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सियाचिन के शहीद वीर कप्तान अंशुमान की विधवा स्मृति का मार्मिक किस्सा

सियाचिन के शहीद वीर कप्तान अंशुमान की यादें

सियाचिन की बर्फीली चोटियों में जुलाई 2023 की एक रात, भारतीय सेना के एक गोदाम में अचानक आग लग गई। इस दर्दनाक घटना में कई लोगों की जान जाते-जाते बची, लेकिन भारतीय सेना के एक जांबाज कप्तान अंशुमान सिंह ने अपने साथियों को बचाते हुए अपनी जान गंवा दी। उनकी विधवा, स्मृति सिंह ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में एक मार्मिक कहानी साझा की है।

कप्तान अंशुमान सिंह, 23 वर्ष के एक युवा सेना के डॉक्टर थे, जो न केवल अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान थे, बल्कि अपने साथियों की जान बचाने के लिए अपनी जान की बाजी भी लगा सकते थे। इस घटना में, उन्होंने कई लोगों की जान बचाई, लेकिन जब तक वे खुद को बचा पाते, तब तक उनकी हालत गंभीर रूप से जल चुकी थी। स्मृति सिंह ने बताया कि उनके पति हमेशा से कहते थे, 'मैं सीने पर बिल्ला लेकर जाऊंगा। मैं एक साधारण मौत नहीं मरने वाला।' यह शब्द आज भी स्मृति के कानों में गूंजते हैं और उन्हें अपने पति पर गर्व होने का एहसास कराते हैं।

स्मृति की संघर्ष यात्रा

स्मृति सिंह और कप्तान अंशुमान सिंह की मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी। उन्होंने आठ साल की लंबी दूरी के रिश्ते को निभाया और शादी कर ली। उनकी शादी को केवल पांच महीने ही हुए थे जब यह घटना घटित हुई। स्मृति ने याद करते हुए बताया कि उनकी आखिरी बातचीत में उन्होंने भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा की थी, जिसमें घर बनाना और बच्चे होने की बात भी शामिल थी।

जब स्मृति को यह दुखद समाचार मिला, तो उन्हें इसे स्वीकारने में आठ घंटे लगे। यह उनकी ज़िंदगी का सबसे कठिन समय था। उन्होंने अपने पति के बिना जीवन को आकार देने के लिए खुद को तैयार किया और अपने अपने दुख और पीड़ा के बावजूद धैर्य और साहस का परिचय दिया।

कीर्ति चक्र से सम्मानित

कीर्ति चक्र से सम्मानित

भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्मृति सिंह को 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया गया। यह भारत का दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है, और इसे पाना स्मृति के लिए एक गर्व का क्षण था। इस सम्मान को प्राप्त करते समय, स्मृति की आँखों में गर्व और दुख दोनों का मिश्रण साफ झलक रहा था।

समारोह के दौरान का एक वीडियो वायरल हो गया जिसने कई लोगों को भावुक कर दिया। इस वीडियो में स्मृति और कप्तान अंशुमान सिंह की मां राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण करते हुए दिखी। इस क्षण ने पूरे देश में एक संदेश भेजा कि हमारे सैनिक और उनके परिवार कितने साहसी होते हैं।

भविष्य के लिए प्रेरणा

स्मृति सिंह के साहस और मजबूत इच्छाशक्ति ने बहुत से लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि हमारी सैन्य परिवारों की शक्ति और धैर्य अनंत है। यह कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने जीवन में किसी मुश्किल घड़ी से गुजर रहे हैं।

स्मृति सिंह आज भी अपने पति की यादों के साथ जी रहे हैं और उनके द्वारा दिखाए गए साहस और शौर्य को सलाम करती हैं। उनकी कहानी यह बताती है कि सच्चा प्यार और समर्पण कोई सीमा नहीं जानता।

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