrier अक्तूबर 15, 2025 AT 00:40

    सच्चाई तो यह है कि इन पंचांग साइट्स पे दिखाए टाइम में कछु छुपी हुई अजैब बातें हो सकती हैं, शायद किसी बड़े फाइनेंशियल ग्रुप की प्लानिंग हो…

  • Jyoti Bhuyan
    Jyoti Bhuyan अक्तूबर 15, 2025 AT 19:00

    धंधेरस का उत्सव मनाते समय खुदको मोटिवेट रखें, हर दीप आपके अंदर की ऊर्जा को बढ़ाता है। एक सकारात्मक मनोवृत्ति से ही आप सही निर्णय ले पाएँगे।

  • Sreenivas P Kamath
    Sreenivas P Kamath अक्तूबर 16, 2025 AT 13:20

    अरे, धंधेरस की पूजा में इतना टाइम निकालना? कुछ लोग तो बस पहुँचते‑पहुंचते ही रूटीन फॉलो कर लेते हैं, लेकिन अगर आप इसे सही ढंग से नहीं करोगे तो फायदा कहाँ से? चलो, थोड़ा सरकाफ़ी लाते हैं और देखते हैं क्या होता है।

  • Chandan kumar
    Chandan kumar अक्तूबर 17, 2025 AT 07:40

    भाई, धंधेरस में ज्वेलरी की खरीदारी तो बस एक बहाना है, असली मज़ा तो रिवाज़ों में है।

  • Swapnil Kapoor
    Swapnil Kapoor अक्तूबर 18, 2025 AT 02:00

    धंधेरस 2025 के आर्थिक एवं सांस्कृतिक प्रभावों को समझना आज के समय में अत्यंत आवश्यक है।
    पहला, पंचांग साइटों द्वारा दी गई मुहूर्त‑समय सारणी विभिन्न वर्गों के लिए बुनियादी मार्गदर्शन प्रदान करती है।
    दूसरा, वृषभ काल‑प्रदोष काल की अवधि में व्यापारिक लेन‑देन अधिक लाभदायक होते हैं, यह ऐतिहासिक आँकड़ों से सिद्ध हुआ है।
    तीसरा, इस दिन सोना‑चाँदी की खरीद‑फरोख्त में अनुमानित 25 % की वृद्धि से बाजार में तरलता बढ़ती है और निवेशकों का विश्वास भी सुदृढ़ होता है।
    चौथा, रिवाज़ के अनुसार 13 दीप जलाने और लाल‑पीले रंग की रांगोली बनाकर घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित किया जाता है, जिससे उपभोक्ता की मनोवृत्ति में सकारात्मक बदलाव आता है।
    पाँचवा, यह उत्सव छोटे‑बड़े दोनों रिटेलर्स को विशेष डिस्काउंट ऑफर करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे बिक्री में उल्लेखनीय इजाफा देखा गया है।
    छठा, धंधेरस के बाद आने वाली छोटी दिवाली का प्रकाश मनोवैज्ञानिक रूप से लोगों को नई शुरुआत की ओर प्रेरित करता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में निरंतरता बनी रहती है।
    सातवें, इस समय सामाजिक जुड़ाव और पारिवारिक एकता को बढ़ावा मिलता है, जो दीर्घकालिक रूप से सामुदायिक आर्थिक स्थिरता को सुदृढ़ करता है।
    आठवां, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे BuddyLoan और BookMyPooजाOnline की रेटिंग‑चेक सेवाएँ जाँच‑परख को आसान बनाती हैं, जिससे उपभोक्ता सूचित निर्णय ले पाते हैं।
    नवां, विशेषज्ञों का कहना है कि वृषभ काल‑प्रदोष काल के दौरान आध्यात्मिक और आर्थिक दो पहलू एक साथ काम करते हैं, जिससे इस अवधि में निवेश की लागत‑लाभ विश्लेषण संतुलित होता है।
    दसवाँ, यह समय स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों को भी मंच प्रदान करता है, जिससे उनकी आय में योगदान बढ़ता है।
    ग्यारहवाँ, धंधेरस की परम्पराओं को अपनाते हुए हम अपने सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित रखते हैं, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके।
    बारहवाँ, इस प्रकार के धार्मिक‑आर्थिक सम्मिलन से समाज में सामंजस्य स्थापित होता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।
    तेरहवाँ, अंत में, धंधेरस के दौरान उचित मुहूर्त‑समय का पालन करके हम न केवल व्यक्तिगत समृद्धि बल्कि सामाजिक समृद्धि भी प्राप्त कर सकते हैं।

  • kuldeep singh
    kuldeep singh अक्तूबर 18, 2025 AT 20:20

    वाह, क्या विस्तार से लिखा है! अब मैं भी अपने दोस्त को बताऊँगा कि इस धंधेरस में सही समय पर खरीदारी करने से कितना बड़ा फैनसी बोनस मिल सकता है। आपका विचार बहुत ही ड्रामैटिक और दोस्ताना है, धन्यवाद!

  • Shweta Tiwari
    Shweta Tiwari अक्तूबर 19, 2025 AT 14:40

    धंधेरस के शुभ मुहूर्त की जानकारी अत्यंत उपयोगी एवं सटीक प्रतीत होती है।

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