केंद्रीय बजट 2025 की तिथि और अपेक्षाएँ
भारत के वित्तीय वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण घटना, केंद्रीय बजट 2025, 1 फरवरी को संसद में प्रस्तुत की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा। इस बजट ने पहले ही देशभर में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की दिलचस्पी को बढ़ा दिया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को यह कैसे समर्थन प्रदान करता है।
कृषि क्षेत्र की चुनौतियाँ और उम्मीदें
इस बजट में कृषि क्षेत्र को विशेष तवज्जो मिलने की उम्मीद है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाएगी जिससे किसान और विभिन्न कृषि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके समावेशी विकास की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण होगा। खासकर किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कृषि क्षेत्र के नेताओं ने इस बारे में अपनी राय सरकार के पास पहुंचाई है, कि किसानों को सीधे लाभान्वित करने वाले उपायों पर जोर देना चाहिए।
कर सुधार और वित्तीय ढांचा
वित्तीय संरचना को मजबूती देने के लिए कर सुधारों पर भी जोर सुप्रीम होगा। बजट 2025 में जीएसटी ढांचे के सरलीकरण और दरों के युक्तिकरण की उम्मीदें लगाई जा रही हैं। यह एक बड़ी आवश्यकता है, जो छोटे और मंझोले उद्योगों के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही, इसके माध्यम से व्यावसायिक परिवेश में पारदर्शिता और स्थिरता भी स्थापित की जा सकेगी। व्यवसायों को सहायक बनने के लिए कराधान के अलावा अन्य महत्वपूर्ण उपायों की भी योजना बनाई जा सकती है।
अवसंरचना विकास और सार्वजनिक-निजी भागीदारी
विकासशील भारत के वित्तीय रोडमैप में अवसंरचना विकास के लिए बजट 2025 बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। सड़कों, रेल, और पोर्ट जैसे ढांचागत परियोजनाओं में निवेश की वृद्धि करने की बात कही जा रही है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देकर शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास हेतु एक प्रबल नींव रखी जाएगी। साथ ही, रियल एस्टेट को 'उद्योग' का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ रही है, जो विपणन गतिविधियों को विशेष रूप से बढ़ावा देने में सहायक होगा।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवाचार का समर्थन
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और नवाचार के क्षेत्र में भारत के लिए नई संभावनाएँ हैं और बजट 2025 में इन क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान होने की उम्मीद है। प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे विकास के साथ, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि इस नवीनतम तकनीक का हमारे देश में सही उपयोग हो और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिले।
2025 का आर्थिक सर्वे और बजट सत्र
बजट 2025 से पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा जो पिछले वित्तीय वर्ष के आर्थिक प्रदर्शन का अनौपचारिक मूल्यांकन करेगा। इसका उद्देश्य पिछले साल की चुनौतियों और उनके समाधानों को रेखांकित करना है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक और दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान सरकार आर्थिक सुधारों और नीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करेगी।
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