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अधिग्रहण की ताज़ा ख़बरें और उनका असर

क्या आपने सुना है कि भारत में बहुत सारी बड़ी कंपनियों ने हाल ही में एक-दूसरे को खरीदना या मिलाना शुरू कर दिया है? इन डीलों का असर सिर्फ कंपनी के बोर्डरूम तक नहीं रहता, यह हमारे रोज़मर्रा के दामों, नौकरियों और निवेश के फैसलों को भी बदलता है। इस लेख में हम कुछ सबसे ज़्यादा चर्चित अधिग्रहण, IPO और मर्जर को आसान भाषा में समझेंगे।

कम्पनी खरीद और मर्जर – क्या होते हैं?

किसी कंपनी का दूसरे का शेयर खरीदना या दोनों कंपनियों का मिल जाना, यही अधिग्रहण या मर्जर कहलाता है। जब बड़ा खिलाड़ी छोटे को खरीदता है तो अक्सर नई प्रोडक्ट लाइन, तकनीकी सपोर्ट या मार्केट शेयर मिल जाता है। छोटे को दिधे जाने वाले पैसे से शेयरहोल्डर लाभ उठाते हैं, और बड़ी कंपनी को नई क्षमताएँ मिलती हैं।

उदाहरण के तौर पर, अगर एक टेक कंपनी जो मोबाइल चिप्स बनाती है, उसने किसी सॉफ्टवेयर स्टार्ट‑अप को खरीदा, तो वह अपने फ़ोन में नई फीचर जल्दी जोड़ पाएगी। इसका सीधा फायदा यूज़र को मिलता है, और कंपनी के स्टॉक्स की कीमत भी बढ़ सकती है।

हालिया बड़े अधिग्रहण और IPO के केस

पहले बात करते हैं NSDL IPO की। इस IPO के लॉन्च से पहले शेयर बाजार में CDSL के शेयरों में 3% की कमी आई, क्योंकि निवेशक इन दो संस्थाओं की प्रतिस्पर्धा को लेकर सावधानी बरत रहे थे। इस तरह के बड़े फाइनेंशियल डील न सिर्फ शेयरों में उतार‑चढ़ाव लाते हैं, बल्कि बाजार में नई प्रतियोगिता भी पैदा करते हैं।

दूसरा रोचक केस है TCS का क्वार्टरली मुनाफा रिपोर्ट। हालाँकि यह रिपोर्ट सीधे अधिग्रहण नहीं दर्शाती, लेकिन TCS ने पिछले साल कई छोटे सॉल्यूशन कंपनियों को खरीदा था। इन खरीदी से कंपनी ने अपने क्लाउड और AI सर्विसेज को तेजी से बढ़ाया, जिससे Q1 में 6% मुनाफे की बढ़ोतरी देखी गई।

एक और मशहूर घटना है Apple का iPhone 17 Pro Max लॉन्च। Apple अक्सर अपने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए छोटे स्टार्ट‑अप को खरीदता रहता है। इस बार भी भारतीय COO सबीह खान के साथ नए प्रोडक्ट की घोषणा के समय कई छोटे टेक कंपनियों के अधिग्रहण की अफवाहें चल रही थीं।

इन सभी उदाहरणों से स्पष्ट है कि अधिग्रहण केवल बड़े निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी महत्त्व रखता है। जब किसी कंपनी का स्टॉक बढ़ता है, तो आम लोग अपने बचत या म्यूचुअल फंड के जरिए उस कंपनी में निवेश कर सकते हैं। साथ ही, नई प्रोडक्ट्स और सेवाओं की कीमत भी इन डीलों से तय होती है।

अगर आप अपने निवेश या करियर की योजना बना रहे हैं, तो इन अधिग्रहण समाचारों को फ़ॉलो करना फायदेमंद रहेगा। अक्सर कंपनियों के अधिग्रहण के बाद नई जॉब ओपनिंग, स्किल्स की मांग और वेतन में बदलाव आता है। इस जानकारी से आप बेहतर तैयारी कर सकते हैं।

संक्षेप में, अधिग्रहण की दुनिया बहुत तेज़ है और हर दिन नई खबरें आती हैं। चाहे वह NSDL की IPO हो, TCS की खरीदारी, या Apple का नया प्रोडक्ट – सबका एक ही असर है: बाजार में नई ऊर्जा और अवसर पैदा करना। इसलिए, इस टैग पेज पर आप सबसे ताज़ा और भरोसेमंद अधिग्रहण समाचार पढ़ सकते हैं, जो आपके समझ को आसान बनाता है और फैसले करने में मदद करता है।

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नोकिया ने 2.3 अरब डॉलर में ऑप्टिकल नेटवर्किंग विक्रेता इंफिनेरा का अधिग्रहण करने की योजना घोषित की है। इस सौदे में कम से कम 70 प्रतिशत भुगतान नकद में किया जाएगा और 760 मिलियन डॉलर के कंवर्टिबल नोट्स की पुनर्खरीद भी शामिल होगी। यह सौदा 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसे आम सहमति वाले नियामक और शेयरधारक की मंजूरी मिलनी बाकी है।

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अम्बुजा सीमेंट के शेयर 4% बढ़े जब कंपनी ने पेनना सीमेंट को १०,४२२ करोड़ रुपये में खरीदने की डील साइन की। इस अधिग्रहण से अडानी की बाजार हिस्सेदारी २% और दक्षिण भारतीय बाजार में ८% तक बढ़ने की संभावना है। यह डील अगले तीन से चार महीनों में पूरी होने की उम्मीद है।

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