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एर्दोगान – तुर्की के राष्ट्रपति की ताज़ा ख़बरें और क्या असर

यदि आप तुर्की या अंतरराष्ट्रीय राजनीति में रुचि रखते हैं, तो एर्दोगान का नाम सुनते ही दिमाग में कई चीज़ें आ सकती हैं – सत्ता, बड़े निर्णय, कभी‑कभी विवाद। इस पेज पर हम एर्दोगान के बारे में सरल भाषा में बताते हैं, ताकि आप जल्दी‑से समझ सकें कि उनका काम क्या है और हाल की खबरें आपको क्या बताती हैं।

एर्दोगान कौन हैं?

रिस्पेक्टेड राजनेता रेज़ेप तय्यिप एर्दोगान 2003 में प्रधानमंत्री और 2014 में राष्ट्रपति बने। उनका राजनीतिक सफ़र अदीलेत पार्टी (AKP) के साथ शुरू हुआ, जो इस्लामिक मूलभूत विचारों को आर्थिक विकास के साथ जोड़ती है। एर्दोगान को अक्सर ‘स्थिरता के निर्माता’ कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने तुर्की को आर्थिक बूम से लेकर कठिन समय तक देखा है।

हाल की प्रमुख ख़बरें

अभी एर्दोगान के बारे में सबसे ज़्यादा चर्चा इस बात पर है कि उन्होंने नए संविधान संशोधन पारित कर दिए हैं, जिससे राष्ट्रपति को बहुत सारी शक्तियाँ मिली हैं। इस बदलाव से राजनीतिक विरोधी कह रहे हैं कि लोकतंत्र को खतरा हो सकता है, जबकि एर्दोगान का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास को तेज़ करेगा।

एक और हॉट टॉपिक है तुर्की की अर्थव्यवस्था। एर्दोगानों ने हाल ही में महंगाई को लेकर कई पैकेज जारी किए हैं, जैसे ऊर्जा सब्सिडी और कृषि समर्थन। इन पहलों से बहुत सारे किसान और छोटे व्यापारी को राहत मिली है, लेकिन कुछ अर्थशास्त्री कहते हैं कि यह लंबी­अवधि में बजट में छेद पैदा कर सकता है।

विदेशी नीति में एर्दोगान ने रूस और यूरोपीय देशों के साथ जटिल संबंध बनाए रखे हैं। इज़राइल-फ़िलिस्तीन तनाव के दौरान तुर्की ने मध्य‑पूर्व में अपने कदम बढ़ाए हैं, जिसका असर क्षेत्र की सुरक्षा पर भी पड़ता है। अगर आप इस बारे में गहराई से जानना चाहते हैं, तो हमारे ‘अंतरराष्ट्रीय संकेत’ सेक्शन में देखें।

एर्दोगान के दशकों के शासक बनने के कारण अक्सर सवाल उठता है – क्या वह सत्ता से बाहर कदम रखेंगे? अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के अंदर युवा लीडर धीरे‑धीरे अधिक जुड़ रहे हैं। इसलिए भविष्य में नेतृत्व में बदलाव की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

सामाजिक मुद्दों पर एर्दोगान का रुख भी रोचक है। उन्होंने महिलाओं और युवा रोजगार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे एक महीने में मुफ्त वोकैशनल ट्रेनिंग। इन प्रयासों को जनता से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, लेकिन कुछ NGOs कहते हैं कि इन योजनाओं का असर अभी तक स्पष्ट नहीं है।

आपको एर्दोगान की नई घोषणाओं, आर्थिक आँकड़ों और अंतरराष्ट्रीय नीतियों के बारे में रोज़ाना अपडेट चाहिए? हमारे टैग पेज पर आपको सभी प्रमुख लेख मिलेंगे, जिससे आप बिना ज्यादा समय खर्च किए पूरी तस्वीर देख सकेंगे।

संक्षेप में, एर्दोगान तुर्की की राजनीति में एक अहम फ़िगर हैं, जिनके फैसले देश के भविष्य को सीधे प्रभावित करते हैं। चाहे वह संविधान में बदलाव हो, आर्थिक पैकेज या अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, हर ख़बर आपके ज्ञान को अपडेट रखती है। इस पेज पर बने रहें और तुर्की के इस बड़े नेता के साथ जुड़ी हर खबर को आसानी से पढ़ें।

शरणार्थी उपदेशक फेथुल्लाह गुलेन का निधन: तुर्की में असफल कू की गूंज

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अमेरिका में रह रहे तुर्की के शरणार्थी उपदेशक फेथुल्लाह गुलेन का लंबे समय से बीमार रहने के बाद निधन हो गया। गुलेन पर तुर्की में 2016 के असफल कू को संचालित करने का आरोप लगाया गया था। वह हिज़मत आंदोलन के माध्यम से तुर्की की जनता के बीच काफी प्रभावशाली थे। उनकी मौत तुर्की सरकार और उनके अनुयायियों के बीच जटिल और तनावपूर्ण संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास है।

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