VAR की दुनिया: क्या बदल रहा है?
आपने हाल‑हैन में किसी मैच में रेफरी को रोकते या फिर फैसले बदलते सुना होगा? वही है वीडियो असिस्टेंट रेफरी या VAR। अब हर बड़ा खेल‑इवेंट, चाहे फुटबॉल हो या क्रिकेट, VAR के बिना अधूरा लगता है। इस टैग पेज में हम आपको VAR की बुनियाद, उपयोग, और हाल के बड़े विवादों के बारे में सरल शब्दों में बताएँगे, ताकि आप भी देखते समय समझ सकें कि स्क्रीन पर दिख रही तकनीक क्या कर रही है।
VAR का महत्व और काम करने का तरीका
VAR का मुख्य काम फ़े़सलों को साफ‑साफ दिखाना है। जब फील्ड पर कोई गंभीर गलती होती है – जैसे कि पेनल्टी देना, गोल को रद्द करना या ऑफ‑साइड रूल – तो मुख्य रेफरी को हेडसेट से सूचित किया जाता है और वह वीडियो रिव्यू देखते हैं। अगर रिव्यू से पता चलता है कि शुरुआती फैसला गलत था, तो रेफरी तुरंत बदल देता है। इससे खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों को न्याय मिल जाता है, और विवाद कम होते हैं।
हालिया VAR विवाद और उनकी सीख
पिछले साल कई बड़े टूर्नामेंट में VAR ने चर्चा में रहने वाले पल किए। सबसे यादगार था जब IPL 2026 के एक मैच में VAR ने आउट‑कोर्ट का फैसला उलट दिया, जिससे राजस्थान रॉयल्स के फैंस ने नाराज़गी जताई। इसी तरह, फुटबॉल में एक अंतरराष्ट्रीय मैच में VAR ने दो पेनल्टी रिव्यू किए, एक को ग़लत माना और दूसरा सही। इन घटनाओं से साफ़ है कि तकनीक मददगार तो है, पर इसका उपयोग कैसे किया जाए, यह भी ज़रूरी है। रेफरी को ज़्यादा समय नहीं देना चाहिए और फैंस को भी समझाना चाहिए कि रिव्यू में क्या देखा गया।
अब सवाल उठता है – क्या VAR सब कुछ ठीक कर देगा? जवाब है नहीं। कभी‑कभी कैमरा एंगल, धीमी रफ़्तार या मानव त्रुटि फिर भी काम को प्रभावित कर सकती है। इसलिए कई लीग ने VAR के साथ ‘फ्रेंडली ज़ोन’ का नियम बनाया है, जहाँ छोटे‑छोटे फ़ाउल को रिव्यू नहीं किया जाता, ताकि खेल का रफ़्तार बना रहे। इस तरह के नियम खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों को संतुलन मिलाता है।
अगर आप खुद VAR को समझना चाहते हैं, तो सबसे आसान तरीका है मैच देखते समय स्क्रीन पर दिख रहे छोटे‑छोटे बार को नोट करना। जब भी वह बार आती है, आप जान जाएंगे कि रिव्यू चल रहा है। कई बार स्टैडियम में भी बड़े स्क्रीन पर रिव्यू दिखाया जाता है, जिससे फैंस को भी पता चलता है कि क्या बदल रहा है। यह transparency (पारदर्शिता) ही VAR की ताकत है।
आगे चलकर VAR में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल भी बढ़ सकता है। कुछ लीग में पहले से ही AI‑वॉच सिस्टम ट्रैक कर रहा है, जिससे ग़लत फ़ाउल जल्दी पकड़े जा सकते हैं। लेकिन अभी भी मानव निर्णय का बड़ा हिस्सा रहेगा, इसलिए रेफरी और तकनीकी टीम को लगातार ट्रेनिंग की ज़रूरत है।
समाप्ति में, VAR ने खेल को अधिक साफ़ बनाया है, लेकिन इसे सही ढंग से लागू करने की ज़रूरत है। इस टैग पेज पर आपको VAR की बेसिक जानकारी से लेकर बड़े‑बड़े मामलों की चर्चा तक सब मिलेगा। जब भी आप अगला मैच देखेंगे, तो स्क्रीन पर चल रहे VAR को समझ पाएँगे और मैदान में क्या हो रहा है, इसका पूरा अंदाज़ा लगाएँगे।