लेह में जन-ज़ेड का विरोध: राज्यhood की मांग पर छात्रों ने पुलिस वैन जलाई

प्रदर्शन की पृष्ठभूमि

जून 2024 में लेह में युवा वर्ग ने लद्दाख को पूर्ण राज्यhood और संविधान के छठे शेड्यूल में शामिल करने की मांग पर सड़कों पर उतरना शुरू किया। यह मांग 2019 में केन्द्र सरकार द्वारा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना देने के बाद से ही कई बार दोहरायी गयी थी। छात्रों ने कहा कि <सिर्फ़ केन्द्र शासित प्रदेश होना उनके राजनीतिक अधिकारों को सीमित कर देता है,> इसलिए वह पूर्ण राज्यhood की माँग कर रहे हैं।

विरोध का मुख्य चेहरा सोनम वांगूक था, जिसने 15‑दिन का हंगर स्ट्राइक किया था। उनका दावा था कि केन्द्र सरकार ने ‘चार बिंदु समझौता’ में दी गई प्रतिज्ञा तोड़ दी है, जिसमें राज्यhood, शेड्यूल‑VI, स्थानीय नौकरियों का आरक्षण और जल संसाधन अधिकार शामिल थे।

हिंसा और आरोप

हिंसा और आरोप

सोनम वांगूक ने उपवास तोड़ने के बाद लेह के विभिन्न कॉलेजों और कालेजों में बड़ी संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरना शुरू किया। इस दौरान पुलिस वैन पर ज्वालामुखी की तरह आग लगाई गयी, जिससे सुरक्षा कर्मियों को गंभीर खतरा पैदा हो गया। कुछ ही क्षणों में स्थानीय भाजपा कार्यालय को भी आग की लपटों ने घेर लिया। कई निजी वाहनों को भी जला दिया गया, जिससे अस्थायी रूप से लेह की सड़कों पर संपूर्ण प्रतिबंध लागू हो गया।

हिंसा के दौरान तीन‑चार लोगों की मौत की रिपोर्ट आई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग विभिन्न प्रकार की चोटों से ग्रस्त हो गये। लद्दाख पुलिस के डाइरेक्टर जनरल ने कहा कि मृत्यु संख्या अभी पुष्टि हो रही है, लेकिन स्थानीय स्रोतों के हिसाब से यह संख्या कम नहीं है।

सैकड़ों छात्रों ने अपने नारों में सरकार पर ‘वचन तोड़ने’ और ‘न्याय की मांग’ का आरोप लगाया। उन्होंने कुछ मुख्य मांगों को बुलेट लिस्ट में भी पेश किया:

  • लद्दाख को पूर्ण राज्यhood देना।
  • संविधान के छठे शेड्यूल में लद्दाख को शामिल करना, ताकि स्थानीय स्वायत्तता सुरक्षित रहे।
  • स्थानीय युवाओं के लिए शैक्षणिक और सरकारी नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित करना।
  • जल और ऊर्जा संसाधनों पर लद्दाख की अधिकारिकता को मान्यता देना।

लद्दाख के लेफ़्टिनेंट गवर्नर ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा ने वीडियो संदेश में हिंसा की निंदा की और सभी पक्षों से शांति और एकजुटता की अपील की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आवाज़ उठाना स्वाभाविक है, परंतु हिंसा से समाधान नहीं मिलता।

इस संघर्ष के चलते लेह में कई स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गये। व्यापारियों का कहना है कि आर्थिक नुकसान भी काफी बड़ा हो रहा है। स्थानीय नागरिकों ने भी तनावपूर्ण माहौल के कारण अपना दैनिक कार्य रोक दिया है।

जन-ज़ेड के इस बड़े पैमाने के विरोध ने लद्दाख की युवा पीढ़ी की निराशा को उजागर किया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार इन मांगों को गंभीरता से नहीं लेती, तो भविष्य में और बड़े आंदोलन की सम्भावना बनी रहेगी।

भविष्य में इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने संवाद प्रक्रिया की मांग की है, ताकि लद्दाख के असंतोष को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।

लोग टिप्पणियाँ

  • Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch सितंबर 25, 2025 AT 22:50

    ये सब बकवास है। पुलिस वैन जलाने से क्या होगा?

  • Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy सितंबर 27, 2025 AT 13:18

    इन युवाओं को सिर्फ़ राज्य नहीं, बल्कि अपनी पहचान और भविष्य की जरूरत है। उनकी आवाज़ सुनो, नहीं तो और बुरा होगा।

  • Shubham Ojha
    Shubham Ojha सितंबर 28, 2025 AT 05:54

    लद्दाख की धरती जितनी ऊँची है, उतनी ही उनकी उम्मीदें हैं। ये बच्चे बस अपने आपको एक जगह बनाना चाहते हैं, जहाँ उनकी आवाज़ गूँजे।

  • Jay Sailor
    Jay Sailor सितंबर 29, 2025 AT 23:43

    राज्य बनाने की बात कर रहे हैं? ये सब अंग्रेजों की बनाई रेखाएँ हैं। हमारा देश एक है, और ये छोटे-छोटे टुकड़े करने की कोशिश असल में विघटन है। जब तक हम एक रहेंगे, तब तक कोई नहीं टूट सकता।

  • tejas maggon
    tejas maggon सितंबर 30, 2025 AT 05:40

    csgo khele the kya ye log? plicewali van jala di... abhi bhi koi nahi bol raha ki kisne di thi command?

  • Viraj Kumar
    Viraj Kumar सितंबर 30, 2025 AT 10:33

    हिंसा कभी समाधान नहीं होती। आप जो कर रहे हैं, वह न्याय के नाम पर अन्याय है। आपके नारों के पीछे भावनाएँ हैं, लेकिन आपकी कृतियों के पीछे अंधविश्वास है।

  • Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty अक्तूबर 1, 2025 AT 05:50

    क्या तुमने कभी लद्दाख की बर्फ़ और आकाश को देखा है? वहाँ के लोग बस अपनी जमीन के लिए लड़ रहे हैं। तुम जो कह रहे हो वो सिर्फ़ शहरों की बात है

  • Ratna El Faza
    Ratna El Faza अक्तूबर 1, 2025 AT 21:02

    हम सब एक हैं। लेकिन अगर कोई अपने घर को सुरक्षित रखना चाहता है, तो उसे अपना घर बनाने का अधिकार भी देना चाहिए।

  • vineet kumar
    vineet kumar अक्तूबर 3, 2025 AT 07:40

    छठा शेड्यूल नहीं, बल्कि लद्दाख की जनसांख्यिकी और पर्यावरणीय संवेदनशीलता के अनुरूप एक नया विधान चाहिए। राज्य बनाना आसान है, लेकिन व्यवस्था बनाना जटिल है।

  • Upendra Gavale
    Upendra Gavale अक्तूबर 4, 2025 AT 21:33

    जिंदगी बहुत छोटी है... बस एक राज्य चाहिए जहाँ तुम्हारी बात सुनी जाए। 🙏

  • Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan अक्तूबर 5, 2025 AT 02:51

    लेह के लोगों के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है जब तक सरकार बात नहीं करती और उनकी बात सुनती

  • Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali अक्तूबर 6, 2025 AT 13:23

    ओह तो अब राज्य बनाने के लिए वैन जलानी पड़ रही है? अच्छा... तो अगले बार किसी का घर जलाएंगे? क्या ये न्याय है या बस एक अहंकार का बलात्कार?

  • Ronak Samantray
    Ronak Samantray अक्तूबर 6, 2025 AT 15:23

    क्या तुम्हें पता है ये आंदोलन किसके पैसों से चल रहा है? 🤔

  • Anil Tarnal
    Anil Tarnal अक्तूबर 7, 2025 AT 04:39

    मैंने अपने भाई को लेह में देखा था... वो रो रहा था। उसका दिल टूट गया था। इन लोगों को बस एक घर चाहिए। नहीं तो वो खुद को खो देंगे।

  • Keshav Kothari
    Keshav Kothari अक्तूबर 8, 2025 AT 20:26

    हिंसा का आंकड़ा नहीं बढ़ाया जाए। जब तक आंकड़े नहीं आते, तब तक ये सब फेक न्यूज़ है।

  • Nihal Dutt
    Nihal Dutt अक्तूबर 9, 2025 AT 00:45

    पुलिस वैन जलाने वाले को अभी गिरफ्तार कर लो... ये तो बस लोगों को डराने के लिए है। वो बच्चे नहीं हैं, वो बदमाश हैं।

  • DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI अक्तूबर 9, 2025 AT 01:19

    सुनो... ये सब बहुत बुरा लग रहा है। लेकिन अगर हम इन युवाओं को अपना बना लें, तो शायद ये आग बंद हो जाए। 🤝

  • Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar अक्तूबर 9, 2025 AT 21:16

    अगर एक जगह के लोगों को अपने संस्कृति और भूमि के लिए लड़ना है, तो उन्हें अपनी जगह देना चाहिए। नहीं तो आग बुझेगी नहीं।

  • nishath fathima
    nishath fathima अक्तूबर 10, 2025 AT 11:08

    हिंसा के खिलाफ़ मैं हूँ। लेकिन राज्य की मांग गलत नहीं है। यह एक विधानात्मक समस्या है, न कि एक आंदोलन की।

  • abhimanyu khan
    abhimanyu khan अक्तूबर 11, 2025 AT 00:54

    यह आंदोलन असल में एक राजनीतिक योजना का हिस्सा है जिसका उद्देश्य भारत के संघीय संरचना को तोड़ना है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र है।

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