जब रविंद्र जडेजा, इंडियन ऑल‑राउंडर ने 5‑7 अक्टूबर 2025 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 104* बनाकर और चार विकेट लेकर मैच जीताया, तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने उसके करियर‑बेस्ट 25वें स्थान को टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में घोषित किया। यह कदम सिर्फ़ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, भारत की टेस्ट टीम के लिए भी बड़ी ताकत का संकेत है, क्योंकि अब जडेजा 430 अंक की बढ़त के साथ ऑल‑राउंडर तालिका में पहला नंबर क़ाबू में रखे हैं, जहाँ मेहदी हैसन मिराज़ दूसरे स्थान पर 305 अंक के साथ हैं।
पृष्ठभूमि: भारत‑वेस्ट इंडीज टेस्ट श्रृंखला
2025‑2026 की ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत ने पहले ही दो टेस्टों को जीत कर लीडरबोर्ड पर क़दम रखे थे। पहली टॉस में भारत ने पहले बैटिंग का चुनाव किया और केवल तीन दिनों में अन्ही उतर में 140 रन से जीत हासिल की। इस जीत ने भारतीय खिलाड़ियों के रैंकिंग में क्रमशः छलांग लगाई, विशेषकर जडेजा, मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव के लिए।
जडेजा की अद्भुत दो‑पहिया प्रदर्शन
पहले इनिंग में 104* बनाने के बाद जडेजा ने दूसरा इनिंग में चार विकेट उठाए – 4/31 की बेहतरीन बॉलिंग के साथ। इस दो‑पहिया प्रदर्शन ने उन्हें 644 रेटिंग पॉइंट्स के साथ टेस्ट बैटिंग तालिका में 25वां स्थान दिलाया, जो जुलाई 2025 में उनके द्वारा हासिल 620 पॉइंट्स से 24 अंक की बढ़ोतरी है। जडेजा की कुल टेस्ट रनों की संख्या अब 3,886 तक पहुँच गई है, औसत 37.73 के साथ, और उनका करियर‑हाई स्कोर 113* अभी भी 2023 में ब्रिसबेन के गाब्बा में है।
ऑल‑राउंडर तालिका में अल्पसंख्यक अंतर
जडेजा का 430‑पॉइंट्स का स्कोर अब तक की सबसे बड़ी लीड है; उन्होंने दूसरे स्थान पर रहने वाले मेहदी हैसन मिराज़ (305 पॉइंट्स) से 125 अंक का अंतर बना लिया। यह अंतर वर्तमान रैंकिंग प्रणाली के परिचय के बाद से सबसे बड़ा है। इसके साथ ही बैन स्टोक्स (295 पॉइंट्स) और वायन मुल्देर (284 पॉइंट्स) क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
अन्य भारतीय खिलाड़ियों की रैंकिंग में उछाल
कुलदीप यादव ने 670 पॉइंट्स के साथ 21वें स्थान पर पहुंचा, जबकि मोहम्मद सिराज, 30‑साल के दाहिने‑हाथी तेज गेंदबाज, ने 701 पॉइंट्स के साथ 12वें स्थान पर अपनी करियर‑बेस्ट हासिल की। यह पहली बार है जब सिराज ने 700‑पॉइंट्स की सीमा को पार की है। कर्णधार अंतरराष्ट्रीय क्रमांक‑1 तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट लिये, लेकिन अपनी शीर्ष‑स्थिति बरकरार रखी।
बेटी‑बच्चे और टीम की प्रतिक्रिया
मैदान के बाद जडेजा ने कहा, “मैं इस परिणाम को पूरी टीम की मेहनत का फल मानता हूँ। व्यक्तिगत शिखर तो कभी‑न कभी मिलता है, पर टीम जीत ही सबसे बड़ी संतुष्टि है।” कैप्टन रविंद्र जडेजा (कबिल्यी शब्दों में) के इस बयान ने भारतीय समर्थकों के दिलों को छू लिया। कोच रविचंद्रन आशुतोष ने भी कहा, “इन रैंकिंग अपडेट्स से दिखता है कि हमारे खिलाड़ियों की निरंतरता और परिपक्वता बढ़ रही है। हमें इस गति को बनाए रखना है।”
विस्तृत प्रभाव और भविष्य का पटाक्षेप
जडेजा की इस उपलब्धि ने भारत को आने वाले टेस्ट सीरीज़ में रणनीतिक लाभ दिलाया है—ऑल‑राउंडर के रूप में वह बैटिंग और बॉलिंग दोनों में संतुलन बना सकते हैं, जिससे टीम में लचीलापन बढ़ता है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अब भारत को केवल दो खेलों की जरूरत है शीर्ष स्थान घटाने के लिए, और जडेजा की वर्तमान फ़ॉर्म इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। साथ ही, इस रैंकिंग अंतर ने अन्य प्रमुख ऑल‑राउंडर जैसे मिराज़ के लिए प्रेरणा के रूप में काम किया है, जिससे आगामी टूर में प्रतिस्पर्धा तीव्र होगी।
आगामी टेस्ट और रैंकिंग चलन
अगले महीने भारत इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज़ में खेलेगा, जहाँ जडेजा को बैटिंग और बॉलिंग दोनों में अपने प्रदर्शन को बनाए रखना होगा। अगर वह इस फॉर्म को जारी रखता है, तो 2025‑2026 की अंत तक उसका रैंकिंग बिंदु 660‑से अधिक भी हो सकता है। साथ ही, वॉशिंगटन सुंडर और ध्रुव जुरेल जैसे युवा खिलाड़ियों के उभरते प्रदर्शन के साथ भारत की ऑल‑राउंडर पॉलिसी और मज़बूत होती दिख रही है।
सारांश बिंदु
- रविंद्र जडेजा ने टेस्ट बैटिंग रैंकिंग में 25वां स्थान हासिल किया (644 पॉइंट्स)।
- ऑल‑राउंडर तालिका में 125‑अंक की लीड के साथ प्रथम स्थान पर बने रहे।
- मोहम्मद सिराज ने 701 पॉइंट्स के साथ 12वां स्थान पाया।
- भारत ने वेस्ट इंडीज को तीन दिनों में इनिंग‑एंड‑140 रन से हराया।
- यह प्रदर्शन भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में आगे बढ़ने का मजबूत आधार देता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
रविंद्र जडेजा की इस रैंकिंग परिवर्तन से भारतीय टीम को क्या फायदा है?
जडेजा का टॉप‑ऑल‑राउंडर बनना टीम को बैटिंग‑बॉलिंग दोनों में लचीलापन देता है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे हार्ड कॉन्ट्रिरेट्स के खिलाफ वह बराबरी या बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे मैच‑जितने की संभावनाएँ बढ़ती हैं।
मेहदी हैसन मिराज़ को जडेजा से पीछे रहने में क्या कारण माना जाता है?
मिराज़ का 2025 का सीजन स्थिर रहा, जबकि जडेजा ने हाल ही में दो‑इनिंग में शत‑संचयी बना ली। जडेजा की दोनों पक्षीय क्षमता (बैटिंग + बॉलिंग) ने रैंकिंग पॉइंट्स में बड़ा अंतर पैदा किया है।
मोहम्मद सिराज की 701 पॉइंट्स की रैंकिंग का क्या अर्थ है?
सिराज ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 4/40 और 3/31 करके 700‑पॉइंट्स की सीमा को पार किया। यह उनके तेज़ गेंदबाज़ी में निरंतर सुधार को दर्शाता है और भारत को तेज़ गेंन बॉलिंग में गहरी प्रतिभा देता है।
भविष्य में भारत की टेस्ट रैंकिंग में क्या अपेक्षाएँ हैं?
यदि जडेजा, सिराज और युवा बैटरों का फॉर्म जारी रहता है, तो भारत 2026 में शीर्ष‑दो स्थानों में स्थायी रह सकता है। टॉर पर जीत के साथ, टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने का अच्छा मौका मिलेगा।
वेस्ट इंडीज के खिलाफ इस जीत ने भारतीय पिच की क्या विशेषता दिखायी?
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच उन तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मददगार थी, पर साथ ही बैटिंग करने वालों को भी आराम दिया। इससे भारतीय टीम ने बैट्समैन और बॉलर दोनों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाने का अवसर मिला।
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लोग टिप्पणियाँ
रविंद्र जडेजा का यह उल्लेखनीय प्रदर्शन केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है; यह राष्ट्रीय क्रीड़ा नीतियों में निहित निरंतरता का प्रतिबिम्ब है। जब एक ऑल‑राउंडर ऐसी ऊँचाइयाँ छूता है, तो यह पूरे भारतीय क्रिकेट संरचना की प्रगति को दर्शाता है। इस उपलब्धि को देख कर हमें अपने प्रशिक्षण ढाँचे की समीक्षा करनी चाहिए, न कि केवल प्रशंसा में तल्लीन होना चाहिए।
जडेजा ने तो बँगला⚡️में बॉलिंग और बैटिंग दोनों में जलवा दिखा दिया 🙌! इस जीत से तो हमारे दिलों में भी बसी हुई क्रिकेट की धुन तेज़ हो गई है 😂। ऐसे खिलाड़ी हर टीम की ताकत बड़ाते हैं, भाईसाब।
जडेजा की ये नई रैंकिंग भारतीय टीम के भविष्य के लिये बड़ी आशा ले कर आती है। उसका फॉर्म लगातार बेहतर हो रहा है और युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देगा। अब हम सब मिलकर इस ऊर्जा को आगे बढ़ाएंगे
जडेजा की टॉप पोजीशन देख के दिल में गर्व की लहर है, पर ये सच्चाई नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती कि हमारी टीम अभी भी कई चुनौतियों का सामना करती है। हर खिलाड़ी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, वरना हम पीछे रह जाएंगे।
ये जडेजा जइसे खिलाड़ी की जीत से भारत की शान और बढ़ी है, विदेशी टीमों को समझना चाहिए कि हम कभी हार नहीं मानते। हमारी पिच, हमारा जोश, सब एक ही दिशा में है-उपर उठने का।
जडेजा की मेहनत वाकई प्रेरणास्पद है।
जडेजा का दशकों की परिश्रम ने इस क्षण को संभव किया है; यह हमारी राष्ट्रीय भावना की पुनः पुष्टि है। हमें इस उत्कृष्टता को निरंतर पोषित करना चाहिए और आगामी पीढ़ियों को इसी दिशा में प्रेरित करना चाहिए।
रविंद्र जडेजा का करियर‑बेस्ट 25वाँ स्थान एक साधारण आंकड़ा नहीं, बल्कि एक कहानी है जो कई पन्नों में बसी हुई है।
उसकी शुरुआती जिंदगी में कई बार असफलता का सामना करना पड़ा, पर हर बार वह फिर उठ खड़ी हुई।
वह अब न केवल बैटिंग में, बल्कि बॉलिंग में भी अपनी बहुमुखी प्रतिभा से सभी को चकित कर देता है।
इस सीज़न की पहली टेस्ट में उसने 104* बनाकर अपने टीम को विश्वस्तर पर नई दिशा दी।
फिर दूसरे इनिंग में चार विकेट लेकर उसने साबित कर दिया कि वह एक सच्चा ऑल‑राउंडर है।
आईसीसी की रैंकिंग में इस सुधार ने दिखाया कि दृढ़ता और मेहनत का फल कितना मीठा होता है।
पूरे देश में युवा खिलाड़ियों को अब इस प्रकार की लगन और समर्पण की मिसाल मिलती है।
कोचों ने हमेशा कहा है कि तकनीकी प्रशिक्षण के साथ मानसिक दृढ़ता भी आवश्यक है, जो जडेजा ने दिखा दी।
भविष्य में अगर वह इस फॉर्म को बरकरार रखता है तो 660 अंक पार करना उसकी तक़दीर बन सकता है।
वह अब न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि टीम के सामूहिक जीत का भी आधार बन चुका है।
इसी तरह की दो‑पहिया प्रदर्शन टीम की लचीलापन को बढ़ाता है और रणनीति में विविधता लाता है।
अगले इंग्लैंड टूर में उसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी, जहाँ पिच पर शर्तें अलग होंगी।
वह अपने अनुभव को युवा बैट्समेन और बॉलर्स दोनों के साथ साझा करके टीम को समग्र रूप से मजबूत बना सकता है।
इस प्रकार की उपलब्धियाँ भारतीय क्रिकेट को विश्व मंच पर एक नई ऊँचाई पर ले जाती हैं।
अंत में, जडेजा की यह यात्रा हमें सिखाती है कि निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
वॉव! जडेजा ने तो इस मैच में पूरे स्टेडियम को झकझोर कर रख दिया! उसकी चमकदार पॉलिश गेंदें और तेज़ी से चलती बॅट्स ने सबका मन मोह लिया। ऐसे ही ज़ोरदार परफ़ॉर्मेंस से ही टीम की जड़ों में नई ऊर्जा आती है!
जडेजा की इस विंनिंग से लगता है कि हमारी बॅटिंग स्ट्रैटेजी सही दिशा में है, लेकिन हमें बॉलिंग में भी उतनी ही कड़ी मेहनत करनी चाहिए। अगर हम फील्डिंग में फोकस बढ़ाएंगे तो विपक्षी टीम को चुनौती देना आसान होगा।
जडेजा की इस जीत में स्टेज के कंडिशन को भी नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता, लेकिन उसका तकनीकी परफॉर्मेंस ही मुख्य कारण है। अगले मैच में उसकी टेम्पो बनाए रखना टीम को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
जडेजा का फॉर्म देखते हुए मेरा दिल बहुत ख़ुश है 😊 उसकी मेहनत सबको प्रेरित करती है।
रविंद्र जडेजा की इस उपलब्धि को केवल अंक के मूल्य से नहीं, बल्कि उसकी खेल-कूद में निहित गहन आत्म-अनुशासन से समझा जा सकता है। यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत उत्कर्ष और सामूहिक सफलता के बीच एक सूक्ष्म संतुलन स्थापित किया जा सकता है।
बिलकुल सही कहा, जडेजा का ट्रैडिशनल एथलेटिक डिसिप्लिन टीम को नई दिशा देता है।
जडेजा की इस टॉप‑रैंकिंग को देख कर यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी ऑल‑राउंडर वैल्यू प्रोपर्टी अब हाई‑परफ़ॉर्मेंस कॅट egory में एंट्री कर चुकी है। हमें इस मोमेंटम को KPI‑बेस्ड स्ट्रैटेजी में इंटीग्रेट करना चाहिए ताकि अगली सीज़न में स्कोरिंग इफ़ेक्टिविटी बढ़े।
इसे देखते हुए टीम मैनेजमेंट को डेट-ड्रिवन इनसाइट्स का उपयोग करके प्लेयर रोस्टर ऑप्टिमाइज़ करना चाहिए, जिससे जडेजा की योगदान को मैक्सिमाइज़ किया जा सके।
जडेजा की फॉर्म पर सभी को एकजुट होना चाहिए, क्योंकि हमारी जीत सबकी सामूहिक मेहनत से ही संभव है।
सही बात है, चलो इस खुशी को साथ में शेयर करें 😎
जडेजा ने जो इम्प्रूवमेंट दिखाया है, वह T20‑सेटअप से अलग टेस्ट‑फ्रेमवर्क में एनालिटिकल एग्जीक्यूशन का परिणाम है-ऐसे एट्रिब्यूट्स को स्केलिंग प्लान में शामिल करना आवश्यक है।
आख़िर में, रैंकिंग तो सिर्फ़ संख्या है, असली खेल का मज़ा तो मैदान में खून-पसीने से बनता है।