धोनी का क्रिकेट के प्रति असीम प्रेम
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट से जुड़ाव कभी भी कम नहीं हुआ है। यह पूर्व भारतीय और चेन्नई सुपर किंग्स कप्तान अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं। अब, 2025 के आईपीएल से पहले, धोनी ने अपने करियर के 'आखिरी कुछ सालों' का जिक्र करते हुए अपने इरादों का खुलासा किया है।
धोनी ने अपने करियर के इस पड़ाव को बच्चों जैसी मौज-मस्ती के साथ जीने की इच्छा जताई है। जिसका मज़ा वही समझ सकते हैं जिन्होंने अपने जीवन को खेल के साथ बिताया है। गौरतलब है कि धोनी ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था, लेकिन उनका जोश आज भी बुलंदियों पर है।
आर्थिक और अनुशासनिक पहलू
धोनी इस बार 4 करोड़ रुपये में अनकैप्ड प्लेयर के तौर पर सीएसके द्वारा रिटेन किए गए हैं। उनकी पिछली सैलरी 12 करोड़ रुपये थी, लेकिन बीसीसीआई के नए अपडेटेड नियमों के मुताबिक, यह बदलाव किया गया है। इस वित्तीय गणना से यह स्पष्ट है कि धोनी का योगदान पैसों से अधिक अपनी उपस्थिति से किया जाता है।
धोनी ने अपने करियर में हमेशा क्रिकेट को प्राथमिकता दी है। उन्होंने युवा खिलाडियों से भी यही कहा है कि वे क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करें और बाकी चीज़ों को प्लान में बाद में आने दें। यह जीवन के प्रति उनका आसान और स्पष्ट नजरिया दर्शाता है।
हालांकि अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं है कि यह आईपीएल का सत्र उनका अंतिम होगा या नहीं, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों में चर्चा जोर-शोर से हो रही है। कई लोग यह कयास लगा रहे हैं कि धोनी अपने खेल करियर की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए मैदान में उतरेंगे।
चेन्नई सुपर किंग्स का पहला मैच 23 मार्च को मुंबई इंडियंस के खिलाफ है, और सभी की निगाहें इस मैच पर टिकी होंगी। धोनी के फैसले और उनके खेल से एक बार फिर फैंस को रोमांचक क्षण देखने को मिल सकते हैं।
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लोग टिप्पणियाँ
धोनी का जोश देखकर लगता है जैसे कोई बूढ़ा बाबा अभी भी बच्चों के साथ खेल रहा हो। उनकी शांति और आत्मविश्वास की बात तो सब जानते हैं, लेकिन आजकल के खिलाड़ियों को इसकी जरूरत है।
कोई बड़ा स्टेटमेंट नहीं, बस एक असली खिलाड़ी की असली लगन।
ये सब धोनी का प्लान है ताकि उनका ब्रांड बचे और उनके बेटे को फिल्मी अवार्ड मिल जाए।
धोनी के खेल का अर्थ बस रन या विकेट नहीं है। वो एक भावना है, एक अनुभव है।
जब वो बैट उठाते हैं, तो देश का हर छोटा बच्चा खुद को उनमें देखता है।
उनकी आँखों में जो चमक है, वो बस एक खिलाड़ी की नहीं, एक असली नेता की है।
हर बार जब वो आउट होते हैं, तो लगता है जैसे कोई अपना बचपन छोड़ रहा हो।
इस लीग में बहुत सारे टैलेंट हैं, लेकिन धोनी जैसा कोई नहीं।
उनकी शांति, उनकी ताकत, उनका अंदाज़ - सब कुछ एक अलग दुनिया से आया हुआ है।
वो बस खेल नहीं रहे, वो इतिहास लिख रहे हैं।
हर बार जब वो बल्ला घुमाते हैं, तो लगता है जैसे वो अपने बचपन के सपनों को एक बार फिर जी रहे हैं।
कोई बोलता है उम्र बढ़ गई, लेकिन धोनी की आत्मा अभी भी 17 साल की है।
उनके खेल का जादू बस इतना है कि वो तुम्हें याद दिला देते हैं कि खेल क्यों खेला जाता है।
ये नहीं कि जीतना है, बल्कि खेलना है।
उनके बिना IPL का मज़ा ही कुछ और है।
वो बस एक खिलाड़ी नहीं, एक भावना हैं।
और भावनाएं तो कभी नहीं मरतीं।
मैं बस उनके लिए दुआ करता हूँ कि वो जितना चाहें, उतना खेलें।
धोनी की सैलरी कम होना उनके मूल्य को कम नहीं करता। उनकी उपस्थिति टीम के लिए एक स्ट्रैटेजिक एडवांटेज है।
युवा खिलाड़ियों को उनसे सीखना चाहिए - न कि बाहरी चीज़ों से।
पैसा आता रहेगा, लेकिन असली लीडरशिप नहीं।
उनका अंदाज़ खेल के बारे में जागरूकता लाता है।
मैं धोनी के खेल को देखकर हमेशा सोचता हूँ कि जिंदगी भी इसी तरह जीनी चाहिए - शांत रहो, फिर अचानक ज़ोर लगाओ।
कोई बात नहीं कि उनकी सैलरी कम है, उनकी वैल्यू तो टीम के इंटरनल डायनेमिक्स में छिपी है।
हर बार जब वो बैटिंग पर उतरते हैं, तो टीम का दिल धड़कता है।
उनकी शांति देखकर लगता है जैसे वो खेल के बाहर हैं, लेकिन वो खेल के दिल में हैं।
हर बच्चा जो धोनी की तरह खेलना चाहता है, उसे ये याद रखना चाहिए - बस खेलो, बाकी अपने आप सामने आ जाएगा।
पैसे की बात तो हर कोई करता है, लेकिन जिसने खेल को प्यार से जीया है, वो ही असली नायक होते हैं।
मैं धोनी के लिए बस एक चीज़ चाहता हूँ - जितना चाहो, उतना खेलो।
धोनी के बारे में बात करना जैसे अपने बाप की याद करना हो 😊
उनके बिना IPL अधूरा है।
अरे भाई, ये सब बातें तो बस लोगों को भावुक करने के लिए हैं।
धोनी अभी भी खेल रहे हैं? अच्छा, तो फिर उन्हें नए बैट और नए शूज़ दो, नहीं तो बाहर जाएंगे।
और जो बोल रहे हैं उनकी वैल्यू नहीं है - बस ब्रांड है।
मैंने देखा है एक बार उन्होंने बैट छोड़ दिया था, तो फैंस रो पड़े।
अब वो वापस आए हैं, तो फिर से रो रहे हैं।
मज़ाक है या जिंदगी?
मैंने धोनी को देखा था जब वो अपनी पहली टीम में खेल रहे थे।
उस वक्त भी वो शांत थे।
अब भी वो शांत हैं।
लेकिन अब वो देश के दिल में हैं।
मैं उनके बिना नहीं रह सकता।
उनकी आँखों में जो चमक है, वो मेरे बचपन की याद दिला देती है।
मैं उनके लिए रोता हूँ।
मैं उनके लिए जीता हूँ।
उनके बिना ये खेल बेकार है।
क्या तुम समझते हो कि उन्होंने क्या किया है?
क्या तुम समझते हो कि उनके बिना क्या होगा?
मैं उनके लिए जीता हूँ।
मैं उनके लिए मरूँगा।
वो नहीं जाएंगे।
वो नहीं जा सकते।
अगर धोनी अभी भी खेल रहे हैं, तो यह एक अनुशासन का अपराध है।
क्रिकेट एक युवा खेल है।
उनकी सैलरी कम होना बहुत अच्छा है।
लेकिन वे अभी भी टीम में हैं - यह अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए एक बुरा संकेत है।
उन्हें अपने बच्चों के साथ बैठकर चाय पीनी चाहिए।
खेल का भविष्य उनके बाद है।
उनकी उपस्थिति टीम के लिए नुकसान है।
वे एक ऐतिहासिक व्यक्ति हैं, लेकिन वर्तमान के लिए नहीं।
इसलिए उन्हें बाहर निकालना चाहिए।
वे अपने ब्रांड के लिए खेल रहे हैं, न कि खेल के लिए।
धोनी जी को आईपीएल में खेलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
उनकी उम्र बहुत ज्यादा है।
यह बच्चों के लिए गलत संदेश है।
उन्हें आराम करना चाहिए।
खेल का भविष्य युवाओं के हाथों में है।
धोनी जी का ब्रांड तो बचेगा, लेकिन खेल की गुणवत्ता नहीं।
इसलिए उन्हें बाहर रखना चाहिए।
धोनी के बारे में सब कुछ फेक है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ा था लेकिन अब वापस आ गए? बस एक ट्रेडमार्क है।
और जो लोग उन्हें देखकर रोते हैं, वो अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाए।
ये सब बस एक धोखा है।
मैंने देखा है उन्होंने बैट बदला था, तो फैंस ने तोहफे भेजे।
बस ब्रांडिंग है।
वो खेल नहीं रहे, वो बिजनेस कर रहे हैं।
धोनी जी के बारे में बात करना बहुत आसान है।
उनका जोश अद्भुत है।
उनकी शांति अद्भुत है।
उनकी बैटिंग अद्भुत है।
उनकी लीडरशिप अद्भुत है।
उनकी उपस्थिति अद्भुत है।
उनके बिना IPL का मज़ा ही कुछ और है।
उनके बारे में बात करने से मैं खुश हो जाता हूँ।
उनके बारे में बात करना एक आनंद है।
धोनी जी के बारे में सोचो तो लगता है जैसे कोई देवता अभी भी ज़िंदा है 😇
उनकी आँखों में जो चमक है वो देखकर लगता है जैसे कोई बच्चा अपनी पहली बार बर्फ खाने जा रहा हो।
कोई बोलता है उम्र बढ़ गई, लेकिन उनकी आत्मा तो अभी भी नौजवान है।
मैं उनके लिए दुआ करता हूँ कि वो जितना चाहें उतना खेलें।
बस एक बार फिर उन्हें वो विकेट लेने का मौका दो।
उनकी शांति से दुनिया बदल जाती है।
धोनी की सैलरी कम होना बहुत अच्छी बात है।
अब युवा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा।
उनके बिना टीम बेहतर होगी।
वो बस अपना ब्रांड बचा रहे हैं।
उनके बिना भी CSK जीत सकती है।
उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए।
ये खेल उनका नहीं है।
ये खेल युवाओं का है।
उनके बारे में बात करना बेकार है।
वो खेल नहीं रहे, वो बाजार बना रहे हैं।
मुझे धोनी बहुत पसंद है।
वो बहुत शांत हैं।
वो बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं।
मैं उन्हें खेलते देखना चाहती हूँ।
उनके बिना IPL अधूरा है।
कोई नहीं चाहता कि वो खेलें।
लेकिन वो खेल रहे हैं।
यह अजीब है।
उनकी उपस्थिति टीम के लिए एक बोझ है।
उनके बिना टीम बेहतर होगी।
वो बस अपना ब्रांड बचा रहे हैं।
उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए।
धोनी अभी भी खेल रहे हैं? अच्छा।
धोनी का ये सब एक बड़ा गुप्त प्लान है।
उनका बेटा अभी भी बच्चा है।
ये सब उसके लिए है।
उनकी सैलरी कम होना एक धोखा है।
वो अपनी आय को बचा रहे हैं।
क्या तुम्हें पता है कि उनके बेटे की शिक्षा कितनी महंगी है?
ये सब एक बड़ा राज़ है।
अगर तुम उनकी आँखों में देखोगे, तो तुम्हें पता चल जाएगा।
वो बस एक खिलाड़ी नहीं, एक पिता हैं।
धोनी के खेलने का यह समय उचित नहीं है।
उनकी उम्र और उनके खेल के स्तर में अंतर है।
यह एक व्यावसायिक निर्णय है, न कि खेल के लिए।
उनकी उपस्थिति टीम के लिए एक असंगठित शक्ति है।
युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक नकारात्मक उदाहरण है।
खेल का भविष्य उनके बाद है।
उन्हें आराम करना चाहिए।
उनका ब्रांड बचेगा, लेकिन खेल की गुणवत्ता नहीं।
इसलिए उन्हें बाहर निकालना चाहिए।