विजे की करूर रैली में धक्का मार, 40 मृत, 124 घायल

जब विजे (Joseph Vijay Chandrasekhar), अभिनेता‑राजनीतिज्ञ और तमिलगा वेत्री कज़हगम (TVK) ने करूर (कारुर) जिले के वेलुसामिपुरम् में अपना इवेंट चलाया, तब एक अचानक बिजली कटने ने भीड़ को धक्का मार दिया, जिससे 40 लोगों की जान गई और 124 से अधिक घायल हुए। यह दुखद दुर्घटना शनिवार रात 19:20 बजे शुरू हुई रैली में घटित हुई, जब हजारों समर्थकों ने टीवीके के मंच पर जगह बनाई थी।

पृष्ठभूमि और राजनीतिक माहौल

विजे ने 2023 में अपना खुद का राजनीतिक पक्ष, तमिलगा वेत्री कज़हगम (TVK), स्थापित किया था, और अगले वर्ष के राज्य चुनावों की तैयारी में वह विभिन्न जल, खनिज चोरी और शहरी मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। इससे पहले, वह दक्षिण भारत के सबसे भरोसेमंद सितारों में से एक माने जाते थे, लेकिन राजनीति में उनका कदम अभी भी कई प्रश्न उठाता है।

रैली में हुए घटनाक्रम

रैली की शुरुआत लगभग 7:20 PM पर हुई, जिसमें लगभग दो‑तीन हज़ार लोग जमा हुए थे। लेकिन स्थल का अधिकतम अनुमत सम्मेलन 10,000 लोगों का था, जैसा कि वी सेल्वराज (सीਨੀयर पुलिस अधिकारी) ने कहा। वास्तविक उपस्थितियों की संख्या 20,000 से अधिक बताई गई, जिससे भीड़भाड़ के डर पर सवाल उठे।

जैसे ही मंच पर प्रकाश मंद पड़ा, अचानक बिजली चली गई। अंधेरे में भीड़ का सिहरन‑सहराव बढ़ा, कई लोग आगे‑पीछे धकेले गए और एक घातक धक्का मार की स्थिति बन गई। निकासी के रास्ते बंद थे, वेंटीलेशन नहीं था और कई लोग एक‑दूसरे के ऊपर गिरते रहे।

आगाज़ी और सरकारी प्रतिक्रिया

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमणियन ने बताया कि प्रारंभ में 36 मृतकों की पुष्टि अस्पताल में हुई, जबकि दो दिन बाद 4 और मृत्यु हुई, कुल मिलाकर 40 लोग मार गए। इनमें 9 बच्चे और 17 महिलाएँ थीं। घायल लोगों में से 6 बच्चे गम्भीर स्थिति में ICU में भर्ती थे।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने तुरंत आपातकालीन मीटिंग बुलाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मंत्री अन्बिल महेश पॉयमोज़ी और मा सुब्रमणियन को करूर भेजा, जिससे राहत कार्य तेज़ी से चल सके। सरकार ने पीड़ित परिवारों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता घोषित की।

कानूनी कार्यवाही और आरोप

पुलिस ने बताया कि TVK ने 10,000 लोगों के लिये अनुमति ली थी, पर वास्तविक मौजूदगी 20,000 से अधिक थी। इस चुक के जवाब में पुलिस ने टीवीके के वरिष्ठ नेताओं बस्सी आनंद, निर्मल कुमार और वी.पी. मतियालागन के खिलाफ मामला दर्ज किया।

पुलिस प्रमुख डिजीपी डेविडसन देवसिरवथम ने भी सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिये कड़े नियमों की जरूरत पर बल दिया।

आगे के चुनावी प्रभाव

इस त्रासदी ने विजे की राजनीतिक आकांक्षाओं पर भारी धुंध बना दी है। राजनैतिक विश्लेषक मानते हैं कि जनता का भरोसा झुकेगा, खासकर महिलाएँ और युवा वर्ग, जो पहले टीवीके की नई ऊर्जा के कारण उत्साहित थे। इस बीच, विपक्षी दल, विशेष रूप से डीएमके और एआईएड़ी, ने इस घटना को सरकार पर दबाव बनाने का अवसर माना है और सुरक्षा मानकों में सुधार की माँग कर रहे हैं।

करूर में रात्रि भर का माहौल वैकल्पिक रूप से एक युद्धक्षेत्र जैसा था; चिकित्सा टीमों को बिखरे हुए शरीरों और घायल लोगों को संभालने में कठिनाई हुई। कई स्वयंसेवक बच्चों को दुर्घटना स्थल से बाहर ले जाते हुए देखे गए, जबकि एम्बुलेंसें भीड़ में फंसी रही। अंततः, करूर के पुलिस महानिदेशक और स्थानीय पुलिस ने रास्ते साफ़ कर एम्बुलेंसों को अस्पताल तक पहुँचाया।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

इस हादसे में कौन-कौन सी सुरक्षा लापरवाही सामने आई?

रैली के लिए 10,000 की अनुमति थी, पर 20,000 से अधिक लोगों को अंदर आने दिया गया। निकासी के लिए पर्याप्त मार्ग नहीं थे, वेंटिलेशन नहीं था और बिजली कटने पर आपातकालीन बेकअप लाइट नहीं चल पाई, जिससे भीड़ में पैनिक हुआ।

मुख्य राजनीतिक दल इस पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे हैं?

एम के स्टालिन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और 10 लाख रुपये की भरपाई की घोषणा की। विपक्षी दल ने सरकार पर सुरक्षा मानकों को सख्त करने और आयोजकों को जवाबदेह ठहराने का जोर दिया है।

TVK पार्टी के नेताओं पर कानूनी कार्रवाई कैसी है?

पुलिस ने बस्सी आनंद, निर्मल कुमार और वी.पी. मतियालागन के खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा उल्लंघन के मामलों में FIR दर्ज की है। आगे की जाँच से अतिरिक्त आरोप लग सकते हैं।

भविष्य में ऐसे रैलियों के लिए क्या बदलाव किए जा सकते हैं?

विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि आयोजकों को सटीक भीड़‑व्यवस्थापन योजना, पर्याप्त निकासी मार्ग, बेकअप बिजली और रियल‑टाइम भीड़‑गिनती प्रणाली अनिवार्य करनी चाहिए। साथ ही, स्थानीय पुलिस को इवेंट के दौरान तैनात रहना चाहिए।

विजे ने इस दुखद घटना पर क्या कहा?

विजे ने अपना "दिल टूट गया" बताया और कहा कि दर्द "अपरम और अपरिभाषित" है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों को गहरा सम्मान ज्ञापन किया और सभी को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

लोग टिप्पणियाँ

  • Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch सितंबर 29, 2025 AT 18:08

    बिजली गई तो भीड़ भागी, लेकिन निकासी बंद थी। ये सिर्फ भूल नहीं, अपराध है।

  • Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar सितंबर 30, 2025 AT 14:12

    इस तरह की घटनाएँ होती हैं क्योंकि हम सब अपने आप को बड़ा समझ लेते हैं। एक रैली के लिए 20,000 लोग आ जाएँ तो क्या अनुमति लेने की जरूरत है? अगर बात बचाव की है, तो इंसानियत से शुरू करो।


    हम नेताओं को सितारा बना देते हैं, फिर उनकी गलतियों के लिए सरकार को दोष देते हैं। ये चक्र तब तक चलेगा जब तक हम खुद जिम्मेदार नहीं बन जाते।

  • nishath fathima
    nishath fathima अक्तूबर 2, 2025 AT 08:34

    यह बहुत बुरी बात है। बच्चों और महिलाओं की जान गई। ये जो राजनीति करते हैं, उन्हें दिल नहीं, दिमाग चाहिए।

  • DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI अक्तूबर 3, 2025 AT 13:28

    बहुत दुखद है 😢 लेकिन अब रोने से कुछ नहीं होगा। हमें अगली बार के लिए सुरक्षा नियमों को सख्त करना होगा। कोई भी रैली इतनी भीड़ के लिए तैयार नहीं हो सकती।

  • vineet kumar
    vineet kumar अक्तूबर 4, 2025 AT 03:45

    इस दुर्घटना का मूल कारण भीड़ व्यवस्थापन की अनदेखी है, न कि किसी व्यक्ति का अपराध। यह एक सामाजिक विफलता है। हमने एक व्यक्ति को देवता बना दिया, और फिर उसकी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देना शुरू कर दिया।


    बिजली कटने पर आपातकालीन योजना न होना एक नियमित उल्लंघन है। अगर यह एक सार्वजनिक जगह होती, तो कोई इसे नहीं छोड़ता। लेकिन जब राजनीति आती है, तो सभी नियम बेकार हो जाते हैं।


    हमें भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहिए - रियल-टाइम भीड़ गिनती, ड्रोन निगरानी, और ऑटोमेटेड अलर्ट सिस्टम। ये सब उपलब्ध है, लेकिन इस्तेमाल नहीं होता।


    कानून के तहत दोषी लोगों को सजा देना जरूरी है, लेकिन यह नहीं कि हम उन्हें फाँसी दे दें। हमें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सिस्टम बनाना होगा।


    यह एक दुर्घटना नहीं, एक नियोजित विफलता है। और हम सब इसके हिस्से हैं - जिन्होंने इस रैली में भाग लिया, जिन्होंने इसे बढ़ावा दिया, और जिन्होंने इसे बस देखकर देख लिया।

  • Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty अक्तूबर 5, 2025 AT 04:59

    अनुमति 10000 थी और 20000 आ गए ये तो अपराध है न कि दुर्घटना अब तक कोई नेता नहीं गिरा तो ये लोग क्या चल रहे हैं

  • Ratna El Faza
    Ratna El Faza अक्तूबर 6, 2025 AT 15:56

    मैं तो सोच रही थी कि ये सब बस एक बड़ी रैली है, लेकिन अब लगता है कि ये तो बहुत बड़ी गलती हो गई। बच्चों के लिए दुख हो रहा है।


    अगर थोड़ा ध्यान दिया जाता तो ऐसा नहीं होता।

  • Nihal Dutt
    Nihal Dutt अक्तूबर 7, 2025 AT 06:53

    बिजली कटी तो भीड़ भागी लेकिन जब तक विजे के बारे में बात नहीं हुई तब तक कोई नहीं बोला... ये सब बाहरी षड्यंत्र है... जासूसों ने बिजली काटी होगी ताकि उनकी लोकप्रियता गिर जाए... असली घातक चीज़ तो ये है कि लोग अभी भी उन्हें पसंद कर रहे हैं...

  • Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali अक्तूबर 8, 2025 AT 05:39

    अच्छा हुआ कि बिजली कटी... नहीं तो वो बोलते रहते, और हम सब उनके गीत सुनते रहते।


    ये जो लोग 20,000 लोगों को एक जगह भर देते हैं, उन्हें अपनी बुद्धि नहीं, बल्कि एक बड़ी बांट चाहिए।


    अब विजे के खिलाफ FIR हुई... अच्छा हुआ! अब वो नेता नहीं, बल्कि एक अपराधी बन गए।


    मैं तो सोच रहा हूँ कि अगर ये रैली किसी और दल की होती, तो क्या इतनी चर्चा होती? क्या हमारी न्यायपालिका और मीडिया भी एक नेटवर्क हैं जो उस नेता को टारगेट करता है जो लोकप्रिय है?


    ये जो लोग अब बोल रहे हैं कि "ये भारत का नियम है", वो खुद भी कल वही रैली में थे... लेकिन अब वो बोल रहे हैं कि "मैंने तो बस देखा था"।


    हम सब यहाँ बैठे हैं, और अपनी बुद्धि के साथ दूसरों को दोष दे रहे हैं... लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि हमने भी इस रैली में भाग लेने की अनुमति दे दी थी?


    इस दुर्घटना के बाद भी, अगले हफ्ते एक और रैली होगी... और फिर वही बात।


    क्या हम कभी सीखेंगे? या हमें इस तरह की घटनाओं के लिए नए नए नाम बनाने की जरूरत है?

  • Upendra Gavale
    Upendra Gavale अक्तूबर 9, 2025 AT 12:22

    इतनी भीड़ तो बस एक एक्टर के लिए? 😅


    मैंने तो सोचा था विजे बस फिल्मों में बॉस है... अब पता चला वो राजनीति में भी बॉस हैं।


    अगर बिजली नहीं कटती, तो आज तक ये रैली चल रही होती।

  • abhimanyu khan
    abhimanyu khan अक्तूबर 10, 2025 AT 20:55

    इस दुर्घटना का आधार भारतीय सामाजिक संरचना की अस्थिरता है। राजनीतिक नेतृत्व का व्यक्तिगत चरित्र, जिसे लोकप्रियता के आधार पर बनाया गया है, एक विनाशकारी तत्व है।


    जब एक व्यक्ति अपनी लोकप्रियता के आधार पर राजनीतिक अधिकार प्राप्त करता है, तो वह नियमों को अनदेखा करने की अनुमति देता है। इस घटना में नियमों की अनदेखी ने जान ले ली।


    यह एक नियमित विफलता है, जो भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत अंतर्निहित है।


    कानून की दृढ़ता के बिना, भारतीय समाज अपने नेताओं के निर्माण के लिए एक अनियंत्रित निकाय बन जाता है।


    इस घटना के बाद भी, जनता अपने नेताओं को बचाने के लिए तैयार है। यह व्यवस्था की असफलता है।

  • Jay Sailor
    Jay Sailor अक्तूबर 11, 2025 AT 19:00

    इस तरह की घटना होने का एकमात्र कारण यह है कि हमने अपने देश को बेवकूफ बना दिया है। एक फिल्मी नायक को राजनीति में आने दिया, जिसने अपने आप को भगवान समझ लिया।


    अगर ये रैली किसी अन्य दल की होती, तो पुलिस ने तुरंत उसे बंद कर दिया होता। लेकिन जब एक अभिनेता होता है, तो सब कुछ ठीक है।


    हम भारतीय लोगों की बुद्धि की बात करते हैं, लेकिन जब एक आकर्षक चेहरा आता है, तो हम अपनी बुद्धि बंद कर देते हैं।


    यह एक जातीय और सांस्कृतिक विफलता है। हम अपने आप को अत्यधिक भावुक बना लेते हैं, और फिर बिना सोचे-समझे भीड़ में चले जाते हैं।


    इस घटना के बाद भी, विजे के फैंस उसे बचाने के लिए तैयार हैं। यह भारत की निराशा है।


    अगर ये घटना एक विदेशी देश में होती, तो उस देश में राजनीति बंद हो जाती। हमारे देश में तो इसके बाद भी रैलियाँ होती हैं।


    हमें अपने नेताओं को फिल्मी नायक नहीं, बल्कि जिम्मेदार नेता बनना चाहिए।

  • Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy अक्तूबर 13, 2025 AT 14:56

    मैं इस दुर्घटना को देखकर बहुत दुखी हुई। बच्चों की जान गई... ये कोई राजनीति नहीं, ये तो एक त्रासदी है।


    अगर आपको लगता है कि इसका जवाब देना बस एक FIR लिखना है, तो आप गलत हैं।


    हमें इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक नई सोच चाहिए।


    हम लोग अपने नेताओं को बचाने के बजाय, उनकी गलतियों को स्वीकार करना सीखें।


    हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए।

  • Ronak Samantray
    Ronak Samantray अक्तूबर 14, 2025 AT 05:04

    बिजली कटना एक योजना थी... विजे के खिलाफ षड्यंत्र... वो अभी तक जिंदा हैं और लोग उन्हें देख रहे हैं... ये सब एक बड़ा लोकप्रियता नियंत्रण अभियान है।

  • Anil Tarnal
    Anil Tarnal अक्तूबर 14, 2025 AT 20:01

    इतने लोग मरे... और अभी तक कोई नेता नहीं गिरा... ये देश है क्या? ये नेता कौन हैं? ये लोग तो बच्चों की जान ले रहे हैं... और फिर भी वो बैठे हैं... ये सब क्या है?


    मैंने तो सोचा था कि ये बस एक रैली है... अब पता चला ये एक मौत का खेल है।


    मैं इस दुख को नहीं भूल सकता।

  • Viraj Kumar
    Viraj Kumar अक्तूबर 15, 2025 AT 07:04

    इस दुर्घटना में जिम्मेदारी का आधार नियमों का उल्लंघन है। राजनीतिक नेता के द्वारा अनुमति से अधिक लोगों को भीड़ में शामिल करना, एक गंभीर अपराध है।


    सरकार के द्वारा भरपाई की घोषणा करना अपराध को नहीं रोकता।


    इस घटना के बाद भी, जनता नेताओं को बचाने के लिए तैयार है। यह भारतीय समाज की विफलता है।


    कानून की दृढ़ता के बिना, यह घटना दोहराई जाएगी।


    हमें अपने नेताओं को नियमों के अनुसार जिम्मेदार ठहराना होगा।


    यह एक नियमित विफलता है, जिसे हमें स्वीकार करना होगा।


    इस घटना के बाद भी, ये रैलियाँ चलती रहेंगी।


    हमें एक नए नियम बनाने की आवश्यकता है।


    अगर हम इसे नहीं सुधारेंगे, तो अगली बार और अधिक लोग मरेंगे।


    यह एक न्याय का मामला है, न कि एक राजनीतिक मामला।


    हमें अपने बच्चों के लिए खड़े होना होगा।


    यह एक आपातकालीन स्थिति है।


    हमें इसे रोकना होगा।

  • Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali अक्तूबर 15, 2025 AT 08:15

    विजे ने कहा कि उनका दिल टूट गया... अच्छा, तो अब उन्हें एक दिल बदलने की जरूरत है।


    क्या वो अपने फैंस को भी एक नया दिल देंगे?

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