विश्व हिंदी दिवस – क्यों है यह खास?
क्या आपने कभी सोचा है कि हर साल 10 जनवरी को लाखों लोग एक ही भाषा, हिंदी, को मनाते क्यों हैं? यही है विश्व हिंदी दिवस। यह दिन हिंदी भाषा के विकास, उसके सांस्कृतिक योगदान और राष्ट्रीय‑अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके विस्तार को याद दिलाने के लिए रखा गया है।
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास
1999 में भारत सरकार ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस घोषित किया। तब से हर साल इस दिन स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय और विभिन्न सामाजिक समूह हिंदी पर चर्चा, कविताओं का मंचन और पुस्तक रिलीज़ जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। मूल उद्देश्य था हिंदी को ‘विश्व भाषा’ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना।
पहले साल से ही कुछ बड़े कार्यक्रमों ने इस दिन को खास बनाया – जैसे हिन्दी के प्रमुख लेखक और कवियों का भारवहन, साथ ही विदेशों में हिंदी कक्षाओं का खुलना। अब इस दिन पर ऑनलाइन वेबिनार, सोशल मीडिया कैंपेन और मोबाइल ऐप्स तक शामिल हैं, जिससे दूर‑दराज़ क्षेत्रों में भी भागीदारी आसान हो गई।
2025 में हम क्या कर सकते हैं?
2025 में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कई नई पहलें हैं। अगर आप इस उत्सव में शामिल होना चाहते हैं, तो नीचे दी गई सरल चीज़ें आज़मा सकते हैं:
- स्थानीय पुस्तकालय में हिंदी किताबें पढ़ें या पढ़ाने का कार्यक्रम शुरू करें।
- सोशल मीडिया पर #WorldHindiDay या #HindiDiwas जैसे हैशटैग के साथ अपने पसंदीदा हिन्दी कविताएं, कहानियां या वीडियो शेयर करें।
- किसी स्कूल या कॉलेज में हिंदी कार्यशाला आयोजित करें, जहाँ बच्चों को हिन्दी में लेखन और वाचन सिखाया जाए।
- ऑनलाइन वेबिनार या लाइव स्ट्रीम में भाग लें, जहाँ भाषा विशेषज्ञ हिंदी की समृद्धि पर बात करेंगे।
- हिन्दी में मोबाइल ऐप या गेम बनाकर युवा वर्ग को भाषा से जोड़ें।
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप भी इस भाषा को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। याद रखें, भाषा सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि हमारी पहचान है।
अंत में एक सवाल: इस वर्ष आप किस तरह से हिंदी का समर्थन करेंगे? चाहे वह किताब पढ़ना हो, कविता लिखना हो या दोस्त‑परिवार के साथ हिंदी में बातचीत करना हो, हर कोशिश मायने रखती है। तो चलिए, इस विश्व हिंदी दिवस को यादगार बनाते हैं और अपनी मातृभाषा को सराबोर करवाते हैं।