हिमानी मोर: खेल जगत की नई पहचान और नीरज चोपड़ा की जीवन साथी
अगर आप सोचते हैं कि नीरज चोपड़ा की ज़िंदगी सिर्फ भाला फेंकने और ओलंपिक जीतने के इर्द-गिर्द घूमती है, तो आपको उनकी पत्नी Himani Mor के बारे में जानना चाहिए। हिमानी का सफर भी कम दिलचस्प नहीं है। 25 साल की हिमानी हरियाणा के सोनीपत से ताल्लुक रखती हैं और खुद एक राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी रह चुकी हैं।
हिमानी की शिक्षा भी उतनी ही खास है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अमेरिका के न्यू हैम्पशायर स्थित फ्रैंकलिन पीयर्स यूनिवर्सिटी से खेल प्रबंधन (स्पोर्ट्स मैनेजमेंट) में मास्टर्स किया। इसी दौरान, 2022-23 में वे अमहर्स्ट कॉलेज की महिला टेनिस टीम की असिस्टेंट कोच भी बनीं, जिससे उनका खेल और नेतृत्व दोनों निखरकर सामने आए।
टेनिस के मैदान में हिमानी ने खूब जलवा दिखाया है। 2016 में मलेशिया की वर्ल्ड जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता और 2017 में ताइपे में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में शिरकत की। 2018 में वे सिंगल्स में 42वीं और डबल्स में 27वीं राष्ट्रीय रैंकिंग तक पहुंचने में कामयाब रहीं। गांव की संस्कृति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों तक, हिमानी ने अपने दम पर खुद को साबित किया है।
नेह-बंधन से शादी तक: नीरज और हिमानी की अनोखी कहानी
अब बात करते हैं नीरज और हिमानी की मुलाकात की, जो किसी फिल्मी लव स्टोरी से कम नहीं। दोनों की पहली मुलाकात अमेरिका में हुई, जहां नीरज अपने ट्रेनिंग टूर पर थे और हिमानी पढ़ाई कर रही थीं। धीरे-धीरे दोस्ती गहरी हुई और परिवारों की रज़ामंदी से ये रिश्ता शादी तक पहुंचा। खास बात यह रही कि दोनों परिवारों ने शादी में दहेज बिल्कुल नहीं लिया और सिर्फ प्रतीक के तौर पर ₹1 स्वीकार किया।
जनवरी 2025 में हिमाचल प्रदेश के सुरम्य पहाड़ों के बीच तीन दिन की निजी रस्मों के साथ शादी हुई, जिसमें सिर्फ 40–50 करीबी रिश्तेदार शामिल हुए — न कोई मीडिया, न सोशल मीडिया पर हलचल। यहाँ तक कि पूरे कार्यक्रम में मोबाइल फोन का इस्तेमाल मना था। पंडित जी को भी नीरज की पहचान का पता नहीं था। शादी से पहले हिमानी 14 घंटे के लिए नीरज के गाँव पहुंचीं और वहां की रीति-रिवाजों को अपनाया।
नीरज के लिए यह मौका इसलिए भी बेहद खास था क्योंकि उनका प्यारा डॉगी ‘टोक्यो’ भी इस परिवार का गवाह बना। ‘टोक्यो’ तो खुद एथलेटिक्स लीजेंड अभिनव बिंद्रा का गिफ्ट है, जो नीरज को 2020 ओलंपिक गोल्ड के बाद भेंट मिला था।
शादी के तुरंत बाद, कपल अमेरिका रवाना हो गया — पहले हनीमून के लिए और फिर नीरज के ओलंपिक्स की तैयारियों के मद्देनज़र। लौटने के बाद, दोनों एक बड़ा रिसेप्शन भी देंगे, जिसमें खेल और सिनेमा की कई चर्चित हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
हिमानी मोर ने अपना करियर सिर्फ टेनिस तक सीमित नहीं रखा — वे स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में भी विशेषज्ञता हासिल कर रही हैं, और सहायक कोचिंग के जरिए नयी पीढ़ी के खिलाड़ियों को गाइड कर रही हैं। यह जोड़ी अब भारत के खेल प्रेमियों के लिए टैलेंट, कमिटमेंट और सादगी का नया चेहरा बन चुकी है।
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लोग टिप्पणियाँ
इतनी अद्भुत युवती है जो खेल के साथ-साथ शिक्षा और प्रबंधन भी संभाल रही है। ऐसी महिलाएं ही भारत को आगे बढ़ाएंगी।
ये सब तो बहुत अच्छा है पर क्या आपने कभी सोचा कि ये सब फोटोज़ और इंटरव्यूज़ के लिए बनाया गया नाटक है? किसी को दिखाने के लिए इतनी चालाकी चल रही है।
हिमानी का सफर बस एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि एक युवा भारतीय महिला के जीवन का जीत का गीत है। टेनिस कोर्ट से लेकर अमेरिकी कॉलेज के कैंपस तक, उसने अपने दम पर रास्ता बनाया। और फिर नीरज के साथ शादी में भी वो सादगी का जादू चला गया - बिना दहेज, बिना मीडिया, बिना शो। ये वो असली जीत है जिसकी तारीफ किसी को नहीं करनी चाहिए, बस अनुभव करनी चाहिए।
अमेरिका में पढ़कर वापस आया तो ओलंपिक जीता... अब शादी के बाद फिर अमेरिका जा रहा है... क्या ये सब अमेरिकी एजेंसी का प्लान है? क्यों नहीं भारत में रहते?
शादी में ₹1 लेना बहुत अच्छा लगा, लेकिन आपने क्या सोचा कि ये सिर्फ एक प्रतीक है? वास्तव में ये एक बहुत बड़ा व्यावहारिक और सामाजिक संदेश है - दहेज के खिलाफ एक शांत, लेकिन अत्यंत प्रभावी विद्रोह। इस तरह के फैसले देश के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं जब लाखों परिवार अभी भी इस बुराई के शिकार हैं।
हिमानी की टेनिस करियर की रैंकिंग देखकर लगता है कि वो बहुत गहराई से खेलती थीं और अब अमेरिका में कोचिंग कर रही हैं तो ये बहुत अच्छा है लेकिन क्या भारत में भी कोई ऐसा प्रोग्राम है जहां वो वापस आकर योगदान दे सकें
यह लेख बिल्कुल भी नहीं है कि एक भारतीय महिला ने अपने अकेले प्रयास से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियाँ हासिल की हैं और उसके बाद एक ओलंपिक चैम्पियन से शादी कर ली है। यह तो एक बहुत ही सामान्य और बहुत बार-बार देखा गया नाटक है जिसे मीडिया ने एक राष्ट्रीय कथा में बदल दिया है। वास्तविकता यह है कि ये दोनों एक बहुत ही अलग और विशेष वर्ग के हैं जो अपने सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण इस तरह के अवसर प्राप्त कर पाए हैं। यह लेख आम युवाओं के लिए एक बहुत ही भ्रामक और अवास्तविक मॉडल प्रस्तुत करता है।
अमेरिका में पढ़ने वाली लड़की और ओलंपिक चैंपियन... बस एक दूसरे के लिए बने हुए लगते हैं। लेकिन इसके पीछे क्या असली बात है? इन दोनों के परिवारों की वास्तविक आर्थिक स्थिति क्या है? क्या ये सब एक बड़े ब्रांडिंग प्रोजेक्ट का हिस्सा है?
हिमानी की यात्रा सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, एक शिक्षित महिला की है जिसने अपने जीवन को अपने निर्णयों से आकार दिया। उसने टेनिस को छोड़कर खेल प्रबंधन का रास्ता चुना, जिससे उसका योगदान अब एक खिलाड़ी से बढ़कर एक पूरी पीढ़ी के लिए है। ये वो तरह की नेतृत्व है जिसे हमें बहुत ज्यादा देखने की जरूरत है।
बस इतना ही? कोई और नहीं है?
टोक्यो का नाम रखा... ओलंपिक जीतने के बाद... अब शादी... क्या ये सब एक गोपनीय अमेरिकी एजेंसी का अभियान है? 🤔