preloader

स्वास्थ्य – ताज़ा ख़बरें और व्यावहारिक टिप्स

क्या आपको लगता है कि स्वास्थ्य सिर्फ डॉक्टर की दवाइयों से जुड़ा है? असल में रोज‑रोज़ की छोटी‑छोटी आदतें भी हमारी तंदुरुस्ती को बड़े तरीकों से प्रभावित करती हैं। यहाँ हम दो ज़रूरी खबरों को देखेंगे – एक वायु प्रदूषण के कारण घर में बढ़ती एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग, और दूसरी विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम ‘कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य’। दोनों ही विषय आपके रोज़मर्रा के जीवन से सीधे जुड़े हैं, तो चलिए जानते हैं कैसे.

दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण घर में एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग दोगुनी

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मौसमी बर्नर, ट्रैफ़िक जाम और ठंडे मौसम के कारण वायु स्तर ‘गंभीर प्लस’ में पहुँच गया है। लोग अब सिर्फ बाहर के लिए नहीं, बल्कि घर के अंदर के लिए भी श्वास‑सुरक्षा की योजना बना रहे हैं। परिणामस्वरूप, एयर प्यूरीफायर की बिक्री पिछले महीने के मुकाबले लगभग 100% बढ़ी है, और मास्क की माँग भी उच्चतम स्तर पर है।

वास्तविक उपयोगकर्ता कहते हैं, ‘घर में एचपी (एयर प्यूरीफायर) लगवाने के बाद सांस में साफ़ी महसूस होती है, बच्ची को भी अब एल्लर्जिक राइंस नहीं होते।’ अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि एचपी आपके बजट में फिट हो जाएगा या नहीं, तो छोटे‑छोटे मॉडल से शुरुआत कर सकते हैं – 2‑3 कबिनेट‑साइज़ के यूनिट्स 5 हजार रुपए से भी कम में मिलते हैं।

मास्क की बात करें तो, N95/KN95 ख़ासकर हल्की‑हल्की फाइल्टर वाली अब सबसे ज्यादा बिक रही हैं। यदि आप बाहर निकलते हैं, तो कम से कम दो‑तीन मास्क रखिए और हर 4‑6 घंटे बाद उन्हें बदलें। इससे न केवल आप खुद को प्रदूषण से बचाएंगे, बल्कि आसपास के लोगों को भी जागरूक करेंगे।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 – कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य क्यों जरूरी है

हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 का फोकस ‘कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य’ है। कई कंपनियों में अब ‘वेल‑बिंग’ सत्र, तनाव‑मुक्ति वर्कशॉप और लीडरशिप कोचिंग को अनिवार्य किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि लगातार तनाव, बर्नआउट और नींद की कमी से उत्पादकता घटती है और कर्मचारी जल्दी छोड़कर चलते हैं।

अगर आपका ऑफिस अभी तक इस दिशा में कदम नहीं उठा रहा, तो आप खुद छोटी‑छोटी पहल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, दिन में 10‑15 मिनट का ‘रीसेट टाइम’ रखें जहाँ सभी कर्मचारी स्क्रीन से दूर होकर हल्की स्ट्रेचिंग या माइंडफ़ुलनेस कर सकें। छोटे‑छोटे ब्रेक से दिमाग को रिचार्ज मिलती है और संदेह‑जोक्स भी घटते हैं।

एक और आसान ट्रिक है, ‘डिजिटल डिटॉक्स’ नीति अपनाना। मीटिंग के बाद 30 मिनट तक ई‑मेल या संदेशों को न खोलने की हिदायत दें। इससे दिमाग को वास्तविक काम पर फोकस करने का मौका मिलता है, न कि लगातार सूचना प्रवाह से परेशान होने का।

सेल्फ‑कैयर की बात नहीं करिए तो कोई भी कंपनी या व्यक्ती आगे नहीं बढ़ सकता। चाहे वह एक कप गर्म चाय, थोडा सैर, या फिर दोस्तों/परिवार के साथ बात हो – छोटे‑छोटे कदम बड़ी बदलाव लाते हैं।

आप चाहे दिल्ली के धुंधलाए में रहने वाले हों या ऑफिस की कुर्सी पर घंटों बिताते हों, स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ बीमारी से बचना नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी चीज़ों में सुधार लाना है। एयर प्यूरीफायर और मास्क से शुरू करें, फिर ऑफिस में अपने साथियों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए छोटे‑छोटे ब्रेक दें। इन दो पहलुओं पर ध्यान देकर आप अपने और अपने आसपास के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर ले जा सकते हैं।

दिल्ली में वायु प्रदूषण से जूझते शहर में मास्क और एयर प्यूरीफायर की बिक्री हुई दोगुनी

दिल्ली में वायु प्रदूषण से जूझते शहर में मास्क और एयर प्यूरीफायर की बिक्री हुई दोगुनी

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुँच जाने के कारण एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में तेज़ उछाल देखा जा रहा है। शहर में प्रदूषण स्तर 'गंभीर प्लस' श्रेणी में प्रवेश कर चुका है, जिसके चलते लोग अपनी सेहत की सुरक्षा हेतु एयर प्यूरीफायर और मास्क को अनिवार्य मानने लगे हैं।

और अधिक जानें
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024: थीम, इतिहास और महत्व पर एक गहन दृष्टि

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024: थीम, इतिहास और महत्व पर एक गहन दृष्टि

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के समर्थन के लिए मनाया जाता है। 2024 के लिए इसकी थीम 'कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य' है, जो कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के महत्व को दर्शाती है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ द्वारा 1992 में स्थापित इस दिन का हर साल मनाना एक विशेष परिचायक है।

और अधिक जानें

यहां तलाश करो