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उत्तर प्रदेश चुनाव 2025: क्या बदल रहा है?

हर पाँच साल में यूपी का चुनाव देश की राजनीति में नया मोड़ लाता है। इस बार भी प्रदेश के 403 जीतने वाले सीटें दांव पर हैं और हर पार्टी अपना ‘जादू’ दिखा रही है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कौन-से मुद्दे लोगों को खींच रहे हैं, कौन-से नेता धूम मचा रहे हैं और वोटिंग के दिन क्या उम्मीद करनी चाहिए, तो आगे पढ़िए।

मुख्य उम्मीदवार और पार्टियों की स्थिति

भाजपा अभी भी अपने काम‑काज को भरोसे के साथ पेश कर रहा है। योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर कई स्थानीय नेता अपने इलाकों में ‘जमीनी स्तर’ की पकड़ मजबूत कर रहे हैं। एक दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से उभरे नए COO सबीह खान, जो अब Apple के इवेंट में भी दिखे, अब स्थानीय राजनीति में दोहरा पहलू अपना रहे हैं – वह आर्थिक विकास और टेक‑जॉब्स को प्रदेश में लाने की बात कर रहे हैं।

स्पीकर पार्टी (SP) अपने पारिवारिक आधार को फिर से जमाने की कोशिश में है। अखिलेश यादव की बेटी और कई युवा चेहरों को टिकट दे कर युवा वर्ग को आकर्षित करने की रणनीति देखी जा रही है। उनके पास दाम्पत्य अधिकार, कृषि और रोजगार जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।

बामेदारों की वाशिंगटन पार्टी (INC) भी स्थानीय गठजोड़ों से फायदा उठाने की कोशिश में है। उन्होंने हालिया सर्वे में कहा कि ‘किसान समस्या’ और ‘सड़क‑बुनियादी ढाँचा’ को प्राथमिकता देंगे। इसके अलावा बहुजातीय समूहों की भागीदारी को लेकर भी कई नए चेहरे सामने आए हैं।

जनमत सर्वे, परिणाम अनुमान और मतदान प्रक्रिया

अभी तक के सर्वे दिखाते हैं कि भाजपा के पास लगभग 42% वोट शेयर है, जबकि SP के पास 30% और कांग्रेस के पास 12% तक के आंकड़े सामने आए हैं। लेकिन यूपी में वोट किसे देगा, यह बहुत हद तक ‘स्थानीय मुद्दों’ पर निर्भर करता है – जैसे सड़कों की स्थिति, पानी की कमी, जल सुरक्षा… इसलिए सभी सर्वे सटीक नहीं होते।

मतदान का दिन 27 फ़रवरी तय हो गया है और इसके लिए राज्य में 7 करोड़ से अधिक मतदाता नामांकित हैं। हर मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) लगेगी, जिससे प्रक्रिया तेज़ और पैदावार‑रहित होगी। अगर आप पहली बार वोट दे रहे हैं, तो बस अपने आधार कार्ड या वोटर आईडी ले जाएँ, फोटो पहचान और डिजिटल सिग्नेचर के साथ आप आसानी से मतदान कर सकते हैं।

परिणामों का अनुमान लगाते समय एक बात याद रखें – यूपी की राजनीति में ‘जुड़ाव’ बहुत महत्वपूर्ण है। अगर किसी उम्मीदवार ने अपने क्षेत्र में अस्पताल, स्कूल या छोटे उद्योग स्थापित किए हैं, तो आम तौर पर लोगों का भरोसा जीत लेता है। इसलिए बड़ी खबरें, जैसे कि Apple के नए COO का उत्तर प्रदेश से जुड़ना, स्थानीय स्तर पर भी चर्चा का कारण बन सकता है।

अंत में, चुनाव सिर्फ पार्टियों का मुकाबला नहीं, बल्कि लोगों का अपना भविष्य तय करने का मौका है। चाहे आप बड़े शहर में रहें या गाँव में, आपका वोट ही उस बदलाव को तय करेगा। इसलिए मतदान केंद्र पर समय पर पहुँचना, सही पहचान ले जाना और अपने मत का प्रयोग करना न भूलें। उत्तर प्रदेश चुनाव 2025 को आप भी इतिहास में अपना योगदान दें!

अमेठी चुनाव परिणाम 2024: स्मृति ईरानी ने शानदार जीत दर्ज की, भाजपा ने कांग्रेस पर बनाई बढ़त

अमेठी चुनाव परिणाम 2024: स्मृति ईरानी ने शानदार जीत दर्ज की, भाजपा ने कांग्रेस पर बनाई बढ़त

उत्तर प्रदेश के अमेठी क्षेत्र में 2024 के आम चुनावों के दौरान जोरदार राजनीतिक मुकाबला हुआ। भाजपा की उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने चुनाव में महत्वपूर्ण जीत हासिल की। वे कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा को पीछे छोड़ते हुए भारी मतों से विजयी रहीं। भाजपा की यह जीत अमेठी में राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रही है।

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