दक्षिण भारतीय विवाह के रिवाज़ और तैयारी के आसान टिप्स
अगर आप या आपके परिवार में जल्द ही शादी का प्लान कर रहे हैं, तो दक्षिण भारत की शादी के खास पहलुओं को समझना फायदेमंद रहेगा। यहाँ के रिवाज़ कुछ अलग होते हैं, लेकिन हर चीज़ का एक मतलब है। इस गाइड में हम बात करेंगे शादी के मुख्य चरणों, पोशाक, भोजन और कुछ प्रैक्टिकल टिप्स की, ताकि आपका सेलिब्रेशन बिना तनाव के हो सके।
शादी के मुख्य चरण: निचट्टन से कदली तक
दक्षिण भारतीय शादी आमतौर पर तीन बड़े इवेंट्स में बंटी होती है – निचट्टन (निमंत्रण), मंगलसूत्र (ल्यावण) और कदली (विवाह समारोह)। निचट्टन में मण्डप सजाया जाता है, हल्का संगीत बजता है और मेहमानों को सरबे (खाने) परोसते हैं।
मंगलसूत्र या ल्यावण में दूल्हा अपने घर से दुल्हन के घर जाता है, अक्सर एक बड़े सुनहरे हाथी या गाड़ी में। इस दौरान कली (लेगहें) पॉप के साथ दुल्हन के घर पहुँचते हैं, और दो परिवार मिलकर हवन और पूजा करते हैं।
अंत में कदली या विवाह समारोह होता है, जहाँ पंडित शंकराचरण या कर्नाटक की शुद्ध पंजाबी वैदिक प्रथा के अनुसार कली, सप्तपदी और वर-विद्या कराते हैं। ये रिवाज़ दाम्पति के जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं, इस पर सभी का विश्वास है।
परिधान और स्टाइल: परम्परा में मॉडर्न टच
दक्षिण भारत में दुल्हन अक्सर कुर्ता-सैरी या सेरवेल (सेरवेल) साड़ी पहनती है, जिसमें सुनहरी ज़री या पर्ल काम रहता है। जटिल पल्लू (भुजा) और झूमर (सिंगार) इस लुक को पूरा करते हैं। दूल्हा पारम्परिक धोती-धागा या जुड़े और कुर्ता में सजता है, साथ में नीलकंठ या मुन्यन (पगड़ी) भी पहना जाता है।
अगर आप थोड़ा मॉडर्न लुक चाहते हैं, तो ड्रेस की सिल्क या जॉर्जेट सामग्री चुनें, लेकिन रंगों में पील, सॉफ्ट पिंक या एम्बर रखें, क्योंकि ये रंग दक्षिण भारतीय शादी में बहुत पसंद किए जाते हैं।
सजावट में कमल, कमरंग और नारियल के पत्ते इस्तेमाल होते हैं। अगर आप ब्यूटी के बारे में सोच रहे हैं, तो हल्का मेहंदी, ग्रीन हाइलाइट और नैचुरल मेकअप सबसे बढ़िया रहता है।
खाने की बात करें तो बिस्बा बेरी (ब्रेड), इडली, डोसा, सांभर, रसम, पप्पड़, चीकन 65, मिर्ची लड्डू आदि प्रमुख होते हैं। कॉर्न फ्लॉवर और काजू के पेस्ट से बना 'पैले मड्रास' और 'बिर्यानी' भी मेन्यू में होना चाहिए।
एक और ध्यान रखने वाली चीज़ है दिवाली या पोंगल जैसी फेस्टिवल्स के टाइम में शादी तो ज्यादा सजावट और लाइटिंग की जरूरत पड़ेगी, इसलिए बजट में थोड़ा फेरबदल कर लें।
अंत में, चाहे आप छोटे गाँव में या बड़े शहर में शादी कर रहे हों, सबसे जरूरी है परिवार की एकजुटता और खुशियों का माहौल। रिवाज़ों का पालन करें, पर अपने मन की बात भी सुनें। इस तरह से आपका दक्षिण भारतीय विवाह न सिर्फ पारम्परिक रहेगा, बल्कि यादगार भी बन जाएगा।