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भारतीय अर्थव्यवस्था – 2024‑25 में क्या हो रहा है?

अगर आप रोज़मर्रा की खबरों में अक्सर भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में सुनते हैं, तो इन दो बड़े दस्तावेज़ों – आर्थिक सर्वेक्षण और केंद्रिय बजट – को समझना जरूरी है। दोनों ही रिपोर्ट्स आपको बताती हैं कि अगले साल तक हमारे देश की ग्रोथ कितनी तेज़ होगी और कौन‑सी नीतियों से जीवन‑स्तर में बदलाव आएगा। इस लेख में हम यही दो चीज़ों को आसान शब्दों में तोड़‑मरोड़ कर समझेंगे।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024‑25 के मुख्य बिंदु

आर्थिक सर्वेक्षण ने बताया कि 2026 में भारत की जीडीपी वृद्धि 6.3%‑6.8% के बीच रहने की संभावना है। यह आंकड़ा पिछले सालों की तुलना में थोड़ा बेहतर है, खासकर जब वैश्विक मार्केट में अस्थिरता बढ़ रही है। सर्वेक्षण ने दो मुख्य कारणों को ग्रोथ की बढ़त के पीछे बताया – युवा कार्यबल का बढ़ता प्रतिशत और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में तेज़ निवेश।

लेकिन इस बढ़त के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। ऊर्जा कीमतों में उतार‑चढ़ाव, विदेश‑से आयात पर निर्भरता, और कृषि सेक्टर में मौसमी जोखिम अभी भी बड़े मुद्दे हैं। सरकार ने इन खतरों को कम करने के लिए ‘इंडस्ट्री 4.0’ के तहत नई तकनीकी पहलें शुरू करने का वादा किया है। इसका मतलब है कि अगर आप स्टार्ट‑अप या छोटे व्यापार वाले हैं, तो नई स्कीम से फंडिंग या टैक्स रिवाइल का फायदा मिल सकता है।

बजट 2025 की प्रमुख घोषणाएँ और उनके असर

बजट 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश किया। इस बजट में सबसे ज्यादा चिंता का कारण था कृषि, कर सुधार और एआई टेक्नोलॉजी के लिए फंडिंग।

कृषि सेक्टर में किसान को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए ‘कृषि सशक्तिकरण योजना’ के तहत 1.2 ट्रिलियन रुपये का बजट घोषित किया गया। इससे छोटे‑बड़े किसान को बेहतर बीज, सिंचाई और बाजार तक पहुँच में मदद मिलने की उम्मीद है। दूसरी तरफ, आयकर स्लैब में हल्की छूट दी गई जिससे मध्यम वर्ग के हाथ में थोड़ा पैसा बचेगा।

टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये का विशेष फंड रखा गया है, ताकि एआई, मशीन लर्निंग और साइबर‑सिक्योरिटी में स्टार्ट‑अप को आसानी से फंड मिल सके। इस पहल से युवा इंजीनियर्स और आईटी प्रोफेशनल्स को नई नौकरी के अवसर मिलेंगे, और देश की एक्सपोर्ट क्षमता भी बढ़ेगी।

इन सभी बिंदुओं से साफ़ है कि 2025 का बजट सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि हर सेक्टर में ठोस बदलाव लाने का इरादा रखता है। अगर आप खुद को निवेशक, उद्यमी या नौकरी खोजने वाले के तौर पर देखते हैं, तो इन नीतियों को समझकर सही समय पर सही कदम उठा सकते हैं।

संक्षेप में, भारतीय अर्थव्यवस्था 2024‑25 में ग्रोथ की तेज़ दिशा में है, लेकिन इसे स्थिर रखने के लिए सही नीति‑निर्माण और निजी सेक्टर की भागीदारी जरूरी है। आर्थिक सर्वेक्षण और बजट दोनों ही इस बात को रेखांकित करते हैं कि आगे के सालों में कौन‑से क्षेत्रों में निवेश करना फायदेमंद रहेगा। आप चाहे प्रोडक्ट खरीदने वाले हों या निवेश करने वाले, इन दोनों रिपोर्ट्स को नजर में रखकर अपने फैसलों को सुदृढ़ बना सकते हैं।

राष्ट्रीय चार्टर्ड एकाउंटेंट दिवस 2024: भारत की अर्थव्यवस्था में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का योगदान

राष्ट्रीय चार्टर्ड एकाउंटेंट दिवस 2024: भारत की अर्थव्यवस्था में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का योगदान

राष्ट्रीय चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) दिवस 2024, ICAI की 76वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने भारत की अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें कर्पोरेट गवर्नेंस, कर अनुपालन, निवेश माहौल और नीति निर्माण शामिल है। इस अवसर पर विभिन्न पेशेवर और सामुदायिक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।

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